Christmas Day Essay in Hindi: क्रिसमस डे के निबंध को ऐसे बनाएं दमदार, मिलेंगे शत प्रतिशत मार्क्स
Christmas Day Short Essay in Hindi 2022: 25 दिसंबर को पूरे विश्व में धूमधाम से क्रिसमस डे मनाया जाता है। वहीं अब क्रिसमस में गिनती के दिन बाकी हैं। स्कूल, कॉलेज व अन्य शैक्षणिक संस्थानों में क्रिसमस डे के अवसर पर भाषण प्रतियोगिता व निबंध प्रतियोगिता समेत कई तरह के कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। ऐसे में यदि आप भी क्रिसमस डे के अवसर पर निबंध प्रतियोगिता में हिस्सा लेने जा रहे हैं, तो यहां आपको सबसे सरल व शानदार निबंध मिल जाएगा।
क्रिसमस डे पर सबसे छोटा व दमदार भाषण
मुख्य बातें
- 25 दिसंबर को मनाया जाता है क्रिसमस डे।
- इस दिन प्रभु यीशु ने धरती पर लिया थाअवतार।
- सबसे पहले रोम में मनाया गया था क्रिसमस का पर्व
Christmas Day Short Essay in Hindi 2022: पूरी दुनिया में क्रिसमस का त्योहार बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। हालांकि क्रिसमस इसाई धर्म के प्रमुख त्योहारों में से एक है, लेकिन सभी धर्म के लोग क्रिसमस का त्योहार बड़े धूमधाम से (Christmas Day 2022) मनाते हैं। खासकर बच्चों के लिए यह सबसे पसंदीदा त्योहारों है। बच्चे इस दिन को लेकर काफी उत्साहित रहते हैं, उनका मानना है कि सेंटा क्लॉज उपहार लेकर आते हैं। खासकर विदेशों में इस पर्व पर काफी धूम देखने को मिलती है। क्रिसमस से एक दिन पूर्व सभी स्कूल, कॉलेज व कंपनियों में अवकाश घोषित कर दिया (Short Essay on Christmas) जाता है। पूरा बाजार क्रिसमस ट्री और लाइट से जगमगाता रहता है।संबंधित खबरें
ईसाई धर्म के अनुयाइयों का मानना है कि, इस दिन प्रभु यीशु ने धरती पर अवतार लिया था। ईसाह मसीह ने पूरी दुनिया को एकता व भाईचारे की सीख दी और लोगों को ईश्वर के करीब रहने का मार्ग दिखाया तथा लोगों को प्यार व क्षमा का संदेश दिया। कहा जाता है कि, ईसाह मसीह ने ही ईसाई धर्म की स्थापना की और इसका प्रचार प्रसार किया। ईसाई धर्म के लोग उन्हें भगवान का स्वरूप मानते हैं।संबंधित खबरें
इतिहासकारों का मानना है कि 336 ईसा पूर्व रोम में सबसे पहले क्रिसमस का पर्व मनाया गया था। आज यह पूरे विश्व में ईसाई धर्म के लोगों द्वारा धूमधाम से मनाया जाता है। इस दिन लोग अपने घरों को क्रिसमस ट्री से सजाते हैं और केक काटकर सेलिब्रेट (Christmas Essay 10 Lines) करते हैं। बता दें विदेशों में क्रिसमस डे का सेलिब्रेशन 12 दिनों तक चलता है। इस अवसर पर स्कूल कॉलेज व अन्य शैक्षणिक संस्थानों में भाषण प्रतियोगिता, निबंध प्रतियोगिता समेत अन्य कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। ऐसे में यदि आप भी क्रिसमस डे के अवसर पर निबंध प्रतियोगिता में हिस्सा लेने जा रहे हैं तो यहां आपको अपने निबंध को दमदार बनाने के शानदार स्टेप्स बताएंगे।संबंधित खबरें
क्रिसमस डे निबंध को ऐसे बनाएं दमदारयदि आप चाहते हैं कि, आपका निबंध पढ़ने वाले की आंखें पन्ने से हटने का नाम ना लें, तो अपने निबंध की शुरुआत क्रिसमस डे के किसी शानदार कोट्स से करें। ध्यान रहे निबंध कम से कम 500 से 700 शब्दों का होना चाहिए। यदि आपको सीमित शब्दों में निबंध लिखना है तो इसमें केवल महत्वपूर्ण बातों का जिक्र करें। छात्र नीचे दिए गए इस शानदार कोट्स से अपने निबंध की शुरुआत कर सकते हैं।
महत्वपूर्ण बातों का करें जिक्रसंबंधित खबरें
निबंध को सरल व दमदार बनाने के लिए इसमें महत्वपूर्ण बातों का जिक्र करें। सबसे पहले इसकी एक रूपरेखा तैयार कर लें। इस चार भागों में विभाजित कर लें, इससे पढ़ने वालों को भी आपके निबंध में दिलचस्पी आएगी और आपके लिए भी आसानी होगी। ऐसे बनाएं निबंध की रूपरेखा।संबंधित खबरें
- प्रस्तावना
- क्यों मनाया जाता है क्रिसमस डे
- क्या है क्रिसमस डे का महत्व व इतिहास
- कैसे मनाया जाता है क्रिसमस डे
क्रिसमस डे पर सबसे सरल व शानदार निबंधक्रिसमस डे प्रत्येक वर्ष 25 दिसंबर को मनाया जाता है। बाइबल के अनुसार इस दिन प्रभु यीशु ने धरती पर अवतार लिया था। ईसाह मसीह ने पूरी दुनिया को एकता व भाईचारे की सीख दी और लोगों को ईश्वर के करीब रहने का मार्ग दिखाया तथा लोगों को प्यार व क्षमा का संदेश दिया। इसाई धर्म में क्रिसमस के पेड़ को लेकर भी कई कथाएं प्रचलित हैं। इसे लेकर एक कथा काफी प्रचलित है।
कहा जाता है कि एक बुढ़िया अपने घर देवदार के वृक्ष की एक शाखा लेकर आई और इसे अपने घर के बगीचे में लगा दिया। लेकिन कुछ दिनों बाद इस पर मकड़ी ने अपना जाला बना लिया। वहीं प्रभु यीशू के जन्म के बाद जाला सोने में तब्दील हो गया। निबंध के बीच प्रभु यीशु के जीवन से जुड़ी किसी प्रचलित कहाना का उल्लेख अवश्य करें। इससे निबंध पढ़ने वालों को आपके निबंध के प्रति दिलचस्पी बढ़ेगी। संबंधित खबरें
क्यों कहा जाता है मैरी क्रिसमसअमेरिका समेत कई देशों में हैप्पी क्रिसमस के बजाए मैरी क्रिसमस कहा जाता है। बता दें हैप्पी क्रिसमस के बजाए मैरी क्रिसमस कहना कई सौ साल पुराना रिवाज है। इस शब्द का प्रयोग सबसे पहले 1500 के दशक में एक अंग्रेजी कैथोलिक बिशप ने किया था।
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आदित्य सिंह author
मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम की नगरी अयोध्या का रहने वाला हूं। लिखने-पढ़ने का शौकीन, राजनीति और श...और देखें
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