Constitution Day Speech In Hindi: संविधान दिवस पर देने जा रहे हैं स्पीच, तो यहां बनें भाषण के जादूगर

Constitution Day Speech 2022 In Hindi (संविधान दिवस पर भाषण हिंदी में 2022): 26 नवंबर को पूरे देश में संविधान दिवस मनाया जाता है। इस अवसर पर संसद भवन से लेकर सभी सरकारी संस्थाओं में तरह तरह के कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। वहीं इस दिन के इतिहास व महत्व का जिक्र करने के लिए भाषण प्रतियोगिता का आयोजन किया जाता है। यदि संविधान दिवस पर स्पीच देने जा रहे हैं, तो हमारे इस लेख पर सरसरी निगाहों से एक नजर अवश्य डालें।

Constitution Day Speech In Hindi

संविधान दिवस 2022 पर स्पीच

मुख्य बातें
  • 26 नवंबर को मनाया जाता है संविधान दिवस।
  • 26 नवंबर 1950 को पूर्ण रूप से देश में संविधान लागू किया गया था।
  • भाषण के दौरान संविधान के निर्माता बाबा साहब भीमराव अंबेडकर का जिक्र करना ना भूलें।
Constitution Day Speech 2022 In Hindi (संविधान दिवस पर भाषण हिंदी में 2022): संविधान केवल वकीलों का दस्तावेज नहीं बल्कि यह जीवन का एक माध्यम है, बाबा साहब भीमराव अंबेडकर साहब की ये लाइन संविधान की परिभाषा को दर्शाती है। बिना संविधान के आजाद भारत में जीवन की कल्पना करना असंभव है। जब-जब देश घने अंधेरे से गुजरा संविधान ने मंजिल की रोशनी दिखाई। सदियों से गुलामी की बेड़ियों से निकलने के बाद टूटे देश को संविधान ने एक संबल (Constitution Day Speech) दिया। वहीं इसमें दिए मौलिक अधिकार हमारी ढाल बनकर हमें हमारा हक दिलाते हैं। साथ ही इसमें दिए मौलिक कर्तव्य हमें हमारे कर्तव्यों की याद दिलाते हैं। बता दें हमारा संविधान दुनियाभर के 60 लोकतांत्रिक देशों के संविधान का मिश्रण है। इसे तैयार करने में करीब 2 साल 11 महीने 18 दिन का समय लगा था। वहीं अंतिम रूप देने से पहले इसमें 2000 से अधिक संशोधन किए गए थे।
संविधान सभा का गठन जुलाई 1946 में किया गया। संविधान सभा में कुल 389 सदस्य थे, जिसमें महिला सदस्यों की कुल संख्या 12 थी। संविधान सभा ने वर्तमान संविधान को 26 नवंबर 1946 को विधिवत रूप से अपनाया (Constitution Day Celebration) था। वहीं 26 जनवरी 1950 को इसे पूर्ण रूप से लागू किया गया था। संविधान के महत्व व इतिहास के प्रति लोगों को जागरूक करने व संवैधानिक अधिकारों की रक्षा हेतु प्रत्येक वर्ष 26 नवंबर को संविधान दिवस मनाया जाता है। साल 2015 में बाबा साहब भीमराव अंबेडकर की 125वीं जन्म जयंती पर संविधान दिवस मनाने का फैसला लिया गया। 26 नवंबर को पहली बार संविधान दिवस मनाया गया।
इसके बाद प्रत्येक वर्ष 26 नवंबर को संविधान दिवस मनाया जाता है। इस अवसर पर संसद भवन, सरकारी संस्थानों व स्कूल, कॉलेजों में तरह-तरह के कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। साथ ही शैक्षणिक संस्थानों में भाषण प्रतियोगिता आयोजित की जाती है। ऐसे में यदि आपने भी संविधान दिवस के अवसर पर भाषण प्रतियोगिता में हिस्सा लिया है, तो यहां हम आपको अपनी स्पीच को दमदार बनाने के शानदार तरीके बताएंगे।

बाबा साहब भीमराव अंबेकर के कोट्स से करें स्पीच की शुरुआत

यदि आप चाहते हैं कि, इस संविधान दिवस पर आपका भाषण लोगों में देशभक्ति का जोश पैदा कर दे और भारत माता की जय के नारों से स्टेडियम गूंज उठे, तो अपने भाषण की शुरुआत बाबा साहब भीमराव अंबेडकर के दमदार कोट्स से करें। बता दें बाबा साहब भीमराव अंबेडकर की जन्मजयंती से संविधान दिवस मनाने की घोषणी की गई थी। नीचे दिए इन कोट्स से करें अपने स्पीच की शुरुआत
- वे इतिहास नहीं बना सकते जो इतिहास भूल जाते हैं।
- राजनीति में हिस्सा ना लेने का सबसे बड़ा दंड यह है कि, अयोग्य व्यक्ति आप पर शासन करने लगता है।
- शहीदों के लहू के स्याही से, ये संविधान बना है
हर दिन संभालकर रखो मेरा देश महान बना है।

कुछ इस तरह बनाएं स्पीच को दमदार

मंच पर चढ़ते ही बाबा साहब के शानदार कोट्स से सभी को संविधान दिवस की बधाई दें। इसके बाद मंच पर उपस्थित प्रधानाचार्य महोदय, अतिथिगण व सभा में उपस्थित सभी छात्रों का अभिवादन करें और बेहिचक पूरे जोश व उत्साह के साथ अपने भाषण को लोगों के सामने पेश करें।

संविधान दिवस पर सबसे सरल व जोरदार स्पीच

आदरणीय प्रधानाचार्य महोदय, सम्मानित अतिथिगण, शिक्षकगण व मेरे प्यारे साथियों आज हम सभी 74वें संविधान दिवस के अवसर पर एकत्रित हुए हैं। आज पूरा देश संविधान दिवस मना रहा है। आप सभी जानते हैं आजादी के बाद देश का संचालन करने के लिए एक व्यवस्था की जरूरत थी, जिसमें कानून व्यवस्था, शासन व्यवस्था के नियम हों और हर नागरिक को सम्मान मिले व मानवीय मूल्यों का सम्मान हो। दुनिया के 60 देशों के संविधान को पढ़ने के बाद हमारा संविधान तैयार किया गया। संविधान सभा में कुल 389 सदस्य थे, जिसमें 12 महिलाएं शामिल थी। 26 नवंबर 1949 को संविधान सभा ने वर्तमान संविधान को विधिवत रूप से अपनाया, वहीं 26 नवंबर 1950 को संविधान पूर्ण रूप से लागू किया गया। ध्यान रहे भाषण के दौरान संविधान दिवस का इतिहास व महत्व के साथ रोचक तथ्यों का जिक्र करना ना भूलें। साथ ही भाषण के बीच में किसी कहानी का जिक्र भी अवश्य करें। इस दौरान आप बाबा साहब भीमराव अंबेडकर के संघर्षों को भी याद दिलाएं। बाबा साहब का जिक्र किए बिना आपकी स्पीच अधूरी मानी जाएगी।
भारतीय समाज के निर्माता व समाज सुधारक बाबा साहब भीमराव अंबेडकर का जन्म 14 अप्रैल 1891 में हुआ। बाबा साहब ने ना केवल देश से छुआछूत मिटाने में अहम भूमिका निभाई बल्कि अपना पूरा जीवन गरीबों को समर्पित कर दिया। गरीबों को उनका हक दिलाने व समाज में उनके प्रताड़ित होने पर आवाज उठाने में बाबा साहब का अहम योगदान रहा। बाबा साहब अपने माता पिता के 14वीं और आखिरी संतान थे।
इस प्रकार आप संविधान दिवस पर अपने भाषण को शानदार व दमदार बना सकते हैं। यकीन मानिए तालियों की गड़गड़ाहट आपकी आवाज को बुलंद कर देगी।
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आदित्य सिंह author

मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम की नगरी अयोध्या का रहने वाला हूं। लिखने-पढ़ने का शौकीन, राजनीति और शिक्षा से जुड़े मुद्दों में विशेष रुचि। साथ ही हेल्...और देखें

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