OBC और EWS श्रेणी के लोगों को भी मिले मुफ्त कोचिंग का लाभ, दिल्ली हाईकोर्ट ने जामिया को दी सलाह

Jamia Residential Coaching Academy: आवासीय कोचिंग अकादमी (आरसीए) सिविल सेवा अभ्यर्थियों के लिए एक मुफ्त कोचिंग कार्यक्रम है। इस कार्यक्रम का लाभ केवल महिलाओं और अल्पसंख्यक या अनुसूचित जाति (एससी), अनुसूचित जनजाति (एसटी) समुदायों के सदस्यों को ही मिलता है।

Delhi High Court

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तस्वीर साभार : PTI

Jamia Residential Coaching Academy: दिल्ली उच्च न्यायालय ने जामिया मिल्लिया इस्लामिया से सोमवार को कहा कि वह अपनी आवासीय कोचिंग अकादमी (आरसीए) में ओबीसी (गैर-क्रीमी लेयर) श्रेणी और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) के छात्रों को प्रवेश देने के अनुरोध वाली एक जनहित याचिका को प्रतिनिधित्व के रूप में मानकर इस मसले पर निर्णय ले। दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा कि OBC और EWS वर्ग के लोग भी पिछड़े हैं और उन्हें मुफ्त कोचिंग का लाभ दिया जाना चाहिए। अदालत ने जामिया मिल्लिया इस्लामिया को कानून के अनुसार चार सप्ताह में निर्णय लेने का निर्देश दिया है।

याचिकाकर्ता ने कहा कि आरसीए सिविल सेवा अभ्यर्थियों के लिए एक मुफ्त कोचिंग कार्यक्रम है। इस कार्यक्रम का लाभ केवल महिलाओं और अल्पसंख्यक या अनुसूचित जाति (एससी), अनुसूचित जनजाति (एसटी) समुदायों के सदस्यों को ही मिलता है। जबकि, अन्य वंचित श्रेणियों को मनमाने ढंग से छोड़ देता है।

चार सप्ताह में लें निर्णय

कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मनमोहन और न्यायमूर्ति मनमीत पीएस अरोड़ा की पीठ ने कहा कि विधि के छात्र सत्यम सिंह ने बिना किसी पूर्व प्रतिवेदन के सीधे अदालत का रुख किया और विश्वविद्यालय से जनहित याचिका में उठाए गए मुद्दे को एक प्रतिवेदन मानते हुए निर्णय लेने के लिए कहा। पीठ ने ने कहा, ‘‘यह अदालत प्रतिवादी नंबर 1 (जामिया मिल्लिया इस्लामिया) को इसे एक प्रतिवेदन के तौर पर मानने और कानून के अनुसार चार सप्ताह में निर्णय लेने के निर्देश के साथ वर्तमान रिट याचिका का निस्तारण करती है।’’

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वर्तमान प्रवेश नीति मनमानी

याचिकाकर्ता का प्रतिनिधित्व वरिष्ठ अधिवक्ता संजय पोद्दार और वकील आकाश वाजपेई और आयुष सक्सेना ने किया। याचिकाकर्ता ने याचिका में कहा कि आरसीए की वर्तमान प्रवेश नीति मनमानी है और ओबीसी एवं ईडब्ल्यूएस छात्रों के साथ भेदभाव करती हैं। आरसीए में दाखिले के लिए सीमित वित्तीय साधन बाधा नहीं हैं। अल्पसंख्यक/एससी/एसटी/महिला वर्ग से आने वाले छात्र भले ही आर्थिक रूप से संपन्न हों, वह मौजूदा नीति के तहत निःशुल्क कोचिंग कार्यक्रम में दाखिला पा जाते हैं।

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