दिल्ली विश्चविद्यालय के लॉ फैकल्टी अंडरग्रेजुएट कोर्स में मनुस्मृति की होगी पढ़ाई, जानें शिक्षकों ने क्यों शुरू किया विरोध

Delhi University to Introduce Manusmriti: दिल्ली विश्वविद्यालय के विधि संकाय ने अपने स्नातक कार्यक्रम में न्यायशास्त्र (कानूनी पद्धति) नामक पेपर के अंतर्गत प्राचीन संस्कृत ग्रंथ मनुस्मृति को शामिल करने की योजना बनाई है, जिसके कारण विश्वविद्यालय के कुछ संकाय सदस्यों ने इस कदम पर चिंता जताई है।

दिल्ली विश्चविद्यालय के लॉ फैकल्टी अंडरग्रेजुएट कोर्स में मनुस्मृति की होगी पढ़ाई

Delhi University to Introduce Manusmriti: दिल्ली विश्वविद्यालय के एलएलबी के छात्रों को मनुस्मृति पढ़ाने के प्रस्ताव की शिक्षकों के एक वर्ग ने आलोचना की है। 12 जुलाई 2024 को अकादमिक परिषद की बैठक में मनुस्मृति पढ़ाए जाने पर चर्चा की जानी है। खबर है कि संशोधित पाठ्यक्रम दस्तावेज को अगस्त में आगामी शैक्षणिक सत्र में इसके कार्यान्वयन को पारित करने के लिए शुक्रवार को डीयू की अकादमिक मामलों की अकादमिक परिषद के समक्ष रखा जाएगा।

खबर है कि विधि संकाय ने अपने प्रथम और तृतीय वर्ष के विद्यार्थियों को ‘मनुस्मृति’ पढ़ाने के लिए पाठ्यक्रम में संशोधन करने के वास्ते दिल्ली विश्वविद्यालय (DU) की निर्णय लेने वाली सर्वोच्च संस्था से मंजूरी मांगी है।

न्यायशास्त्र विषय के पाठ्यक्रम में परिवर्तन एलएलबी के प्रथम और छठे सेमिस्टर से संबंधित है। संशोधनों के अनुसार विद्यार्थियों के लिए दो पाठ्यपुस्तकों- जी.एन. झा द्वारा लिखित ‘मेधातिथि के मनुभाष्य के साथ मनुस्मृति’ और टी. कृष्णस्वामी अय्यर द्वारा लिखी ‘मनुस्मृति- स्मृतिचंद्रिका का टीका’ पाठ्यक्रम में शामिल करने का प्रस्ताव है।

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