Gandhi Jayanti Speech 2022: गांधी जी के जीवन से जुड़ी इस घटना का करें जिक्र, गूंज उठेंग सभागार

Gandhi Jayanti Speech In Hindi 2022 (गांधी जयंती पर भाषण हिंदी में 2022): इस साल देश महात्मा गांधी की 153वीं जन्म जयंती मना रहा है। आधुनिक भारत निर्माण में और स्वतंत्रता संग्राम में महात्मा गांधी की भूमिका से अवगत कराने के लिए भाषण प्रतियोगिता आयोजित होती है। ऐसे में अगर आप भी भाषण प्रतियोगिता का हिस्सा बन रहे हैं तो बापू के जीवन से जुड़ी इस घटना का अपने भाषण का हिस्सा बनाएं।

गांधी जयंती पर ऐसे दें स्पीच

मुख्य बातें
  • देश महात्मा गांधी की 153वीं जन्म जयंती मनाने जा रहा है।
  • महात्मा गांधी का जन्म 2 अक्टूबर 1869 को हुआ था।
  • गांधी जी को राष्ट्रपिता के नाम से भी संबोधित किया जाता है।
Gandhi jayanti Speech 2022 (गांधी जयंती पर भाषण हिंदी): आजादी के बाद आधुनिक भारत के निर्माण में महात्मा गांधी का अतुलनीय योगदान रहा है। वह स्वतंत्रता संग्राम के एक ऐसे नेता थे, जिसने सत्य व अहिंसा के मार्ग पर चलते हुए अंग्रेजों को जड़ से उखाड़ फेंक दिया। महात्मा गांधी का पूरा नाम मोहनदास करमचंद गांधी था। उनका जन्म 2 अक्टूबर 1869 को गुजरात के पोरबंदर में हुआ था। आपको शायद ही पता होगा महात्मा गांधी ने साल 1891 में इंग्लैंड में बार का एग्जाम पास किया था। इसके बाद वकालत शुरू करने के लिए (Gandhi Jayati Speech In Hindi) भारत वापस लौटे। भारत वापस लौटने के बाद महात्मा गांधी ने पहले बॉम्बे उच्च न्यायालय और बाद में राजकोट उच्च न्यायालय में वकालत की, लेकिन कुछ बात नहीं बनी। इस दौरान महात्मा गांधी आर्थिक संकट से जूझ रहे थे। इसी बीच बापू को साउथ अफ्रीका के डरबन शहर में वकालत का मौका मिला। ये मौका बापू के लिए किसी वरदान से कम नहीं था। लेकिन इस बीच बापू को कई घटनाओं ने आहत किया।
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महात्मा गांधी संपूर्ण जीवन में समावेशी, समतामूलक और विविधताओं से भरे पक्षधर थे। उन्होंने देश में सामाजिक व आर्थिक शोषण को खत्म करने के लिए कार्य किया, इसमें वह काफी हद तक सफल भी रहे। इस वर्ष देश महात्मा गांधी की 153वीं जन्म जयंती मनाने जा रहा है। इसके उपलक्ष्य में स्कूल कॉलेज व अन्य शैक्षणिक संस्थानों व कार्यालयों में तरह तरह के कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। वहीं आधुनिक भारत के निर्माण में व स्वतंत्रता संग्राम में महात्मा गांधी की भूमिका से अवगत कराने के लिए भाषण प्रतियोगिता आयोजित की जाती है। ऐसे में यदि आपने भी स्पीच में भाग लिया है, तो बापू के जीवन से जुड़ी इस घटना का अपने स्पीच में जिक्र अवश्य करें, यकीन मानिए सभागार में उपस्थित लोग आपके मुरीद हो उठेंगे और तालियों से शोर से पूरा स्टेडियम गड़गड़ा उठेगा।
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