NCERT की पाठ्यपुस्तकों में बदलाव को लेकर बहस, तथ्यों से छेड़छाड़ करने का आरोप, जानें क्या है पूरा माजरा

Education News Today : शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (NCERT) की पाठ्यपुस्तकों में बदलाव को लेकर जारी बहस के बीच आई है, जिसमें विपक्ष भाजपा नीत राजग सरकार पर इतिहास के तथ्यों से छेड़छाड़ करने का आरोप लगा रहा है।

NCERT की पाठ्यपुस्तकों में बदलाव

NCERT की पाठ्यपुस्तकों में बदलाव

Education News Today : शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (NCERT) की पाठ्यपुस्तकों में बदलाव को लेकर जारी बहस के बीच आई है, जिसमें विपक्ष भाजपा नीत राजग सरकार पर इतिहास के तथ्यों से छेड़छाड़ करने का आरोप लगा रहा है। भाजपा नेता और विचारक संस्था ‘इंडिया फाउंडेशन’ के संस्थापक शौर्य डोभाल का कहना है कि देश के इतिहास या भूगोल के बारे में गौरव की भावना उत्पन्न करने वाले अंशों का उल्लेख करने के लिए पाठ्यपुस्तकों में बदलाव करने के किसी भी प्रयास को ‘‘भगवाकरण’’ के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए।

हालांकि, उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि बदलाव तथ्यों पर आधारित होने चाहिए।

यहां समाचार एजेंसी के मुख्यालय में ‘PTI’ के संपादकों के साथ बातचीत में डोभाल ने कहा कि इसमें कोई संदेह नहीं है कि मौजूदा पाठ्यपुस्तकों में जो कुछ भी है, वह सुनी-सुनाई बातों पर आधारित नहीं है और उस पर अच्छी तरह शोध किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि यदि बाद में कुछ तथ्य सामने आते हैं और यह सोचा जाता है कि उन्हें छात्रों को पढ़ाया जाना चाहिए, तो इसे ‘‘भगवाकरण’’ के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए।

कहां से आई भगवाकरण की बात

भाजपा नेता ने कहा, ‘‘उदाहरण के लिए मुगल साम्राज्य 1700 के आसपास खत्म हो गया और 1857 में अंग्रेज आए, फिर बीच के समय में किसी ने हम पर शासन किया होगा, लेकिन हम सुनते आ रहे हैं कि हम 1,000 साल से भी ज्यादा समय तक गुलाम रहे, पहले मुगलों के और फिर अंग्रेजों के। हो सकता है कि 100 साल से भी ज्यादा समय के दौरान भारत का फिर से पुनरुत्थान हुआ हो, लेकिन जैसे ही यह विचार सामने आता है, आलोचक कहते हैं कि भगवाकरण किया जा रहा है।’’

बैंकर से राजनेता बने डोभाल ने कहा कि औपनिवेशिक शिक्षा प्रणाली का एक काम यह भी था कि ऐसे लोगों का निर्माण किया जाए जो आत्मगौरव में विश्वास नहीं करते।

पुस्तकों में बदलाव तथ्यों के आधार पर होना चाहिए

उन्होंने कहा, ‘‘मैं यह नहीं कह रहा कि बदलाव तथ्य आधारित नहीं होने चाहिए, लेकिन अगर देश के इतिहास या भूगोल के बारे में कोई ऐसा हिस्सा है जो गौरवान्वित करता है, तो उसे क्यों नहीं उजागर किया जाना चाहिए। मुझे नहीं लगता कि यह भगवाकरण है।’’

डोभाल की यह टिप्पणी राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (NCERT) की पाठ्यपुस्तकों में बदलाव को लेकर जारी बहस के बीच आई है, जिसमें विपक्ष भाजपा नीत राजग सरकार पर इतिहास के तथ्यों से छेड़छाड़ करने का आरोप लगा रहा है।

इनपुट भाषा

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नीलाक्ष सिंह author

उत्तर प्रदेश की राजधानी, नवाबों के शहर लखनऊ का रहने वाला हूं। स्कूली शिक्षा, ग्रेजुएशन, पोस्ट ग्रेजुएशन डिग्री सब इसी शहर से प्राप्त की। मीडिया क्ष...और देखें

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