Engineering Without BTech: बिना बीटेक किए कैसे बनें इंजीनियर, कम समय में करें ये कोर्स, लाखों की मिलती है नौकरी

How to become an Engineer without BTech: टेक्नोलॉजी के विस्तार के जॉब मार्केट में इंजीनियर्स के लिए नौकरियों की डिमांड भी बढ़ती जा रही है। इंजीनियरिंग करने के लिए जरूरी नहीं है कि आप बीटेक कोर्स करें और लाखों का खर्च करें। 10वीं और 12वीं के बाद बिना बीटेक किए भी इंजीनियरिंग में करियर बना सकते हैं। आइए बेस्ट इंजीनियरिंग कोर्स के बारे में विस्तार से जानते हैं।

Engineering without BTECH.

Engineering without BTech

How to Become an Engineer without BTech: इंजीनियरिंग एक ऐसा क्षेत्र है जिसमें सबसे ज्यादा कंपटीशन है। 12वीं के बाद सबसे ज्यादा छात्र इंजीनियरिंग को अपने करियर के तौर पर चुनते हैं। यही वजह है कि JEE Main जैसी परीक्षा में हर साल 15 लाख के करीब छात्र शामिल होते हैं, लेकिन उनमें से कुछ को ही मनचाहे कॉलेज और BTech कोर्स में एडमिशन मिल पाता है। जॉब मार्केट की बात करें तो इंजीनियरिंग की योग्यता रखने वालों के लिए नौकरियों (Job for Engineers in IT Sector) की भरमार है। बता दें कि इंजीनियरिंग में करियर बनाने के लिए BTech करने की जरूरत नहीं है। आप बिना BTech Course किए इंजीनियरिंग में करियर बना सकते हैं। आइए विस्तार से जानते हैं ये कैसे संभव है।

Non BTech Student Engineering Career: इंजीनियरिंग में करियर

इंजीनियरिंग करने के लिए जरूरी नहीं है कि आप 12वीं के बाद बीटेक ही करें। आप 10वीं के बाद भी इंजीनियरिंग कर सकते हैं। इसके लिए 10वीं के बाद पॉलिटेक्निक में एडमिशन (Polytechnic Course Admission) ले सकते हैं। पॉलिटेक्निक करने से आपका समय भी बचेगा और करियर में जल्द आगे भी बढ़ जाएंगे। देश के सरकारी और प्राइवेट पॉलिटेक्निक कॉलेज में कई डिप्लोमा कोर्स कराए जाते हैं। आइए बेस्ट पॉलिटेक्निक डिप्लोमा कोर्स के बारे में जानते हैं।
  • डिप्लोमा इन कंप्यूटर साइंस: कंप्यूटर साइंस में डिप्लोमा एक प्रमाणन पाठ्यक्रम है जो उन छात्रों के लिए डिजाइन किया गया है जो वेब डेवलपमेंट, कंप्यूटर एप्लीकेशन, सॉफ्टवेयर, हार्डवेयर आदि में अपना करियर बनाना चाहते हैं। इस कोर्स की अवधि 3 वर्ष की होती है।
  • डिप्लोमा इन सिविल इंजीनियरिंग: सिविल इंजीनियरिंग 3 साल का डिप्लोमा कोर्स है जिसमें छात्रों को बिल्डिंग की नई डिजाइनिंग, निर्माण और कई अन्य पहलुओं के बारे में ज्ञान मिलता है। सिविल इंजीनियरिंग डिप्लोमा कार्यक्रम में पढ़ाए जाने वाले विषय अधिकांश इंजीनियरिंग कॉलेजों में लगभग समान हैं।
  • डिप्लोमा इन इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग: डिजिटल इलेक्ट्रॉनिक्स, इलेक्ट्रिक मशीनें, टेक्निकल ऑटोमेटिक जैसे टॉपिक्स को बेहतर तरीके से पढ़ने के लिए डिप्लोमा इन इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग कोर्स कर सकते हैं। सबसे ज्यादा सरकारी नौकरी के मौके इस कोर्स को करने के बाद मिलते हैं।
  • डिप्लोमा इन मेकेनिकल इंजीनियरिंग: मैकेनिकल इंजीनियर माइक्रोसेंसर, मेडिकल डिवाइस, कंप्यूटर और कार इंजन से लेकर रोबोट, कुकस्टोव आदि को डिजाइन कर सकते हैं। यह इंजीनियरिंग डिप्लोमा का सबसे रोचक कोर्स है।
  • डिप्लोमा इन इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग: इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग में डिप्लोमा कोर्स करके आईसी, इंडक्टर्स, कैपेसिटर और रेसिस्टर्स के डिजाइन की जानकारी हासिल कर सकते हैं। इस कोर्स को करने के बाद आईटी सेक्टर में टेक्निशियन जैसे पदों पर नौकरी हासिल कर सकते हैं।
  • डिप्लोमा इन बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन: कई पॉलिटेक्निक कॉलेज बिजनेस स्टडीज और एडमिनिस्ट्रेशन के क्षेत्र में भी डिप्लोमा कोर्स कराते हैं। इस कोर्स को 2 साल में पूरा किया जा सकता है। कई कंपनियां इस कोर्स के बाद नौकरी देती हैं।
  • डिप्लोमा इन एस्टेट मैनेजमेंट: पॉलिटेक्निक कॉलेजों से डिप्लोमा इन एस्टेट मैनेजमेंट कोर्स कर सकते हैं। इस कोर्स में जलवायु के विभिन्न हिस्सों, भूमि और नींव क्षेत्र पढ़ सकते हैं। स्मार्ट सिटी विकास में इस कोर्स वालों को हाई सैलरी पर जॉब मिल रही है।
  • डिप्लोमा इन एनीमेशन आर्ट एंड डिजाइन: एनिमेशन और मल्टीमीडिया की पढ़ाई करने के लिए डिप्लोमा इन एनीमेशन आर्ट एंड डिजाइन कोर्स में एडमिशन ले सकते हैं। जिनकी एनीमेशन क्षेत्र में रुचि है और आजकल कार्टून, 3डी/4डी फिल्में आदि जैसे विभिन्न क्षेत्रों में उनका उपयोग होता है, वे इस कोर्स में प्रवेश ले सकते हैं।
  • डिप्लोमा इन पेट्रोलियम इंजीनियरिंग: पेट्रोलियम इंजीनियरिंग में डिप्लोमा 3 साल का कोर्स है, जिसे 6 सेमेस्टर में बांटा गया है। पेट्रोलियम इंजीनियरिंग कच्चे तेल या प्राकृतिक गैस के व्यापक उत्पादन से संबंधित है।
  • डिप्लोमा इन इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग: इलेक्ट्रॉनिक्स और कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग में डिप्लोमा 3 साल की अवधि का एक पॉलिटेक्निक डिप्लोमा कोर्स है। इस कोर्स के बाद इलेक्ट्रॉनिक्स नेटवर्क में कोर्स कर सकते हैं।
  • डिप्लोमा इन ऑटोमोबाइल इंजीनियरिंग: इस कोर्स को करने के बाद ऑटोमोबाइल जैसे कार, ट्रक, मोटरसाइकिल, स्कूटर आदि और संबंधित उप इंजीनियरिंग सिस्टम की डिजाइनिंग, विकास, निर्माण, परीक्षण, मरम्मत और सर्विसिंग से संबंधित कार्य करता है।
  • डिप्लोमा इन बायोटेक्नोलॉजी: पिछले कुछ समय से मेडिकल क्षेत्र में टेक्नोलॉजी में विस्तार के साथ बायोटेक्नोलॉजी कोर्स की डिमांड भी बढ़ गई है। डिप्लोमा इन बायोटेक्नोलॉजी के बाद हेल्थ केयर सेंटर्स, फूड मैन्युफैक्चरिंग इंडस्ट्री, प्लांट रिसर्चर, रिसर्च साइंटिस्ट आदि क्षेत्रों में करियर बना सकते हैं।

Polytechnic Course Admission: कैसे होता है एडमिशन?

पॉलिटेक्निक कॉलेज में एडमिशन के लिए अलग-अलग राज्यों में प्रवेश परीक्षाएं आयोजित की जाती है। प्रवेश परीक्षा में शामिल होने वाले छात्रों का रिजल्ट जारी होता है। इसके बाद सेलेक्ट होने वाले कैंडिडेट्स को काउंसलिंग में शामिल होना होता है। राज्य के अनुसार, पॉलिटेक्निक प्रवेश परीक्षा के नाम यहां देख सकते हैं-
राज्य का नामपॉलिटेक्निक एंट्रेस टेस्ट का नाम
उत्तर प्रदेशJEECUP Exam
उत्तराखंडJEEP Exam
आंध्र प्रदेशAP POLYCET
असमPAT Exam
बिहारBihar DCECE
तेलंगानाTS POLYCET Exam
झारखंडJharkhand PECE

12वीं के बाद BE Course कर सकते हैं

इंजीनियरिंग में करियर बनाने के लिए छात्र बैचलर ऑफ इंजीनियरिंग (BE Course) कर सकते हैं। यह एक चार साल का ग्रेजुएशन कोर्स है जिसमें 8 सेमेस्टर्स होते हैं। बीई कोर्स मुख्य रूप से थ्योरेटिकल नॉलेज और साइंस के इंजीनियरिंग पहलुओं पर आधारित होता है। बीई टेक्निकल नॉलेज या एप्लीकेशन आधारित स्टडीज तक ही सीमित नहीं है। बीटेक की तरह ही इस कोर्स को करने के बाद नौकरियों के कई मौके मौजूद हैं। जूनियर इंजीनियर और टेक्निकल ऑफिसर जैसे पदों पर भर्ती के लिए BE की योग्यता मांगी जाती है।
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Ravi Mallick author

सर्वविद्या की राजधानी कहे जाने वाले वाराणसी का रहने वाला हूं। यहीं से पढ़ाई की शुरुआत हुई। महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन पू...और देखें

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