Essay on Pollution: प्रदूषण पर 300 शब्द का सबसे आसान हिन्दी निबंध, इन बातों को जरूर करें शामिल
Essay on Pollution in Hindi (प्रदूषण पर निबंध हिन्दी में): स्कूलों में बच्चों को अक्सर प्रदूषण पर निबंध लिखने के लिए कहा जाता है। निबंध लिखने से न केवल बच्चे प्रदूषण जैसी गंभीर समस्या को लेकर जागरुक होंगे बल्कि इससे पर्यावरण पर पड़ने वाले बुरे प्रभाव को भी जानेंगे।
Essay on Pollution
Essay on Pollution in Hindi (प्रदूषण पर निबंध हिन्दी में): देश और दुनिया में आज जितनी तेजी से विकास हो रहा है, हमारी पृथ्वी पर प्रदूषण का स्तर भी हर दिन दुगनी गति से बढ़ रहा है। एक तरफ विभिन्न प्रकार के उपकरण हमारे जीवन को आसान बना रहे हैं लेकिन दूसरी तरफ प्रदूषण की वजह से हमारे स्वास्थ्य पर भी गहरा असर पड़ रहा है। बड़ी-बड़ी फैक्ट्रियों से निकलने वाला गंदा पानी, सड़कों पर सरपट दौड़ने वाली गाड़ियों से निकलता धुआं और पटाखों आदि की वजह से ही प्रदूषण फैलता है। प्रदूषण की इस गंभीर समस्या से निपटने के लिए सभी के योगदान की आवश्यकता है। ऐसे में कई बार स्कूलों और कॉलेजों में भी बच्चों को प्रदूषण पर निबंध (Essay on Pollution) लिखने के लिए कहा जाता है। निबंध लिखने से न केवल बच्चे जागरुक होंगे बल्कि इससे पर्यावरण पर पड़ने वाले बुरे प्रभाव को भी जानेंगे। ऐसे में आज हम आपको प्रदूषण पर लगभग 300 शब्दों (Essay on Pollution in 300 Words) का सबसे आसान निबंध बताएंगे।
भारत में प्रदूषण
भारत दुनियाभर में तीसरा सबसे प्रदूषित देश है। स्विस एयर क्वालिटी मॉनिटरिंग संस्था IQAir के अनुसार, दुनियाभर के टॉप 50 सबसे प्रदूषित शहरों में से 42 शहर भारत के थे। दुनिया के टॉप 5 प्रदूषित शहरों में भारत का बेगुसराय गुवाहाटी, दिल्ली, मल्लांपुर और पाकिस्तान का लाहौर शामिल हैं। इसके अलावा नई दिल्ली, सीवान, सहरसा, गोशैनगांव और कटिहार भी टॉप 10 सबसे प्रदूषित शहरों में शामिल है।
Types of Pollution: प्रदूषण के प्रकार
प्रदूषण मुख्य रूप से चार प्रकार के होते हैं, वायु प्रदूषण, जल प्रदूषण, भूमि प्रदूषण और ध्वनि प्रदूषण।
Air Pollution: वायु प्रदूषण
वायु प्रदूषण आज एक गंभीर समस्या है, जो हमारे पर्यावरण को बुरी तरह प्रभावित करती है। मोटर वाहनों और कारखानों आदि से निकलने वाली जहरीली हवा वायु प्रदूषणा का मुख्य कारण है। वायु प्रदूषण की वजह से वायु की गुणवत्ता में कमी आती है। इसके परिणामस्वरूप मानव स्वास्थ्य और प्राकृतिक पर्यावरण पर असर पड़ता है।
Air Pollution
Water Pollution: जल प्रदूषण
पृथ्वी पर बिना जल के जीवन की कल्पना नहीं की जा सकती है लेकिन अब इंसानों द्वारा यह जल प्रदूषित हो रहा है। नदी, तालाब, समुद्र, झील व भू-जल आदि का दूषित होना ही जल प्रदूषण कहलाता है। प्लास्टिक, औद्योगिक कचरा, नालों का गंदा पानी जल प्रदूषण के प्रमुख कारण हैं। जल प्रदूषण से न केवल मनुष्य बल्कि पशु-पक्षी और मछली भी प्रभावित होते हैं। इसकी वजह से कई तरह की बीमारियां भी फैलती हैं।
Water Pollution
Noise Pollution: ध्वनि प्रदूषण
ध्वनि प्रदूषण एक प्रकार का प्रदूषण है, जो तेज और अप्रिय आवाजों के कारण होता है। कारखानों, गाड़ियों, मशीनों, स्पीकरों और पटाखों की आवाज से ध्वनि प्रदूषण फैलता है। जल और वायु प्रदूषण की तरह ध्वनि प्रदूषण के दुष्प्रभाव दिखाई नहीं देते लेकिन यह पर्यावरण के लिए उतना ही खतरनाक है। मानव जीवन के साथ ही यह जानवरों के जीवन के लिए भी हानिकारक है।
Noise Pollution
Soil Pollution: मृदा प्रदूषण
भारतीय आबादी का एक बहुत बड़ा हिस्सा कृषि पर निर्भर है। ऐसे में किसान उत्पादन बढ़ाने के लिए तरह तरह के रासायनिकों का प्रयोग करते हैं। इसके अत्याधिक उपयोग की वजह से मिट्टी दूषित हो जाती है और आगे फसल लगाने लायक नहीं रह जाती है। वहीं, कचड़े को ठीक तरह से डंप न करने की वजह से भी मृदा प्रदूषण होता है। इस वजह से डेंगू जैसी कई जानलेवा बीमारियां जन्म लेती हैं।
Soil Pollution
ऐसे करें सुधार
पर्यावरण को बचाने का काम हम अपने घर से ही शुरू कर सकते हैं। कोशिश करें कि साल में एक पौधा जरूर लगाएं। बिजली या पानी का दुरुपयोग न करें। किसी भी तालाब या नदी को दूषित न करें। प्लास्टिक का उपयोग बंद करें दें और इसकी जगह कागज या कपड़े के थैले का प्रयोग करें। ध्यान रहे कि पृथ्वी सभी मनुष्यों की जरूरत पूरी करने के लिए पर्याप्त संसाधन प्रदान करती है लेकिन लालच पूरा करने के लिए नहीं।
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