Fathers Day Poem In Hindi: फादर्स डे पर प्यार व स्नेह से भरी कविताएं, पढ़ते ही आंखे हो जाएंगी नम
Fathers Day Poem For Kids, Kindrgarten, Pre School In Hindi: जून महीने के तीसरे रविवार को फादर्स डे मनाया जाता है। यहां हम आपके लिए फादर्स डे पर प्यार व स्नेह से भरी कविताएं लेकर (Fathers Day Poem In Hindi) आए हैं। यहां नोट करें फादर्स डे पोएम फॉर किड्स, किंडरगार्ट, प्री स्कूल और डॉटर्स के लिए।
Fathers Day Poem: यहां पढ़ें पिता पर प्यार भरी कविताएं
Fathers Day Poem For Kids, Kindrgarten, Pre School In Hindi: मुझको छांव में रखा और खुद जलता रहा, मैंने देखा इक फरिश्ता बाप की परछाई में...बाप बेटे का रिश्ता दुनिया के सबसे खूबसूरत रिश्तों में से (Fathers Day Poem For Kids) एक है। हर साल पिता के सम्मान में जून माह के तीसरे रविवार को फादर्स डे सेलिब्रेट किया जाता है। इस दिन को मनाने की शुरुआत सैकड़ो वर्ष पूर्व साल 1907 में (Fathers Day Poem For Kindergarten) हुई थी। सोनारा स्मार्ट डोड ने अपने पिता विलियम जैकसन की याद में मनाया था।
वहीं आधिकारिक तौर पर इस दिन को मनाने की घोषणा साल 1966 में राष्ट्रपति लिंड बी जॉनसन (Fathers Day Poem For Pre School) ने की। इसके बाद से प्रत्येक वर्ष जून महीने के तीसरे रविवार को फादर्स डे मनाया (Fathers Day Poem For Students) जाता है। यहां हम फादर्स डे के अवसर प्यार व स्नेह से भरी कविताएं लेकर आए हैं। यहा देखें फादर्स डे पोएम फॉर किड्स, किंडरगार्टन व प्री प्राइमरी के लिए।
Fathers Day Poem For Kids, Kindrgarten, Pre School In Hindi (1)
Fathers Day Poem In Hindi: पिता रोटी है कपड़ा मकान हैपिता रोटी है कपड़ा मकान है,
पिता नन्हें से परिंदे का बड़ा आसमान है,
पिता है तो हर घर में हर पल राग है,
पिता से मां की चूड़ी, बिंदी और सुहाग है,
पिता है तो बच्चों के सारे सपने हैं,
पिता है तो बाजार के सारे खिलौने अपने हैं।
Fathers Day Poem For Kids: मेरा साहस मेरी इज्जतमेरा साहस मेरी इज्जत, मेरा सम्मान है पिता,
मेरी ताकत मेरी पूंजी, मेरी पहचान है पिता।
Fathers Day Poem In Hindi For Kids: फल अच्छे कर्मों काशायद रब ने देकर भेजा फल ये अच्छे कर्मो का,
उसकी रहमत उसकी नियामत उसका है वरदान पिता।
Fathers Day Poem In Hindi: कभी अभिमान तो कभी स्वाभिमानकभी अभिमान तो कभी स्वाभिमान है पिता,
कभी धरती तो कभी आसमान है पिता
जन्म दिया है अगर मां ने
जानेगा जिससे जग वो पहचान है पिता,
कभी कंधे पे बिठाकर मेला दिखता है पिता,
कभी बनके घोड़ा घुमाता है पिता,
मां अगर मैरों पे चलना सिखाती है,
तो पैरों पे खड़ा होना सिखाते हैं पापा।
- अज्ञात
Fathers Day Poem: बचपन का जमाना थाबचपन का जमाना था,
जिस में खुशियों का खजाना था,
चाहत चांद को पाने की थी,
पर दिल तितली का दीवाना था,
खबर ना थी कुछ सुबह की,
ना शाम का कोई ठिकाना था,
थक कर आना स्कूल से,
पर खेलने भी जाना था,
मां की कहानी थी,
परियों का फसाना था,
बारिश में कागज की नाव थी,
हर मौसम सुहाना था,
रोने की कोई वजह ना थी,
और मैं अपने 'पापा' का दीवाना था।
- अज्ञात
पिता एक उम्मीद है एक आस है,
परिवार की हिम्मत और विश्वास है,
बाहर से सख्त और अंदर से नरम है,
उसके दिल में दफन कई मरम है,
पिता संघर्ष की आंधियों में हौसलों की दीवार है,
परेशानियों से लड़ने को दो धारी तलवार है,
बचपन में खुश करने वाला बिछौना है,
पिता जिम्मेदारियों से लदी गाड़ी का सारथी है।
- अज्ञात
यहां हम किंडरगार्टन, प्री स्कूल व अन्य कक्षाओं के छात्रों के लिए हम पिता पर शानदार कविताएं लेकर आए हैं।
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मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम की नगरी अयोध्या का रहने वाला हूं। लिखने-पढ़ने का शौकीन, राजनीति और श...और देखें
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