Gandhi Jayanti 2022: 2 अक्टूबर को क्यों मनाई जाती है गांधी जयंती, जानें इसका महत्व और इतिहास
Gandhi Jayanti 2022, Gandhi Jayanti Kab Hai, Date: 2 अक्टूबर 1869 में गुजरात के पोरबंदर शहर में गांधी जी का जन्म हुआ था। इस बार हम गांधी जी की 153वीं जन्म जयंती मनाने जा रहे है। इस उपलक्ष्य में स्कूल व कॉलेज से लेकर अन्य शैक्षणिक संस्थानों, सरकारी कार्यालयों व दफ्तरों में विशेष कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। इस दिन राजघाट पर महात्मा गांधी की समाधि पर राष्ट्रपति व प्रधानमंत्री श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं।
गांधी जयंजी 2022
मुख्य बातें
- गांधी जी का पूरा नाम मोहनदास करमचन्द गांधी था।
- महात्मा गांधी का जन्म 2 अक्टूबर 1869 में गुजरात के पोरबंदर शहर में हुआ।
- इसे अंतर्राष्ट्रीय अहिंसा दिवस के रूप में भी जाना जाता है।
Gandhi Jayanti 2022, Gandhi Jayanti Kab Hai, Date: मन में थी अहिंसा की लगन तन पर लंगोटी, लाखों में घूमता था लिए शक्ति की सोंटी...मनोज मुंतशिर जी की यह पंक्ति महात्मा गांधी जी पर सटीक बैठती है। महात्मा गांधी भारतीय इतिहास के एक ऐसे व्यक्ति थे, जिन्होंने देशहित के लिए अंतिम सांस तक लड़ाई लड़ी। वह आजादी के आंदोलन के एक ऐसे नेता थे, जिन्होंने अहिंसा के मार्ग पर चलते हुए, अंग्रेजी हुकूमत की नींव हिला दी थी और उन्हें देश छोड़ने के लिए मजबूर कर दिया था। महात्मा गांधी को भारतीय (Gandhi Jayanti) स्वतंत्रता संग्राम का पितामह भी कहा जाता है। बापू के सत्य व अहिंसा की विचारधार से मार्थिन लूथर किंग और और नेलसन मंडेला भी काफी प्रभावित थे।
अंग्रेजी हुकूमत की क्रूरता को खत्म करने व भारत को अंग्रेजो की गुलामी से मुक्त कराने में बापू का अहम योगदान था। उनकी सत्य और अहिंसा की नीति ने अंतराष्ट्रीय स्तर पर ख्याति प्राप्त की। उन्होंने अहिंसक तरीके से ब्रिटिश सरकार के खिलाफ ना केवल आवाज उठाई बल्कि कई आंदोलनों की अगुवाई भी की। गांधी जी की सादगी और सरलता की दुनिया कायल थी।
Mahatma Gandhi Biograohy, गांधी जी का जीवन परिचय
गांधी जी का पूरा नाम मोहनदास करमचंद गांधी था। उनका जन्म 2 अक्टूबर 1869 को पोरबंदर, गुजरात में हुआ। उनके पिता का नाम करमचंद्र गांधी था, जो ब्रिटिश राज के समय कठियावाड़ा की एक रियासत के दीवान थे। महात्मा गांधी जी का विवाह महज 13 वर्ष की आयु में कस्तूरबा गांधी के साथ हुआ था। गांधी जी का जीवन कठिनाइयों से भरा रहा। विवाह के 2 साल पश्चात उनके पिता का निधन हो गया और पिता की मृत्यु के ठीक एक साल बाद उनकी पहली संतान हुई और कुछ समय बाद उसकी मृत्यु हो गई। हालांकि जीवन में एक के बाद एक कठिन परिस्थियों के बाद भी बापू ने हार नहीं मानी और अपनी पढ़ाई जारी रखी। 1887 में अहमदाबाद से हाई स्कूल की डिग्री प्राप्त करने के बाद 1888 में वकालत की पढ़ाई के लिए ब्रिटेन गए।International Non Violence Day, अंतर्राष्ट्रीय अहिंसा दिवस
इस बार हम महात्मा गांधी जी की 153वीं जन्म जयंती मनाने जा रहे हैं। संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 15 जून 2007 को 2 अक्टूबर को अंतर्राष्ट्रीय अहिंसा दिवस के रूप में घोषित किया था। भारत देश में गांधी जयंती पर स्कूल कॉलेज से लेकर अन्य शैक्षणिक संस्थानों व सरकारी कार्यालयों व दफ्तरों में विशेष कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। इस दिन राजघाट पर महात्मा गांधी की समाधि पर राष्ट्रपति व प्रधानमंत्री श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं। बता दें दिल्ली के राजघाट पर महात्मा गांधी का अंतिम संस्कार किया गया था।Mahatma Gandhi Truth And Non-Violence, इस घटना से हुए थे आहत
साल 1891 में वकालत की पढ़ाई पूरी करने के बाद गांधी जी भारत वापस लौटे, लेकिन नौकरी के सिलसिले में महज 23 साल की उम्र में उन्हें दक्षिण अफ्रीका जाना पड़ा। इस दौरान डरबन से प्रोटीरिया की यात्रा करते समय उन्हें तीसरे श्रेणी के डिब्बे में बैठने से रोका गया। उन्हें धक्के मारकर व पीटकर ट्रेन से बाहर निकाल दिया गया, जबकि उनके पास फर्स्ट क्लास का टिकट था। यह नस्लीय भेद का कारण था, जो अंग्रेजों को अफ्रीका में ही नहीं भारत में भी महंगा पड़ा। साल 1915 में अफ्रीका से भारत लौटने के बाद, महात्मा गांधी अपने गुरू गोपालकृष्ण के पास पहुंचे।इस दौरान देश गुलामी की जंजीरों में बंधा हुआ था। महात्मा गांधी ने देश के हालात को समझने के लिए देश के भ्रमण की योजना बनाई। साथ ही देश में जाति व धर्म के भेदभाव को खत्म करने व देशवासियों के नब्ज को जानने के लिए सविनय अवज्ञा आंदोलन, असहयोग आंदोलन (Mahatma Gandhi Movements) और भारत छोड़ो आंदोलन चलाया।
देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) अब हिंदी में पढ़ें | एजुकेशन (education News) की खबरों के लिए जुड़े रहे Timesnowhindi.com से | आज की ताजा खबरों (Latest Hindi News) के लिए Subscribe करें टाइम्स नाउ नवभारत YouTube चैनल
End of Article
टाइम्स नाउ नवभारत author
अक्टूबर 2017 में डिजिटल न्यूज़ की दुनिया में कदम रखने वाला टाइम्स नाउ नवभारत अपनी एक अलग पहचान बना च...और देखें
End Of Feed
© 2024 Bennett, Coleman & Company Limited