Gandhi Jayanti 2022 Speech, Essay, Quotes:गांधी जयंती निबंध व स्पीच को ऐसे बनाएं दमदार, लोग हो उठेंगे मुरीद
Gandhi Jayanti 2022 Speech, Essay, Nibandh, Bhashan, Slogan, Quotes in Hindi: इस साल हम महात्मा गांधी की 153वीं जन्म जयंती मनाई जा रही है और इसके उपलक्ष्य में स्कूल, कॉलेज के साथ अन्य शैक्षणिक संस्थानों, सरकारी ऑफिस और विभागों में निबंध के साथ स्पीच प्रतियोगिता का आयोजन हो रहा है। ऐसे में अगर आप अगर निबंध लेखन या भाषण प्रतियोगिता का हिस्सा बने हैं तो यहां हम आपको गांधी जयंती पर निबंध को सरल व दमदार बनाने के कुछ टिप्स बता रहे हैं।

Gandhi Jayanti Speech
Gandhi Jayanti 2022 Speech, Essay, Nibandh, Bhashan, Slogan, Quotes in Hindi: राष्ट्रपिता महात्मा गांधी पर ये पंक्ति सटीक बैठती है- 'दे दी हमें आजादी, बना खड्ग बिना ढाल, साबरमती के संत तूने कर दिया कमाल।' महात्मा गांधी भारतीय इतिहास के एक ऐसे पुरोधा हैं, जिसने अंतिम सांस तक लड़ाई लड़ी। वह स्वतंत्रता संग्राम के ऐसे नेता थे, जिसने सत्य व अहिंसा के मार्ग पर चलते हुए अंग्रेजों को नाको चने चबाने के लिए मजबूर कर दिया। आज के भारत के निर्माण में (Gandhi Jayanti Essay) बापू का योगदान अतुलनीय रहा है। अपने संपूर्ण जीवन में वह समावेशी, समतामूलक और विविधताओं से भरे समाज के पक्षधर थे। उन्होंने देश में सामाजिक व आर्थिक शोषण को खत्म करने के लिए लोगों को मजबूत बनाने की दिशा में कार्य किया।
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वह जाति व धर्म के नाम से समाज को कमजोर करने वाली बुराइयों को जड़ से खत्म करना चाहते थे, काफी हद तक वह इस दिशा में सफल भी रहे। बापू कहते थे कि सत्य व अहिंसा से हिंसा, अत्याचार और अन्याय को खत्म किया जा सकता है। बापू की सादगी और विनम्रता की पूरी दुनिया कायल है। बापू आज भी देश दुनिया में सत्य, अहिंसा व शांति के सद्भाव के प्रतीक के रूप में जाने जाते हैं। प्रत्येक वर्ष 2 अक्टूबर को महात्मा गांधी की जयंती मनाई जाती है। इस दिन गुजरात के पोरबंदर में बापू का जन्म हुआ था। महात्मा गांधी का पूरा नाम मोहनदास करमचंद गांधी था, उनके पिता का नाम और माता का नाम पुतली बाई था।
इस साल हम महात्मा गांधी की 153वीं जन्म जयंती मनाने जा रहे हैं, इसके उपलक्ष्य में स्कूल, कॉलेज, व अन्य शैक्षणिक संस्थानों, सरकारी कार्यालयों व विभागों में निबंध व स्पीच प्रतियोगिता का आयोजन किया जाता है। ऐसे में यदि आपने भी निबंध लेखन या भाषण प्रतियोगिता (Gandhi Jayanti Speech In Hindi) में हिस्सा लिया है तो यहां हम आपको अपने गांधी जयंती पर निबंध को सरल व दमदार बनाने के शानदार टिप्स बताएंगे।
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Gandhi Jayanti Nibandh , ऐसे बनाएं निबंध को दमदारयदि आप चाहते हैं कि, आपका निबंध पढ़ने वाले की आंखें पन्ने से हटने का नाम ना लें, वह आपके लेखन कला का दीवाना हो जाए तो निबंध की शुरुआत महात्मा गांधी पर शानदार कोट्स या उनके विचारों से करें। बता दें जिस प्रकार बिना मसाले के सब्जी का स्वाद फीका होता है, ठीक उसी प्रकार बिना शानदार कोट्स या डायलॉग्स के स्पीच व निबंध में दिलचस्पी नहीं आती। इसलिए निबंध लेखन की शुरुआत महात्मा गांधी पर शानदार पंक्ति या विचारों से करें। ध्यान रहे निबंध कम से कम 500 शब्दों का होना चाहिए। यदि आपको सीमित शब्दों में लिखने का निर्देश दिया गया है, तो इसमें केवल महत्वपूर्ण बातों का ही उल्लेख करें। छात्रों से अनुरोध है कि, नीचे दिए महात्मा गांधी के इस शानदार विचार से निबंध की शुरुआत करें।
अहिंसा ही धर्म है, वहीं जिंदगी का एक रास्ता है।
जियो ऐसे की जैसे कल ही मरने वाले हो
और सीखो ऐसे जैसे हमेशा जीने वाले हो।
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Gandhi Jayanti Nibandh, ऐसे बनाएं निबंध को सबसे सरल व शानदार
निबंध को सरल व दमदार बनाने के लिए, इसमें केवल महत्वपूर्ण बातों का जिक्र करें। इसके लिए सबसे पहले इसकी एक रूपरेखा तैयार कर लें। इसे चार भागों में विभाजित करें, इससे आपको निबंध लिखने में आसानी होगी। साथ ही निबंध पढ़ने वालों को भी इसमें काफी दिलचस्पी आएगी।
- प्रस्तावना
- गांधी जी का जन्म एवं शिक्षा
- स्वतंत्रता संग्राम में योगदान
- विश्व में स्थान
- गांधी जी के जीवन के आदर्श
- उपसंहार
सरल व स्पष्ट तरीके से लिखें निबंध
देश की आजादी में मूलभूत भूमिका निभाने वाले तथा सभी को सत्य व अहिंसा का मार्ग दिखाने वाले महात्मा गांधी हमारे देश के राष्ट्रपिता के रूप में जाने जाते हैं। महात्मा गांधी का पूरा नाम मोहनदास करमचंद गांधी था। गांधी जी का जन्म 2 अक्टूबर 1869 को गुजरात के पोरबंदर में हुआ। महात्मा गांधी के पिता का नाम करमचंद गांधी था। उनके पिता ब्रिटिश राज के समय काठियावाड़ी की एक रियासत के दावीन थे। उनकी माता का नाम पुतली बाई था, उन्होंने अपना संपूर्ण जीवन धार्मिक कार्यों में व्यतीत किया। बीमार की सेवा करना, व्रत उपासना करना व किसी गरीब की सेवा करना उनके दैनिक जीवन का एक हिस्सा था। कहा जाता है कि, गांधी जी का व्यक्तित्व उनकी मां से प्रभावित था।
महात्मा गांधी का विवाह महज13 वर्ष की आयु में कस्तूरबा गांधी के साथ हुआ था। विवाह के दो साल पश्चात गांधी जी के पिता का निधन हो गया। पिता की मृत्यू के एक साल पश्चात उनकी पहली संतान हुई, लेकिन कुछ समय बाद उसकी भी मृत्यु हो गई। गांधी जी को अपने जीवन में एक के बाद एक कठिनाइयों का सामना करना पड़ा, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी। 1187 में गुजरात के अहमदाबाद से प्राथमिक शिक्षा पूर्ण करने के बाद, वह 1888 में ब्रिटेन गए। यहां उन्होंने वकालत की पढ़ाई पूरी की।
गांधी जयंती पर देना है भाषण तो इन बातों का रखें खास ध्यान, न करें यह गलती
निबंध के बीच में गांधी जी के जीवन से जुड़ी किसी घटना का जिक्र करें, इससे पढ़ने वाले की दिलचस्पी बढ़ती जाएगी, वह आपका निबंध पूरा पढ़ने से खुद को रोक नहीं पाएगा.......
जब अमेरिकी हो गए थे बापू के दीवाने.....
आपको शायद ही पता होगा कि टाइम मैगजीन ने आइंस्टीन के बाद गांधी जी को सदी का दूसरा सबसे बड़ा हस्ती माना है। उन्होंने गांधी जी के 75वें जन्म दिवस पर लिखा था कि, आने वाली नस्लें शायद ही विश्वास करें की हाड़ मास से बना कोई शख्स धरती पर था। यंग इंडिया में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक, साल 1931 में जब महात्मा गांधी गोलमेज सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए लंदन पहुंचे और अपनी धोती को संभालते हुए टैक्सी से उतरे तो, उनके स्वागत में जयकारे से हॉल गूंज उठा। बापू की सादगी का ना केवल भारत बल्कि पूरी दुनिया कायल है।
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