Gita Press: जानें क्यों गीता प्रेस ने गांधी शांति पुरस्कार के लिए नकद इनाम लेने से किया इनकार

Gita Press Controversy in Hindi: हाल ही में गीता प्रेस काफी सुर्खियां बटोर रहा है। इसका कारण उसे गांधी शांति पुरस्कार के लिए दिए जाने वाले एक करोड़ रुपये को मना करना है। आइये जानें गीता प्रेस ने क्यों केवल नकद ईनाम को लिए जाने से इनकार किया।

gita press

गीता प्रेस विवाद

Gita Press Controversy in Hindi: गोरखपुर स्थित गीता प्रेस ने गांधी शांति पुरस्कार के लिए एक करोड़ रुपये नकद पुरस्कार लेने से इनकार कर दिया है। इसने कहा कि वह केवल प्रशस्ति पत्र स्वीकार करेगा न कि नकद पुरस्कार। प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली जूरी ने सर्वसम्मति से गीता प्रेस को पुरस्कार के प्राप्तकर्ता के रूप में चुना था। गांधी शांति पुरस्कार की घोषणा रविवार को की गई। पुरस्कार में एक करोड़ रुपये, प्रशंसा का एक प्रमाण पत्र और एक पट्टिका शामिल है।

मानदेय लेने से इनकार करते हुए गीता प्रेस ने एक बयान में कहा कि 'सरकार को पैसा कहीं और खर्च करना चाहिए।' गीता प्रेस ने कहा कि ''वह केवल प्रशंसा प्रमाणपत्र स्वीकार करेगी।''

कांग्रेस को रास नहीं आया यह फैसला

दूसरी तरफ गीता प्रेस को अवॉर्ड देने का फैसला कांग्रेस को रास नहीं आया। पार्टी नेता जयराम रमेश ने इस कदम की आलोचना की और पुरस्कार के लिए गीता प्रेस के चयन को एक उपहास बताया। उन्होंने यह भी कहा कि गीता प्रेस को गांधी शांति पुरस्कार 2021 देना, सावरकर और गोडसे को पुरस्कृत करने जैसा होगा।

मोदी ने दी गीता प्रेस को बधाई

इस बीच, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पुरस्कार जीतने के लिए गीता प्रेस को बधाई दी और क्षेत्र में इसके योगदान की सराहना की। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता वाले निर्णायक मंडल ने शांति और सामाजिक सद्भाव के गांधीवादी आदर्शों को बढ़ावा देने के लिए सौ वर्ष पुरानी संस्था के योगदान की सराहना की।

गीता प्रेस क्या है? गीता प्रेस की स्थापना कब हुई

यह एक प्रसिद्ध प्रेस है जो कि गोरखपुर में स्थिति है। यह प्रेस हिंदू धर्म की करोड़ों किताबों को प्रकाशित करता है, हाल ही में इस प्रेस को स्थापित हुए 100 वर्ष पूरे हो चुके हैं, गीता प्रेस की स्थापना 29 अप्रेल 1923 में की गई थी। यही कारण है कि गीता प्रेस शताब्दी वर्ष मना रहा है। इधर जब केंद्र सरकार का ध्यान गीता प्रेस के कार्यों और समपर्ण पर गया तो उसने घोषणा की है कि गीता प्रेस को 2021 के लिए गांधी शांति पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा। इधर सम्मान दिए जाने की घोषणा हुई उधर गीताप्रेस पर पक्ष और विपक्ष की राजनीतिक दलों में विवाद छिड़ गया है।

जानें क्या है गांधी शांति पुरस्कार?

यह भारत सरकार की ओर से हर साल दिया जाने वाला एक सम्मान है, जिसे 1995 में महात्मा गांधी की 125वीं जयंती के मौके शुरू किया गया था। गीता प्रेस को ये पुरस्कार 'अहिंसा और गांधीवादी तरीके से सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक क्षेत्र में बदलाव लाने में उत्कृष्ट योगदान' के लिए दिए जाने की घोषणा की गई, जिस पर गीता प्रेस के प्रबंधक लालमणि तिवारी ने कहा कि गीता प्रेस के लिए पुरस्कार गौरव की बात है, चूंकि गीता प्रेस किसी भी प्रकार का दान स्वीकार नहीं करता है, इसलिए पुरस्कार के साथ मिलने वाली राशि नहीं लेंगे।

(IANS इनपुट के साथ)

देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) अब हिंदी में पढ़ें | एजुकेशन (education News) की खबरों के लिए जुड़े रहे Timesnowhindi.com से | आज की ताजा खबरों (Latest Hindi News) के लिए Subscribe करें टाइम्स नाउ नवभारत YouTube चैनल

लेटेस्ट न्यूज

End of Article

© 2024 Bennett, Coleman & Company Limited