Goa Liberation Day Essay In Hindi: कुछ इस तरह लिखें गोवा मुक्ति दिवस पर निबंध, पढ़ें गोवा के आजादी की दिलचस्प कहानी

Goa Liberation Day Essay In Hindi (गोवा मुक्ति दिवस पर निबंध): प्रत्येक वर्ष 19 दिसंबर को गोवा मुक्ति दिवस मनाया (Goa Liberation Day Essay) जाता है। गोवा के लोग इस दिन को बड़े धूमधाम से मनाते हैं। ऐसे में यहां हम आपके लिए गोवा लिबरेशन डे पर शानदार निबंध लेकर आए हैं। इस तरह निबंध लिखकर आप शत प्रतिशत मार्क्स प्राप्त कर सकते हैं।

Goa Liberation Day Essay In Hindi: यहां देखें गोवा लिबरेशन डे पर निबंध

Goa Liberation Day Essay In Hindi (गोवा मुक्ति दिवस पर निबंध): खूबसूरत सुमुद्री तट व हसीन वादियों के लिए प्रसिद्ध गोवा आज यानी 19 दिसंबर को मुक्ति दिवस मनाता है। यही वह दिन था जब गोवा पुर्तगालियों के चंगुल से आजाद (Goa Liberation Day Essay) हुआ था। बता दें आजादी के कई वर्ष बाद भी भारत का एक राज्य ऐसा था जहां के लोग गुलामी की जिंदगी जीने के लिए (Goa Liberation Day Essay In Hindi) मजबूर थे। यहां पुर्तगालियों ने अपना कब्जा जमा रखा था। हालांकि वह दिन भी आया जब भारतीय सेना के जांबाजों ने पुर्तगालियों को घुटने टेकने के लिए मजबूर कर दिया और इन्हें देश छोड़कर भागना पड़ा। इसके लिए इंडियन आर्मी ने जबरदस्त अभियान चलाया था। 19 दिसंबर 1961 को तत्कालीन पुर्तगाली गवर्नर एंटीनियो वासलो ई सिल्वा ने सरेंडर के समझोते पर हस्ताक्षर कर दिए थे। इसके बाद गोवा भारत का अभिन्न हिस्सा बन गया था।

Short Essay On Goa Liberation Day

इस दिन को गोवा के लोग काफी धूमधाम से मनाते हैं। सात ही स्कूल कॉलेज व अन्य शैक्षणिक संस्थानों में इस दिन के महत्व व इतिहास के लिए भाषण व निबंध प्रतियोगिता का आयोजन किया जाता है। ऐसे में यहां हम आपके लिए गोवा मुक्ति दिवस पर शानदार निबंध लेकर आए हैं। इस तरह निबंध लिखकर आप शत प्रतिशत मार्क्स प्राप्त कर सकते हैं। यहां देखें गोवा मुक्ति दिवस का महत्व, इतिहास, निबंध और भाषण।

Goa Liberation Day Essay: गोवा मुक्ति दिवस का इतिहास

आज यानी 19 दिसंबर 2024 को गोवा मुक्ति दिवस मनाया जाता है। यही वह दिन था जब साल 1961 में गोवा पुर्तगालियों के शासन से मुक्त हुआ था। यह दिन गोवा को पुर्तगालियों से आजाद करवाने वाले स्वतंत्रता सेनानियों व भारतीय सेना के जवानों को समर्पित है। गोवा के इतिहास पर नजर डालें तो 15 मार्च 1510 में अलफांसो द अल्बुकर्क के नेतृत्व में पुर्तगालियों ने सबसे पहले गोवा पर हमला किया था।

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