Goverdhan Puja Essay In Hindi 2024: कुछ इस तरह लिखें गोवर्धन पूजा पर निबंध, होगी जमकर तारीफ

Goverdhan Puja Essay In Hindi 2024 (गोवर्धन पूजा पर निबंध): यदि आप भी गोवर्धन पूजा पर निबंध लिखने जा रहे हैं तो हमारे इस लेख पर एक नजर (Goverdhan Puja Essay In Hindi) अवश्य डालें। इस तरह निबंध लिखकर आप शत प्रतिशत मार्क्स प्राप्त कर सकते हैं। यहां देखें गोवर्धन पूजा पर निबंध

Goverdhan Puja Essay In Hindi 2024

Goverdhan Puja Essay In Hindi 2024: यहां देखें गोवर्धन पूजा पर शानदार निबंध

Goverdhan Puja Essay In Hindi 2024 (गोवर्धन पूजा पर निबंध): आज यानी 31 अक्टूबर 2024 को दिवाली का पर्व मनाया जा रहा है। इसे पर्वों की माला कहा (Goverdhan Puja Essay In Hindi) जाता है। दिवाली के बाद गोवर्धन पूजा का पर्व मनाया (Goverdhan Puja Essay) जाता है। हिंदू धर्म में गोवर्धन पूजा का विशेष महत्व है। यह पर्व प्रकृति और मानव के बीच संबंध को बताता है। गोवर्धन पूजा को अन्नकूट भी कहा जाता है। मान्यता है कि इस दिन गोवर्धन की पूजा अर्चना करने से भक्तों की सभी मुरादें पूरी होती हैं। इस पर्व की धूम खासकर मथुरा वृंदावन में अधिक देखने को मिलता है। वहीं पश्चिमी भारत के गुजरात राज्य में इस दिन से नववर्ष की शुरुआत माना जाता है।

हिंदू पंचांग के अनुसार कार्तिक माह के शुक्लपक्ष की प्रतिपदा तिथि को गोवर्धन पूजा होती है। इस बार गोवर्धन पूजा 2 अक्टूबर 2024 को है। इस बीच होने वाले टेस्ट व पेपर में अक्सर गोवर्धन पूजा पर निबंध लिखने के लिए आ जाता है। ऐसे में यहां हम आपके लिए गोवर्धन पूजा पर शानदार निबंध लेकर आए हैं। इस तरह निबंध लिखकर आप शत प्रतिशत मार्क्स प्राप्त कर सकते हैं। यहां देखें गोवर्धन पूजा पर निबंध।

Goverdhan Puja Essay In Hindi 2024: गोवर्धन पूजा पर ऐसे लिखें निबंध

यदि आप भी गोवर्धन पूजा पर निबंध लिखने जा रहे हैं तो ध्यान रहे निबंध दिए गए या सीमित शब्दों में लिखें। साथ ही ध्यान रहे यहां भाषा में किसी प्रकार की कोई श्रुटि ना करें। ऐसी गलती स्वीकार नहीं की जाएगी।

Goverdhan Puja Essay: निबंध की रूपरेखा तैयार कर लें

यदि आप चाहते हैं कि आपका निबंध सबसे अच्छा हो और पढ़ने वाले की निगाहें पन्ने से हटने का नाम ना लें तो सबसे पहले निबंध की एक रूपरेखा तैयार कर लें। इसे चार से पांच भागों में विभाजित कर लें।

  • गोवर्धन पूजा कब है
  • गोवर्धन पूजा का महत्व
  • गोवर्धन पूजा का इतिहास
  • गोवर्धन पूजा की पौराणिक कहानी

Goverdhan Puja Essay In Hindi: गोवर्धन पूजा पर निबंध

सनातन धर्म में गोवर्धन पूजा का विशेष महत्व है। पौराणिक कथा के अनुसार बृजवासी अच्छा पकवान बनाकर इंद्र देव की पूजा की तैयारी कर रहे थे। तभी भगवान कृष्ण ने मइया यशोदा से पूछा कि माता ये आप लोग किसकी पूजा की तैयारी कर रहे हैं, तो उन्होंने बताया कि हम देवराज इंद्र की पूजा करने जा रहे हैं। वह वर्षा करते हैं, जिससे हमारी फसलें तैयार होती हैं। इसे सुन भगवान कृष्ण ने कहा कि माता हमें गोवर्धन पर्वत की पूजा करनी चाहिए, क्योंकि हमारी गाय यहां चरती हैं और इंद्रदेव का तो दर्शन भी नहीं होता और वह तो पूजा ना करने पर क्रोधित होते हैं। इसके बाद सभी बृजवासियों ने इंद्र की पूजा के बजाए गोवर्धन पर्वत की पूजा की। अपना अपमान देख इंद्रदेव ने मूसलाधार वर्षा शुरू कर दी। यह बारिश लगातार होती रही और कई दिनों तक नहीं रुकी। इससे बृजवासी भयभीत हो गए। ऐसे में भगवान श्रीकृष्ण ने बृजवासियों की रक्षा के लिए गोवर्धन पर्वत को उठा लिया। इससे बृजवासी व गाय और बछड़े सुरक्षित हो गए। इस दिन से गोवर्धन पूजा की जाती है।

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आदित्य सिंह author

मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम की नगरी अयोध्या का रहने वाला हूं। लिखने-पढ़ने का शौकीन, राजनीति और शिक्षा से जुड़े मुद्दों में विशेष रुचि। साथ ही हेल्...और देखें

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