Hindi Diwas Poem 2024: भारत माँ के भाल पर..इस कविता से करें हिंदी दिवस के भाषण की शुरुआत
Hindi Diwas Poem, Speech In Hindi 2024 (हिंदी दिवस पर कविता हिंदी में): हर साल 14 सितंबर को हिंदी दिवस मनाया जाता है। इस दिन का उद्देश्य वैश्विक स्तर पर हिंदी को एक नई पहचान(Hindi Diwas Poem In Hindi) दिलाना है। ऐसे में यहां हम आपके लिए हिंदी दिवस पर शानदार भाषण, निबंध और कविता लेकर (Hindi Diwas Kavita) आए हैं। यहां देखें हिंदी दिवस पर स्पीच, भाषण, निबंध (Hindi Diwas speech In Hindi) और कविता।
Hindi Diwas Poem 2024: हिंदी दिवस पर सबसे शानदार कविता, स्पीच और निबंध
Hindi Diwas Poem, Speech In Hindi 2024 (हिंदी दिवस पर कविता हिंदी में): हिंदी दुनिया की सबसे प्राचीन, समृद्ध और सरल भाषाओं में से एक है। हिंदी ना केवल हमारी राष्ट्रभाषा है बल्कि भारत के एकता व गौरव का (Hindi Diwas Poem In Hindi) प्रतीक है। हिंदी लेखकों व वक्ताओं का अभिमान है। कबीरदास हों या तुलसी या फिर भारतेंदु हरिश्चंद सभी ने हिंदी काव्य की अविरल धारा को सम्मानजनक स्थान (Hindi Diwas Poem) दिया है। हर साल 14 सितंबर को हिंदी के सम्मान में देशभर में हिंदी दिवस मनाया (Hindi Diwas Poem For Kids) जाता है।
इस दिन का उद्देश्य हिंदी को ना केवल राष्ट्रीय स्तर पर बल्कि वैश्विक स्तर पर एक पहचान (Hindi Diwas For Class 3) दिलाना है। इस खास अवसर पर स्कूल, कॉलेज व अन्य शैक्षणिक संस्थानों में तरह तरह के कार्यक्रम आयोजित किए (Hindi Diwas Poem For Students) जाते हैं। साथ ही इस दिन के महत्व व इतिहास से लोगों को रूबरू करवाने के लिए भाषण व निबंध प्रतियोगिता का आयोजन किया जाता है। ऐसे में यहां हम आपके लिए हिंदी दिवस पर शानदार कविता लेकर आए हैं। इस कविता के साथ आप अपना भाषण शुरू कर लोगों को अपना मुरीद बना सकते हैं। यहां देखें हिंदी दिवस पर स्पीच, भाषण, निबंध और कविता।
अगर आप भी हिंदी दिवस पर भाषण देने जा रहे हैं तो अपने भाषण की शुरुआत हिंदी पर शानदार कविताओं से करें। इससे आपका भाषण भी दूसरों से अलग होगा और पढ़ने वालों की दिलचस्पी बढ़ेगी।
Hindi Diwas Poem In Hindi: हिंदी दिवस पर कविता- भारत माँ के भाल पर सजी स्वर्णिम बिंदी हूँ,
मैं भारत की बेटी आपकी अपनी हिंदी हूँ।
जिसमें है मैंने ख्वाब बुने,
जिस से जुड़ी मेरी हर आशा,
जिससे मुझे पहचान मिली,
वो है मेरी हिंदी भाषा।
हिंदी ही तो भारत की एकता और अखंडता की पहचान है,
हिंदी भाषा तो मेरे देश की शान और जान है.
हिंदी की ताकत को पहचानों
हिंदी ही भविष्य की आशा है,
जिससे मुझे बेहद मोहब्बत है
वो मेरी हिंदी भाषा है।
Hindi Diwas Poem- निज भाषा उन्नति अहैनिज भाषा उन्नति अहै, सब उन्नति को मूल
बिन निज भाषा-ज्ञान के, मिटत न हिय को सूल।
अंग्रेजी पढ़ि के जदपि, सब गुन होत प्रवीन
पै निज भाषा-ज्ञान बिन, रहत हीन के हीन।
उन्नति पूरी है तबहिं जब घर उन्नति होय
निज शरीर उन्नति किये, रहत मूढ़ सब कोय।
निज भाषा उन्नति बिना, कबहुं न ह्यैहैं सोय
लाख उपाय अनेक यों भले करे किन कोय।
इक भाषा इक जीव इक मति सब घर के लोग
तबै बनत है सबन सों, मिटत मूढ़ता सोग।
और एक अति लाभ यह, या में प्रगट लखात
निज भाषा में कीजिए, जो विद्या की बात।
तेहि सुनि पावै लाभ सब, बात सुनै जो कोय
यह गुन भाषा और महं, कबहूं नाहीं होय।
विविध कला शिक्षा अमित, ज्ञान अनेक प्रकार
सब देसन से लै करहू, भाषा माहि प्रचार।
भारत में सब भिन्न अति, ताहीं सों उत्पात
विविध देस मतहू विविध, भाषा विविध लखात।
सब मिल तासों छांड़ि कै, दूजे और उपाय
उन्नति भाषा की करहु, अहो भ्रातगन आय।
Hindi Diwas Poem For Students In Hindi- गूंजी हिन्दी विश्व मेंगूंजी हिन्दी विश्व में,स्वप्न हुआ साकार
राष्ट्र संघ के मंच से,हिन्दी का जयकार
हिन्दी का जयकार,हिन्दी हिन्दी में बोला।
देख स्वभाषा-प्रेम,विश्व अचरज से डोला,कह कैदी कविराय
मेम की माया टूटी, भारत माता धन्य,
स्नेह की सरिता फूटी!
- अटल बिहारी वाजपेयी की कविता
- करते हैं तन-मन से वंदनकरते हैं तन-मन से वंदन, जन-गण-मन की अभिलाषा का
अभिनंदन अपनी संस्कृति का, आराधन अपनी भाषा का।
यह अपनी शक्ति सर्जना के माथे की है चंदन रोली
माँ के आँचल की छाया में हमने जो सीखी है बोली
यह अपनी बँधी हुई अंजुरी ये अपने गंधित शब्द सुमन
यह पूजन अपनी संस्कृति का यह अर्चन अपनी भाषा का।
अपने रत्नाकर के रहते किसकी धारा के बीच बहें
हम इतने निर्धन नहीं कि वाणी से औरों के ऋणी रहें
इसमें प्रतिबिंबित है अतीत आकार ले रहा वर्तमान
यह दर्शन अपनी संस्कृति का यह दर्पण अपनी भाषा का।
यह ऊँचाई है तुलसी की यह सूर-सिंधु की गहराई
टंकार चंद वरदाई की यह विद्यापति की पुरवाई
जयशंकर की जयकार निराला का यह अपराजेय ओज
यह गर्जन अपनी संस्कृति का यह गुंजन अपनी भाषा का।
- सोम ठाकुर
Hinid Diwas Speech In Hindi: हिंदी दिवस पर सबसे सरल व दमदार भाषणआदरणीय प्राधानाचार्य, उपप्रधानाचार्य, अध्यापकगण व मेरे प्यारे साथियों आप सभी को हिंदी दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं। आपने इस खास अवसर पर मुझे अपने विचार व्यक्त करने का मौका दिया इसके लिए आप सभी का दिल से शुक्रिया। बता दें आज से ठीक 71 वर्ष पूर्व 14 सितंबर 1953 को पहली बार हिंदी दिवस मनाया गया था। इस दिन के बाद से प्रत्येक वर्ष हिंदी दिवस मनाया जाता है। ध्यान रहे अपने भाषण के दौरान हिंदी के इतिहास का जिक्र करना ना भूलें। यहां आप हिंदी का पहला अखबार का जिक्र भी कर सकते हैं।
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मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम की नगरी अयोध्या का रहने वाला हूं। लिखने-पढ़ने का शौकीन, राजनीति और श...और देखें
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