Holi Speech, Essay in Hindi 2024: होली पर सबसे सरल और दमदार हिन्दी भाषण, इन शायरी से करें स्पीच की शुरुआत
Holi Speech, Essay in Hindi 2024 (होली पर हिंदी भाषण): इस साल होली का त्योहार 25 मार्च को मनाया जाएगा। वहीं, एक दिन पहले यानी 24 मार्च को होलिका दहन किया जाएगा।
Holi Speech, Essay in Hindi 2024
Holi Speech, Essay in Hindi 2024 (होली पर हिन्दी भाषण): होली का त्योहार फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है। इस साल यह त्योहार 25 मार्च (Holi Date 2024) को मनाया जाएगा। वहीं, एक दिन पहले यानी 24 मार्च को होलिका दहन किया जाएगा। स्कूलों और कॉलेज में भी होली का त्योहार मानाया जाता है। इस अवसर पर स्टूडेंट्स व टीचर भी एक दूसरे को रंग लगाते हैं और शुभकामनाएं देते हैं। साथ ही निबंध, भाषण व कविता जैसे तरह तरह के कार्यक्रमों का भी आयोजन किया जाता है। अगर आप भी ऐसे किसी कार्यक्रम में भाग लेने जा रहे हैं तो यहां दी गई बातों का जरूर ध्यान रखें।
Holi Quotes Shayari in Hindi: ऐसे करें शुरुआत
1. रंगों का ये त्योहार, खुशियों की बहार लाए
मीठी- मीठी गुझिया, जिंदगी में मिठास लाए
होली का ये रंगीन पर्व, सबके लिए उल्लास लाए
होली 2024 की हार्दिक शुभकामनाएं
2. सभी रंगों का राज है होली,
मन का उल्लास है होली।
जीवन में खुशियां भर देती है,
बस इसीलिए खास है होली।
होली की हार्दिक शुभकामनाएं।
3. चारों तरफ वसंत ऋतु की आई है बहार
चली पिचकारी, उड़ा है रंग-बिरंगा गुलाल,
आसमान से बरसे रंग लाल, नीले, हरे, पीले.
आप सभी को हैप्पी होली !
Holi Short Speech Hindi 2024: बुराई पर अच्छाई की जीत
होली हमारे देश के सबसे बड़े त्योहारों में से एक माना जाता है। रंगों का यह त्योहार वसंत के आगमन और सर्दियों के अंत का प्रतीक है। होली बुराई पर अच्छाई की जीत को उत्साह से मनाने का त्योहार है। इस दिन लोग गिले-शिकवे भूलकर एक-दूसरे को रंग-गुलाल लगा कर प्रेम और भाईचारे का संदेश देते हैं। वहीं, घर पर तरह-तरह की मिठाइयां व पकवान बनाए जाते हैं।
Holi Speech in Hindi 2024: क्यों मनाई जाती है होली
ऐसा कहा जाता है कि राजा हिरण्यकश्यप भगवान विष्णु को अपना सबसे बड़ा दुश्मन मानता था। वह अपनी प्रजा से भगवान विष्णु की जगही उसकी पूजा करने के लिए कहता था। कुछ दिन बाद हिरण्यकश्यप के घर एक बेटा पैदा हुआ, जिसका नाम प्रह्लाद रखा गया। प्रहलाद बचपन से ही भगवान विष्णु का भक्त था। इस बात से क्रोधित होकर हिरण्यकश्यप ने अपनी बहन होलिका के साथ मिलकर उसे मारने की योजना बनाई। होलिका को वरदान था कि उसे किसी भी प्रकार की आग जला नहीं सकती है इसलिए वह प्रहलाद को लेकर जलती हुई चिता में बैठ गई। हालांकि, भगवान विष्णु की कृपा से होलिका जलकर भस्म हो गई और प्रहलाद को एक खरोच तक नहीं आई।
Holi Par Bhashan 2024: अलग अलग नाम
भारत में होली को अलग अलग नामों से जाना जाता है और इसे मनाने का तरीका भी अलग है। ब्रज की लठमार होली, लड्डू होली और फूलों वाली होली दुनियाभर में मशहूर है। वहीं, हरियाणा में होली के त्योहार को धुलंडी के नाम से जाना जाता है। मणिपुर में होली को योशांग के नाम से मनाया जाता है। जबकि, पंजाब में इसे होला मोहल्ला के रूप में मनाया जाता है।
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TNN एजुकेशन डेस्क author
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