How to Deal with Ragging: कॉलेज में रैगिंग से न हों परेशान, यह रहे बचने के तरीके व नियम
How to Deal with Ragging, Anti Ragging Act: शिक्षण संस्थानों में रैगिंग पर पूरी तरह बैन लगाया जा चुका है। हालांकि, कई बार सीनियर नए स्टूडेंट्स का परिचय लेने की आड़ में उन्हें मानसिक रूप से प्रताड़ित करते हैं। ऐसे में हम आपको यहां रैगिंग से निपटने का सही तरीका बताएंगे।
How to Deal with Ragging: स्कूल की पढ़ाई पूरी होने के बाद अब छात्र कॉलेज जाने के लिए तैयार हैं। जहां कुछ लोग कॉलेज लाइफ के लिए एक्साइटेड हैं तो कई ऐसे भी लोग होंगे जिन्हें कॉलेज में रैगिंग का डर पहले ही सताने लगा होगा। देखा जाए तो सभी शिक्षण संस्थानों में रैगिंग पर पूरी तरह बैन लगाया जा चुका है। हालांकि, कई बार सीनियर नए छात्रों का परिचय लेने की आड़ में उन्हें मानसिक रूप से प्रताड़ित करते हैं। ऐसे में हम आपको यहां रैगिंग से निपटने का सही तरीका बताएंगे।
दोस्ताना तरीका
वास्तव में रैगिंग पुराने छात्रों द्वारा कॉलेज के नए छात्रों के स्वागत का एक दोस्ताना तरीका है। अगर कोई सीनियर आपसे मजाकिया सवाल पूछे तो उनकी बातों को सहजता से मान सकते हैं। इससे आपको कंफर्ट जोन से बाहर निकलने में मदद मिलेगी। साथ ही सीनियर और जूनियर के बीच हिचक भी खत्म होगी।
कॉलेज प्रशासन से करें शिकायत
अगर कोई सीनियर आपको जबरदस्ती कुछ करने के लिए मजबूर करे तो आप कॉलेज प्रशासन से इसकी शिकायत कर सकते हैं। हर कॉलेज में एक एंटी-रैगिंग स्क्वाड भी होता है। यह गलत ढंग से होने वाली रैगिंग पर नजर रखने के साथ ही दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए जिम्मेदार होता है।
हेल्पलाइन नंबर
यूजीसी ने नेशनल एंटी रैगिंग हेल्पलाइन भी शुरू की है। रैगिंग के विक्टिम छात्र-छात्राएं टोल फ्री नंबर 18001805522 पर शिकायत कर सकते हैं। इसके अलावा वह helpline@antiragging.in पर ई-मेल भी कर सकते हैं। रैगिंग के बारे में अधिक जानकारी के लिए यूजीसी की वेबसाइट ugc.ac.in और antiragging.in पर भी जा सकते हैं।
ऐसा व्यवहार माना जाएगा रैगिंग
- छात्र के रंगरूप या उसके पहनावे पर टिप्पणी की जाए या उसके स्वाभिमान को आहत किया जाए।
- किसी छात्र का उसकी श्रेत्रीयता, भाषा या फिर जाति के आधार पर अपमान किया जाए।
- छात्र की नस्ल या फिर उसकी आर्थिक पृष्ठभूमि पर अभद्र टिप्पणी की जाए।
- छात्रों से उनकी मर्जी के बिना जबरन किसी प्रकार का अनावश्यक कार्य कराया जाए।
दोषियों को मिलेगी सजा
एंटी रैगिंग कानून के तहत दोषी पाए जाने पर तीन साल की सश्रम कैद के साथ ही दोषी पर आर्थिक दंड भी लगाया जा सकता है। वहीं, रैगिंग के मामले में कार्रवाई न करने या मामले की अनदेखी करने पर कॉलेज के खिलाफ भी कार्रवाई की जा सकती है।
देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) अब हिंदी में पढ़ें | एजुकेशन (education News) और चुनाव के समाचार के लिए जुड़े रहे Times Now Navbharat से |
End of Article
TNN एजुकेशन डेस्क author
सरकारी नौकरी हर युवा की चाह है। आईएएस, पीसीएस जैसी कई नौकरियां ऐसी हैं, जिनके मिलने के बाद करियर फर्...और देखें
End Of Feed
© 2024 Bennett, Coleman & Company Limited