Road Accident पर कैसे लिखें 300 शब्द का निबंध, जानें परीक्षा की दृष्टि से किन बातों को करना चाहिए शामिल

How to Write Essay on Road Accident: पुणे में हाल ही में Porsche Accident हुआ था, यह केस न सिर्फ नाबालिग द्वारा चलाई गई हाई स्पीड में Porsche कार से जुड़ा है, बल्कि इस केस में जज सा​हब द्वारा उस नाबालिग से 300 शब्दों का निबंध लिखवाकर उसे छोड़ (Bail) देने का भी है। जानें बच्चों के लिए क्या है ट्रैफिक नियम, यातायात पर निबंध कैसे लिखें परीक्षा में यातायात से जुड़े पूछ लिए जाते हैं यह सवाल

Pune Porsche Accident how to write essay on

Road Accident पर कैसे लिखें 300 शब्द का निबंध

Essay on Road Accident: पुणे में हाल ही में Porsche Accident हुआ था, यह केस न सिर्फ नाबालिग द्वारा चलाई गई हाई स्पीड (160kmph) में Porsche Car से जुड़ा है, बल्कि इस केस में जज साहब द्वारा उस नाबालिग से 300 शब्दों का निबंध लिखवाकर उसे छोड़ (Bail) देना भी है। बता दें, Porsche कार बहुत महंगी कार में से एक है, सेलिब्रेटी भी खरीदने से पहले सोचते हैं। इस कार की कीमत 2.5 करोड़ से ज्यादा की है, हालांकि महंगी कार होने की वजह से यह केस लाइमलाइट में नहीं है। एजुकेशनल एंगल से देखें छोटे बड़े सभी को पता होना चाहिए कि बच्चों के लिए क्या है एक्सीडेंट के नियम? यूपीएससी व दूसरी प्रतियोगी परीक्षा में अक्सर निबंध पूछ लिया जाता है, यदि यातायात पर निबंध लिखने को कहा जाए तो क्या करेंगे आप? चलिए जानें Porsche Accident से जुड़ा पूरा मामला और यातायात पर निबंध कैसे लिखें?

शॉर्ट में समझें क्या है मामला ?

पहले कम शब्दों में समझ लेते हैं कि मामला खबरों में क्यों है? बात पुणे, महाराष्ट्र की है, जहां 12वीं का रिजल्ट आने के बाद दो दोस्त जो कि नाबालिग थे, वे Porsche Taycan Car से कहीं तेज रफ्तार में जा रहे थे, उस दौरान रास्ते में एक बाइक को टक्कर मार दी, जिससे आईटी कंपनी में काम करने वाले दो लोगों (Software Engineer) की मौत हो गई। इस सिलसिले में एक वीडियो में आया कि Porsche कार में बैठे दोनों किशोर, किसी ऐसी जगह से आ रहे थे, जहां उन्होंने एल्कोहल लिया था। चौंकाने वाली बात तब हुई जब जज साहब से इस शर्त पर उस लड़के को छोड़ दिया कि वो 15 दिनों तक येरवडा ट्रैफिक पुलिस के साथ काम करेगा और रोड एक्सीडेंट को लेकर 300 शब्द का निबंध लिखेंगा, जो कि उसने लिख दिया, और उसे जाने दिया गया।

नाबालिग का मतलब क्या होता है?

यदि आपने 18 की उम्र पूरी नहीं की है, तो आप नाबालिग कहलाएंगे। पुणे में हाल ही में Porsche Accident में जिस लड़के का नाम मुख्य आरोपी के तौर पर सामने आ रहा है, उसके 18 साल पूरे होने में महज कुछ माह बचे थे, ऐसे में वह भी नाबालिग कहलाएगा।

दूसरे

अगर किसी दुर्घटना में किसी नाबालिग से किसी की मौत हो जाए तो क्या होगा?

What happens if a minor kills someone in a Accident: एक्सीडेंट के बाद सबसे पहले घायल या मृतक को अस्पताल पहुंचाया जाता है। इधर पुलिस अपना काम शुरू करती है और सबसे पहले यह पता करती है कि जिसके जरिये एक्सीडेंट हुआ है उसके पास पर्याप्त कागज हैं या नहीं, जैसे ड्राइविंग लाइसेंस, गाड़ी के पेपर, इंश्योरेंस, पॉल्यूशन, आरटीओ इत्यादि। यदि पेपर्स कम हैं या अधूरे हैं तो उसके अनुसार चार्जशीट बनाई जाती है। जैसे Porsche Accident में चलाने वाले नाबालिग थे, यानी उनके पास ड्राइविंग लाइसेंस (DL) नहीं हो सकता है क्योंकि भारत में DL तभी बन सकता है जब आपकी उम्र 18 साल पूरी हो गई हो।

भारत में 18 वर्ष से ज्यादा वालों के लिए कानून अलग है जबकि नाबालिगों के लिए कानून भिन्न हैं।

नाबालिगों के लिए कानून की बात करें तो, ऐसी स्थिति (नाबालिग से एक्सीडेंट हो जाए तो) में मोटर वाहन अधिनियम की new section 199 (A) के तहत, वाहन के मालिक को जिम्मेदार ठहराया जाएगा, सजा के तौर पर उसे तीन साल की जेल हो सकती है या 25,000 रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है। Pune Porsche Accident वाले मामले में कार लड़के के पिता की थी, जो कि एक बिल्डर हैं, तो कार्रवाई गाड़ी के मालिक पर होगी क्योंकि उसने गाड़ी नाबालिग को दी, या लापरवाही से रखा, जिससे कि बिना इजाजत लिए कोई उस गाड़ी को चला पाए।

यातायात पर निबंध कैसे लिखें? How to write Essay on Road Accident

यातायात के नियम केवल लोगों की सुरक्षा के लिए बनाए जाते हैं। यातायात के नियमों को मानना हमारे लिए सबसे बड़े कर्तव्यों में से एक है।

यातायात के नियम पर निबंध या यातायात पर निबंध हिंदी में लिखना हो तो निम्निलिखित प्वॉइंट्स को शामिल करना न भूलें।

बच्चों को सड़क सुरक्षा नियम कैसे पता चलेगा?

1- घर से ही ट्रैफिक के नियम के बारे में बताने पर ध्यान देना चाहिए। उन्हें सबसे पहले ट्रैफिक लाइट्स के बारे में बताना चाहिए। जैसे हरे रंग का मतलब है अब आप जा सकते हैं, पीले रंग का मतलब है कि आप गाड़ी तैयार रखिए, और लाल रंग का मतलब है कि आपको रुकने की जरूरत है।

2-बच्चों को बताएं, कि जब गाड़ी चलती है तो सावधानी से बैठते हैं, हाथ या चेहरा बाहर निकालने की कोशिश नहीं करते हैं।

3-बच्चों को पता होना चाहिए सड़क पर निशानों का मतलब क्या है, सड़क पार करने से पहले दाएं बाएं देखना चाहिए।

4-बच्चों को वाहनों के हॉर्न का मतलब बताना चाहिए, अनावश्यक तेज गति का जोखिम बताना चाहिए, नजर रोड पर होनी चाहिए।

5-सड़क पर दौड़ना या लहराकर गाड़ी नहीं चलाना चाहिए।

6-किन किन कारणों से एक्सीडेंट हो सकता है, इन सबके बारे में बताना चाहिए।

7-फुटपाथ या सर्विस लेन का क्या प्रयोग है, इस बारे में बताएं।

8-जेब्रा क्रॉसिंग का मतलब पता होना चाहिए।

9- मोड़ पर गाड़ी की गति कितनी होनी चाहिए।

10-चलती गाड़ी का दरवाजा अचानक नहीं खोलना चाहिए। पीछे देख कर उतरना चाहिए।

11-रोड के बाएं ओर चलना चाहिए।

12-डिवाइडर या रेलिंग नहीं फांदनी चाहिए।

13-ओवरटेक कब व कैसे करना चाहिए, इसके लिए क्या साइन है। कैसे डिपर का प्रयोग होता है।

14- कैसे दूसरी गाड़ी को पास दिया जाता है।

15- बिना कारण अचानक से ब्रेक नहीं लगाना चाहिए।

16- दूसरी गाड़ी से उचित दूरी बनाकर चलनी चाहिए।

17- ओवरलोड करके गाड़ी नहीं चलाना चाहिए।

18- अंधेरा होने पर गाड़ी की लाइट आन होनी चाहिए।

19- इंडिकेटर का इस्तेमाल कितना जरूरी है पता होना चाहिए।

नियम बहुत हैं, ऐसे में बेसिक नियम ही जानकर हमें पढ़े लिखे होने का परिचय देना चाहिए। ज्यादा जानकारी के लिए आप इस लिंक Road Traffic Rule पर जा सकते हैं।

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नीलाक्ष सिंह author

उत्तर प्रदेश की राजधानी, नवाबों के शहर लखनऊ का रहने वाला हूं। स्कूली शिक्षा, ग्रेजुएशन, पोस्ट ग्रेजुएशन डिग्री सब इसी शहर से प्राप्त की। मीडिया क्ष...और देखें

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