IAS Deepesh Kumari Success Story: ठेले पर पकौड़े बेचने वाले की बेटी बनी IAS, दीपेश कुमारी ने कैसे पाई 93वीं रैंक

IAS Deepesh Kumari Success Story in Hindi: राजस्थान के भरतपुर जिले के एक कंकड़ वाली कुईया के पास रहने वाली दीपेश कुमारी की कहानी संघर्ष भरी है। उनके पिता चाट-पकौड़ी का ठेला लगाते हैं। पिता के सम्मान के लिए बेटी दीपेश ने यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा दी और 93वीं रैंक लाकर इतिहास रच दिया।

IAS Deepesh Kumari Success Story

IAS Deepesh Kumari Success Story in Hindi: प्रतिभा संसाधनों की मोहताज नहीं होती है। प्रतिभा गरीबी में भी नहीं छिपती है और उदीयमान सूर्य की तरह गरीबी रूपी अंधेरे पर सफलता प्राप्त करती है। राजस्थान के भरतपुर जिले के एक कंकड़ वाली कुईया के पास रहने वाली दीपेश कुमारी की कहानी संघर्ष भरी है। उनके पिता चाट-पकौड़ी का ठेला लगाते हैं। पिता के सम्मान के लिए बेटी दीपेश ने यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा दी और 93वीं रैंक लाकर इतिहास रच दिया।

गरीबी में बीता जीवन

दीपेश कुमारी के पिता चाट-पकौड़ी का ठेला लगाते हैं और फेरी लगाकर चाट बेचते हैं। दीपेश कुमारी ने यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा में 93वीं रैंक लाकर इतिहास रच दिया था। दीपेश कुमारी पांच भाई-बहनों में सबसे बड़ी हैं। शिक्षा अच्छी होने के कारण उसे हर जगह स्कॉलरशिप मिली। दीपेश के पिता ने छोटे से मकान में रहकर सभी बच्चों को शिक्षा दिलाई। उन्होंने अपनी हैसियत से ऊपर जाकर बच्चे पढ़ाए।

आईएएस बनने से पहले इंजीनियरिंग

आईएएस दीपेश ने 12वीं तक की पढ़ाई भरतपुर के एक निजी स्कूल से की थी। फिर उन्होंने जोधपुर से बीटेक सिविल में डिग्री की थी। बीटेक करने के बाद मुंबई आईआईटी से एमटेक पूरी की और एक वर्ष तक प्राइवेट कंपनी में जॉब किया। वह 2019 से UPSC एग्जाम की तैयारी में जुटी। दीपेश कुमारी पहली बार में UPSC एग्जाम का इंटरव्यू क्लियर नहीं कर पाई थीं। लेकिन, दूसरे प्रयास में UPSC क्लियर कर 93वीं रैंक हासिल की है। दीपेश कुमारी के पिता का सपना था कि बेटी खूब पढ़े और परिवार का नाम रोशन करे।

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