IAS Success Story: ​पति का मिला साथ तो 2 साल के बच्चे की मां ने रचा इतिहास, UPSC में 80वीं रैंक पाकर बनी IAS

IAS Pushplata Yadav Success Story: 2017 में UPSC सिविल सर्विस एग्जाम में ऑल इंडिया 80वीं रैंक हासिल करने वाली पुष्पालता यादव की सफलता की कहानी काफी अलग है। पुष्पलता की शादी हुई और वह एक बच्चे की मां बनीं। इसके बाद पति के सपोर्ट से उन्होंने सिविल सेवा परीक्षा दी और 80वीं रैंक लाकर इतिहास रच दिया।

IAS Pushplata Yadav Success Story

IAS Pushplata Yadav Success Story

IAS Pushplata Yadav Success Story: कुछ कर गुजरने का जुनून और जज्बा हो तो कोई भी मंजिल नामुमकिन नहीं होती है। हौसलों में उड़ान होती है तो कोई भी पड़ाड चढ़ा जा सकता है। ये बातें हरियाणा के मानेसर की रहने वाली पुष्पलता यादव पर बिलकुल सटीक बैठती हैं। 2017 में UPSC सिविल सर्विस एग्जाम में ऑल इंडिया 80वीं रैंक हासिल करने वाली पुष्पालता यादव की सफलता की कहानी काफी अलग है। पुष्पलता की शादी हुई और वह एक बच्चे की मां बनीं। इसके बाद पति के सपोर्ट से उन्होंने सिविल सेवा परीक्षा दी और 80वीं रैंक लाकर इतिहास रच दिया।

शादी के बाद यूपीएससी

आईएएस पुष्पलता यादव मूलत: हरियाणा के रेवाड़ी जिले के एक छोटे से गांव खुसबुरा की रहने वाली हैं। उनकी शुरुआती पढ़ाई गांव से ही हुई. इसके बाद उन्होंने 2016 में बीएससी किया। इसके बाद पोस्ट ग्रेजुएशन और एमबीए भी किया। 2011 में पुष्पलता यादव की शादी हो गई और शादी के बाद वो मानेसर आकर रहने लगीं। शादी के करीब चार साल उन्होंने UPSC की तैयारी का मन बनाया। इसके बाद पति के सपोर्ट से उन्होंने सिविल सेवा परीक्षा दी और 80वीं रैंक लाकर इतिहास रच दिया।

शादी से पहले की प्राइवेट नौकरी

शादी से पहले दो साल तक उन्होंने प्राइवेट सेक्टर में नौकरी की और फिर स्टेट बैंक ऑफ हैदराबाद में असिस्टेंट मैनेजर के तौर पर उनका चयन हो गया। स्टेट बैंक ऑफ हैदराबाद में नौकरी मिलने के दो साल बाद 2011 में उनकी शादी हो गई और वह हरियाणा के मानेसर में आकर रहने लगीं। जब उन्होंने तैयारी के लिए पांच साल बाद किताबों को हाथ लगाया तो वह दो साल के बेटे की मां भी थीं। पति ने सपोर्ट किया तो उन्होंने इस चुनौती को स्वीकार किया।

ससुराल का मिला सपोर्ट तो बहू बनी आईएएस

पुष्पलता के पति और परिवार ने उनका पूरा साथ दिया। जब वह तैयारी कर रही थीं तो पति बेटे को संभालते थे और पुष्पलता सिर्फ पढ़ाई पर ध्यान देती थीं। सुबह चार बजे उठती थी, इसके बाद 6 से 7 बजे पढ़ाई करती थी। उसके बाद उसे स्कूल भेजकर पढ़तीं और दोपहर में उसके आने के बाद सुलाकर पढ़तीं थी।

तीसरे प्रयास में मिली सफलता

दो साल उनका मेन्स में नहीं हुआ, लेकिन तैयारी नहीं छोड़ी और तीसरे साल में उन्हें साल 2017 में यूपीएससी में 80वीं रैंक मिली! आज वह अपने परिवार के साथ खुशहाल जिंदगी बिता रही हैं और अपनी नौकरी पूरी ईमानदारी से कर रही हैं।

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कुलदीप राघव author

कुलदीप सिंह राघव 2017 से Timesnowhindi.com ऑनलाइन से जुड़े हैं।पॉटरी नगरी के नाम से मशहूर यूपी के बुलंदशहर जिले के छोटे से कस्बे खुर्जा का रहने वाला ह...और देखें

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