IAS Success Story: साइकिल में पंचर लगाने वाले वरुण बरनवाल बने IAS, UPSC में पाई 32वीं रैंक
IAS Success Story of Varun Baranwal: महाराष्ट्र के शहर बाइसोर के रहने वाले वरुण ने छात्र जीवन से लेकर आईएएस सफर में काफी चुनौतियों का सामना किया! पंचर लगाते लगाते वरुण यूपीएससी की तैयारी करते रहे और 8 साल की कड़ी मेहनत के बाद सिविल सेवा परीक्षा में पूरे देश में 32वीं रैंक पाने में सफल रहे।
IAS Varun Baranwal Success Story in Hindi
IAS Varun Baranwal Success Story in Hindi: पंख से कुछ नहीं होता, हौसलों से उड़ान होती है..., यह लाइन आईएएस वरुण बरनवाल पर एकदम सटीक बैठती है। बचपन में पिता का निधन हुआ था वरुण पंचर बनाने की दुकान में काम करने लगे और साइकिलें ठीक करने लगे। मजबूरी में जब पिता की मौत के बाद वरुण पर परिवार की जिम्मेदारी आ गई तो वह अपने पिता के साइकिल मरम्मत के काम में उतर गए और पंचर जोड़ने लगे। हालांकि इस काम के साथ उन्होंने अपने शिक्षा जारी रखी और अपने सपने को पूरा कर ही दम लिया।
IAS Success Story: देशभर में पाई 32वीं रैंक
महाराष्ट्र के शहर बाइसोर के रहने वाले वरुण आज उन युवाओं के लिए मिसाल हैं जो परिस्थितियों का रोना रोते हैं। वरुण ने विपरीत परिस्थितियों में देश की सबसे कठिन परीक्षा पास की। वरुण ने छात्र जीवन से लेकर आईएएस सफर में काफी चुनौतियों का सामना किया! पंचर लगाते लगाते वरुण यूपीएससी की तैयारी करते रहे और 8 साल की कड़ी मेहनत के बाद सिविल सेवा परीक्षा में पूरे देश में 32वीं रैंक पाने में सफल रहे।
IAS Varun Baranwal Success Story: पहले बने इंजीनियर
पैसे की कमी के चलते वरुण ने पढ़ाई छोड़ दी थी। फिर एक पहचान के डॉक्टर ने उनको पढ़ाई दोबारा शुरू करने की सलाह दी और उनका कॉलेज में एडमिशन भी करवा दिया।' 12वीं करने के बाद वरुण ने इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल की। वह खर्चा निकालने के लिए पढ़ाई के साथ-साथ साइकिल की दुकान भी चलाते रहे और ट्यूशन भी पढ़ाते रहे।
वरुण ने पहले सेमेस्टर में ही कॉलेज टॉप किया, जिसके बाद कॉलेज में उन्हें स्कॉलरशिप दी जाने लगी। उन्होंने दसवीं की परीक्षा में पूरे शहर में दूसरा स्थान पाया था। वरुण पढ़ाई के साथ-साथ सामाजिक सेवा कार्यों में भी तत्पर रहते थाे। उन्होंने समाजसेवी अन्ना हजारे के जनलोकपाल बिल के आंदोलन में भी हिस्सा लिया था। ये कहानी है कभी साइकिल का पंक्चर ठीक करने वाले वरुण की जो, आज अपनी मेहनत के बल पर आईएएस अधिकारी बन गए हैं।
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कुलदीप सिंह राघव 2017 से Timesnowhindi.com ऑनलाइन से जुड़े हैं।पॉटरी नगरी के नाम से मशहूर यूपी के बु...और देखें
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