बचपन में ही छिन गई आंखों की रोशनी, फिर भी नहीं मानी हार, प्रांजल पाटिल ने ऐसे पूरा किया आईएएस बनने का सपना
IAS Success Story: प्रांजल पाटिल मूल रूप से महाराष्ट्र की रहने वाली हैं। उन्होंने अपनी मेहनत से यह साबित कर दिखाया कि अगर मन में कुछ कर गुजरने का जुनून हो तो मुश्किलों को आसानी से पार किया जा सकता है। प्रांजल ने नेत्रहीन होने के बावजूद भी अपने परिश्रम से देश की सबसे कठिन परीक्षा में कामयाबी पाई है।
प्रांजल पाटिल महाराष्ट्र की रहने वाली हैं।
बचपन में चली गई आंखों की रोशनी
मूल रूप से महाराष्ट्र के उल्हासनगर की रहने वाली प्रांजल पाटिल के साथ बचपन में एक ऐसा हादसा हुआ, जिससे उनकी जिंदगी ने एक नया मोड़ ले लिया। दरअसल, जब वह 6 साल की थी तो उनकी एक आंख खराब हो गई थी। इस हादसे से उभरने से पहले उनकी दूसरी आंख की रोशनी भी चली गई थी। हालांकि, उनके माता-पिता ने प्रांजल को कभी कमजोर नहीं पड़ने दिया और न ही कभी उनकी पढ़ाई पर रोक लगी।
जेएनयू से की पढ़ाई
प्रांजल का दाखिला मुंबई के दादर स्थित श्रीमती कमला मेहता स्कूल में कराया गया। यहां से उन्होंने 10वीं और फिर चंदाबाई कॉलेज से आर्ट्स में 12वीं की पढ़ाई पूरी की थी। प्रांजल ने आगे की पढ़ाई मुंबई के सेंट जेवियर कॉलेज से की। इसी दौरान उनके मन में सिविल सेवा के क्षेत्र में जाने का विचार आया। फिर क्या था! ग्रेजुएशन पूरा होते ही प्रांजल दिल्ली आ गईं। यहां उन्होंने जेएनयू से एमए किया और फिर एमफिल के साथ ही यूपीएससी की तैयारी में लग गईं।
दो बार क्रैक किया एग्जाम
प्रांजल ने सिविल सेवा का क्षेत्र तो चुन लिया था लेकिन यह राह इतनी भी आसान नहीं थी। उन्होंने एक खास सॉफ्टवेयर की सहायता से यूपीएससी की तैयारी की। इस दौरान उनके माता-पिता और दोस्त ने उनका काफी सहयोग किया। जहां लोग तमाम सुख-सुविधाओं के बावजूद भी यह परीक्षा नहीं क्लियर कर पाते हैं, वहीं प्रांजल ने बिना कोचिंग एक नहीं बल्कि दो बार कामयाबी पाई। पहली बार साल 2016 में प्रांजल ने 733वीं रैंक हासिल की थी लेकिन वह संतुष्ट नहीं थीं। उन्होंने साल 2017 में दोबारा प्रयास किया और इस बार 124वीं रैंक के साथ सफलता हासिल की।
लोगों के लिए बनीं मिसाल
प्रांजल ने अपनी मेहनत से पूरे घर वालों का नाम रोशन किया। वह सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी कर रहे लाखों अभ्यर्थियों के लिए एक मिसाल भी हैं। उन्होंने वाकई यह साबित कर दिया कि अगर आप के हौसले बुलंद हो तो किसी भी चुनौती को आसानी से पार किया जा सकता है।
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अंकिता पांडे author
मैं अंकिता पान्डे Timesnowhindi.com जुड़ी हूं । मैं उत्तर प्रदेश के छोटे से शहर प्रतापगढ़ में पली...और देखें
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