आईआईटी, बीएचयू, डीयू में इंडियन नॉलेज सिस्टम को किया जाएगा शामिल
आईआईटी, बीएचयू और डीयू जैसे कॉलेज में इंडियन नॉलेज सिस्टम को शामिल किए जाने की योजना है। इसे केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय की एक महत्वपूर्ण पहल माना जा रहा है। आइये जानें क्या है इंडियन नॉलेज सिस्टम
इंडियन नॉलेज सिस्टम (image - canva)
अंडर ग्रेजुएट पाठ्यक्रमों में इंडियन नॉलेज सिस्टम (आईकेएस) को शामिल किया गया है। इसके लिए देश भर के कई उच्च शिक्षा संस्थानों का चयन किया गया है। चयनित केंद्रों में आईआईटी-कानपुर, आईआईटी-बॉम्बे, आईआईटी बीएचयू, दिल्ली विश्वविद्यालय का आर्यभट्ट कॉलेज और पुणे का ट्रिनिटी कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग भी शामिल है। इसे केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय की एक महत्वपूर्ण पहल माना जा रहा है।
दरअसल, बजट में भी भारतीय भाषाओं के विकास को बजटीय प्रोत्साहन मिला था। युवाओं के बीच स्वदेशी भाषाओं और भारतीय ज्ञान प्रणाली (आईकेएस) को बढ़ावा देने के लिए केंद्रीय बजट में खास प्रावधान हैं। भारत की क्षेत्रीय भाषाओं को पढ़ाने, बढ़ाने और युवाओं को इस ओर प्रोत्साहित करने के लिए 300.7 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है।
इंडियन नॉलेज सिस्टम के फंड में 100 प्रतिशत की वृद्धि
इस बार यह बीते वर्ष 2022-23 के मुकाबले 20 प्रतिशत अधिक है। यदि भारतीय ज्ञान प्रणाली यानी इंडियन नॉलेज सिस्टम की बात की जाए तो इसके फंड में 100 प्रतिशत की वृद्धि कर दी गई है। वहीं, यूजीसी द्वारा जारी की गई इंडियन नॉलेज सिस्टम कोर्स की गाइडलाइंस में कहा गया है कि सभी उच्च शिक्षा संस्थानों को कोर्स से जोड़ा जाएगा।
यूजीसी गाइडलाइंस के मुताबिक, इंडियन नॉलेज सिस्टम के तहत पढ़ाए जाने वाले कोर्स में भारतीय तर्कशास्त्र, भारतीय भाषा विज्ञान, इंडियन आर्किटेक्चर, भारतीय धातुकर्म और भारतीय राजनीति और अर्थव्यवस्था जैसे विषय शामिल होंगे।
नए पाठ्यक्रमों में होंगे फाउंडेशन और कुछ ऐच्छिक कोर्स
शिक्षा नीति के आधार पर ही यूजी और पीजी स्तर पर भारतीय ज्ञान परंपरा के कई नए कोर्स सुझाए गए हैं। भारतीय ज्ञान परंपरा पर आधारित नए पाठ्यक्रमों में फाउंडेशन और कुछ ऐच्छिक कोर्स हैं। ऐच्छिक कोर्स में भारतीय भाषा विज्ञान, भारतीय वास्तु शास्त्र, भारतीय तर्क, धातु शास्त्र, आदि हैं। इनमें भारतीय ज्योतिषीय उपकरण, मूर्ति विज्ञान, बीज गणित, भारतीय वाद्य यंत्र, पूर्व ब्रिटिशकालीन का जल प्रबंधन भी हैं।
फाउंडेशन कोर्स में वेदांग, भारतीय सभ्यता व साहित्य, भारतीय गणित, ज्योतिष, भारतीय स्वास्थ्य विज्ञान व भारतीय कृषि जैसे विषय हैं।
यूजीसी के मुताबिक इंडियन नॉलेज सिस्टम पर आधारित ऑनलाइन कोर्स तीन भागों इंजीनियरिंग, साइंस व टेक्नोलॉजी, मानविकी और सामाजिक विज्ञान सेक्शन में बांटे गए हैं। इच्छुक छात्र शिक्षा मंत्रालय के स्वयं पोर्टल पर जाकर कोर्स में दाखिला ले सकते हैं।
इन विषयों को पढ़ने का मिलेगा मौका
यूजीसी ने बताया कि इंडियन नॉलेज सिस्टम से जुड़े कोर्सेज में साइकोलॉजी, टाउन प्लानिंग नंबर सिस्टम, अर्थमेटिक, एस्ट्रोनॉमी, नॉलेज फ्रेम वर्कर्स और यूनिट मेजरमेंट जैसे विभिन्न विषय पढ़ाए जाएंगे। इसके साथ ही इच्छुक छात्र आर्किटेक्चर प्रोग्राम की भी पढ़ाई कर सकते हैं।
यूजीसी ने बताया कि ऑनलाइन दाखिला लेने वाले छात्रों के लिए ऑनलाइन डिस्कशन, रीडिंग मैटेरियल्स, वीडियो लेक्चर, डाउट क्लियरिंग और सेल्फ असेसमेंट एग्जाम फॉर्म की सुविधाएं मिलेंगी।
कोर्स की जानकारी देते हुए यूजीसी ने बताया कि देश भर के छात्र इंडियन नॉलेज सिस्टम में फंडामेंटल प्रोग्राम कर सकते हैं।
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