Education News: क्या है नर्चर नाम की पहल, जिसके तहत आईआईटी दिल्ली ने 50 हजार से ज्यादा एससी-एसटी छात्रों को दिया प्रशिक्षण

Education News Today: आईआईटी, दिल्ली ने अनुसूचित जाति (एससी) और अनुसूचित जनजाति (एसटी) के 50 हजार से ज्यादा छात्रों को प्रशिक्षित किया है। केंद्र सरकार के साथ संस्थान की ‘नर्चर’ नामक पहल के तहत उन्हें विशेष रूप से प्रशिक्षित किया गया है।

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आईआईटी दिल्ली ने 50 हजार से ज्यादा एससी-एसटी छात्रों को दिया प्रशिक्षण (Image - canva)

Education News in Hindi: आईआईटी, दिल्ली ने अनुसूचित जाति (एससी) और अनुसूचित जनजाति (एसटी) के 50 हजार से ज्यादा छात्रों को प्रशिक्षित किया है। केंद्र सरकार के साथ संस्थान की ‘नर्चर’ नामक पहल के तहत उन्हें विशेष रूप से प्रशिक्षित किया गया है। इस पाठ्यक्रम में छात्रों को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, रोबोटिक्स, ड्रोन तकनीक, मेडिकल टेक्नोलॉजी और अन्य क्षेत्रों में व्यावहारिक तथा अनुभवात्मक प्रशिक्षण प्रदान किया गया है। आईआईटी, दिल्ली ने बताया कि इसका उद्देश्य छात्रों को तकनीकी दक्षता के साथ-साथ करियर सशक्तिकरण के लिए तैयार करना है। संस्थान ने भारत सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के सहयोग से 'नर्चर' कार्यक्रम को पूरा किया है। बुधवार को प्रशिक्षण कार्यक्रम पूरा हो गया।

आईआईटी दिल्ली ने बताया कि यह प्रमुख पहल जुलाई 2023 में शुरू की गई थी। इसका उद्देश्य अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के छात्रों को उभरती और परिवर्तनकारी तकनीकों में भविष्योन्मुखी कौशल प्रदान कर सशक्त बनाना है।

13 महीने में देशभर के 600 संस्थानों में 50,000 से अधिक एससी-एसटी छात्रों को किया गया प्रशिक्षित

आई-हब फाउंडेशन फॉर कॉबोटिक्स वास्तव में आईआईटी, दिल्ली का एक टेक्नोलॉजी इनोवेशन हब है। संस्थान का कहना है कि उनके आई-हब द्वारा संचालित इस कार्यक्रम के अंतर्गत केवल 13 महीने में देशभर के 600 संस्थानों में 50,000 से अधिक एससी-एसटी छात्रों को प्रशिक्षित किया गया है। इन छात्रों का आधुनिक तकनीक के माध्यम से सशक्तिकरण किया गया है। यह प्रशिक्षण इन युवाओं के करियर निर्माण में आने वाली बाधाओं को दूर करने में सक्षम है।

इस प्रशिक्षण के लिए आई-हब ने 20 से अधिक अग्रणी उद्योगों और शैक्षणिक संस्थानों के साथ मिलकर विश्वस्तरीय पाठ्यक्रम तय किए। छात्रों को ऐसे विषयों का प्रशिक्षण दिया गया, जो मौजूदा समय में चलन में हैं। साथ ही उद्योगों से जुड़ा प्रशिक्षण होने के कारण रोजगार के क्षेत्रों में भी उनकी मांग है।

प्रशिक्षकों और विशेषज्ञों की मजबूत टीम द्वारा प्रशिक्षित सभी प्रतिभागियों को प्रमाणपत्र प्रदान किया गया है। इस प्रमाणपत्र से प्रशिक्षण पाने वाले युवाओं की नौकरी प्राप्त करने की संभावनाएं बढ़ती हैं।

कितने लड़के लड़कियों को मिला लाभ

कार्यक्रम में लैंगिक समावेशन पर विशेष ध्यान दिया गया है। अब तक 20,000 से अधिक लड़कियों और लगभग 30,000 लड़कों को इसका लाभ मिला है। इसमें बालिका शिक्षा और सशक्तिकरण के लिए काम करने वाले संगठनों की भी महत्वपूर्ण भूमिका रही है।

आईआईटी, दिल्ली में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग की मिशन निदेशक डॉ. एकता कपूर का कहना है कि 'नर्चर' कार्यक्रम तकनीकी शिक्षा तक सबकी पहुंच सुनिश्चित करने की हमारी प्रतिबद्धता का प्रतीक है। समावेशिता, नवाचार और रोजगारपरक शिक्षा के माध्यम से हम एक नई पीढ़ी के आत्मविश्वासी और सक्षम बदलाव लाने वाले युवाओं को तैयार कर रहे हैं।

आई-हब के प्रोजेक्ट डायरेक्टर प्रो. एस.के. साहा का कहना है कि जब नर्चर कार्यक्रम को पूरे देश में विस्तारित करने का अवसर मिला, तो हम बेहद उत्साहित थे। यह हमारी उस दृष्टि के अनुरूप है जिसमें हम डीप टेक्नोलॉजी शिक्षा और विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग तथा गणित को जमीनी स्तर से लेकर उच्च स्तर तक पहुंचाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

(आईएएनएस इनपुट के साथ)

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नीलाक्ष सिंह author

उत्तर प्रदेश की राजधानी, नवाबों के शहर लखनऊ का रहने वाला हूं। स्कूली शिक्षा, ग्रेजुएशन, पोस्ट ग्रेजुएशन डिग्री सब इसी शहर से प्राप्त की। मीडिया क्ष...और देखें

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