BTech in Hindi Language: आसान हुई इंजीनियरिंग की पढ़ाई, इस IIT में हिंदी में कर सकेंगे बीटेक कोर्स
IIT Jodhpur Launched BTech in Hindi Language: आईआईटी जोधपुर ने बीटेक कोर्स हिंदी में कराने का फैसला लिया है। नई शिक्षा नीति 2020 के तहत हिंदी भाषा में इंजीनियरिंग कोर्स को इसी साल से लॉन्च किया जा सकता है। केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने भी बहुभाषी व भविष्य से जुड़ी शिक्षा पर जोर दिया।
IIT जोधपुर में हिंदी में बीटेक
BTech Engineering Course in Hindi Language: इंजीनियरिंग की पढ़ाई के लिए छात्रों की पहली पसंद इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी यानी IIT ही होती है। देश के सबसे प्रतिष्ठित शिक्षण संस्थान आईआईटी एक ओर जहां अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और यूरोप के टॉप इंस्टीट्यूट के साथ रिसर्च और कोर्स डिजाइन कर रहे हैं। वहीं, अब आईआईटी ने इंजीनियरिंग की पढ़ाई को आसान करने वाला फैसला लिया है। दरअसल, IIT Jodhpur में इंजीनियरिंग कोर्स हिंदी भाषा में भी अपने पाठ्यक्रम पेश किए हैं।
आईआईटी जोधपुर ने बीटेक फर्स्ट ईयर के लिए हिंदी भाषा में कोर्स लाने का फैसला किया है। यह कोर्स अंग्रेजी के साथ-साथ हिंदी में भी उपलब्ध होगा। हिंदी भाषा में इंजीनियरिंग कोर्स को इसी साल से लॉन्च किया जा सकता है। आइए विस्तार से जानते हैं इस कोर्स में क्या-क्या होगा।
BTech in Hindi: एक बड़ी पहल
शिक्षाविदों के मुताबिक भाषाई तौर पर शिक्षा के क्षेत्र में यह एक बड़ी पहल है। केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने मीडिया को इस संदर्भ में जानकारी देते हुए बताया कि आईआईटी जोधपुर इस शैक्षणिक वर्ष की शुरुआत से हिंदी और अंग्रेजी दोनों में बीटेक प्रथम वर्ष के पाठ्यक्रम पेश करेगा। यह पहल यह सुनिश्चित करने के लिए डिजाइन की गई है कि सभी छात्र उस भाषा में प्रभावी ढंग से सीख सकें, जिसमें वे सबसे अधिक सहज हों।
गौरतलब है कि केंद्र सरकार द्वारा बनाई गई नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP 2020) भी क्षेत्रीय भाषाओं में तकनीकी शिक्षा को बढ़ावा देने की सिफारिश करती है। IIT Jodhpur के इस बीटेक फर्स्ट ईयर पाठ्यक्रम पर शिक्षा मंत्रालय का कहना है कि स्थिरता और गुणवत्ता बनाए रखते हुए दोनों अनुभागों को एक ही प्रशिक्षक पढ़ाएंगे। यह आईआईटी जोधपुर में अधिक समावेशी और सहायक शैक्षणिक माहौल को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
कोर्स में क्या-क्या होगा?
डिजिटल मानविकी, इंटरनेट ऑफ थिंग्स एंड एप्लीकेशन, क्वांटम सूचना और रोबोटिक्स और गतिशीलता प्रणाली, स्मार्ट हेल्थकेयर, अंतरिक्ष विज्ञान और प्रौद्योगिकी जैसे आधुनिक और महत्वपूर्ण विषय आईआईटी जोधपुर के कोर्स में शामिल हैं। ऐसे में क्षेत्रीय भाषाओं को बढ़ावा मिलने पर भविष्य में इन पाठ्यक्रमों को भी छात्रों के व्यापक समूह तक बढ़ाया जा सकता है।
केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने भी बहुभाषी व भविष्य से जुड़ी शिक्षा पर जोर दिया। मंगलवार को उन्होंने कहा कि अपनी जड़ों से जुड़ी, भविष्यवादी, बहुभाषी और 21वीं सदी की शिक्षा एक सामूहिक जिम्मेदारी है। राज्यों और केंद्र दोनों को शिक्षा पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत करने के साथ-साथ सभी सर्वोत्तम प्रथाओं को दोहराने और बढ़ाने के लिए एक टीम के रूप में काम करना होगा। उन्होंने यह बात केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय की राष्ट्रीय समीक्षा बैठक में कही।
गौरतलब है कि वर्तमान में आईआईटी जोधपुर ने यूजी, पीजी और पीएचडी कार्यक्रमों में 4,500 से अधिक छात्र हैं। आईआईटी जोधपुर ने एक आईआईटी के तौर पर कई आधुनिक तकनीक और समाधान भी विकसित किए हैं। हाल ही में इस आईआईटी के शोधकर्ताओं ने पौधे-आधारित बायोमास से बने बायो-जेट-ईंधन बनाने का नया तरीका विकसित किया था।
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Ravi Mallick author
सर्वविद्या की राजधानी कहे जाने वाले वाराणसी का रहने वाला हूं। यहीं से पढ़ाई की शुरुआत हुई। महात्म...और देखें
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