Independence Day Poem in Hindi 2024: स्वतंत्रता दिवस पर बच्चों के लिए आसान और छोटी हिन्दी कविता, चंद मिनटों में हो जाएगी याद

Independence Day Poem in Hindi 2024 (स्वतंत्रता दिवस पर कविता हिन्दी में): हमारा देश इस साल आजादी की 77वीं वर्षगांठ मनाने जा रहा है। इस अवसर पर आप भी स्वतंत्रता दिवस 2024 पर हिन्दी कविता (Independence Day Hindi Poem 2024) सुना कर लोगों का दिल जीत सकते हैं। इन कविताओं को पढ़ने के बाद पूरा माहौल देशभक्ति से सराबोर हो जाएगा।

Independence Day Poem in Hindi 2024

Independence Day Poem in Hindi 2024 (स्वतंत्रता दिवस पर कविता हिन्दी में): स्वतंत्रता दिवस देश का प्रमुख राष्ट्रीय पर्व है। अनगिनत स्वतंत्रता सेनानियों के त्याग, तपस्या और बलिदान के बाद आखिरकार 15 अगस्त 1947 को देश को अंग्रजी हुकूमत से आजादी मिली थी। आजादी का यह दिन किसी भी स्वतंत्र देश के लिए सबसे महत्वपूर्ण और याद रखने योग्य होता है। इस साल हमारा देश आजादी की 77वीं वर्षगांठ (Independence Day Poem for Class 1) मनाने जा रहा है। हर साल की तरह इस साल भी देश के प्रधानमंत्री लाल किले पर ध्वजारोहण के बाद राष्ट्र के नाम संबोधन देंगे। वहीं, स्कूल और कॉलेज में भी तरह-तरह की प्रतियोगिताओं (Independence Day Poem for Class 2) का आयोजन किया जाएगा। ऐसे में आप भी स्वतंत्रता दिवस 2024 पर हिन्दी कविता (Independence Day Hindi Poem 2024) सुना कर लोगों का दिल जीत सकते हैं। इन कविताओं (Independence Day Poem for Class 3) को पढ़ने के बाद पूरा माहौल देशभक्ति से सराबोर हो जाएगा।

Independence Day Poem in Hindi 2024

प्यारा प्यारा मेरा देश,
सबसे न्यारा मेरा देश।
दुनिया जिस पर गर्व करे,
वो जगमग सितारा मेरा देश।
गंगा जमुना की माला का,
फूलों वाला मेरा देश।
अंतरिक्ष में ऊंचा जाता मेरा देश,
प्यारा प्यारा मेरा देश।
इतिहास में बढ़ चढ़ कर,
नाम लिखाए मेरा देश।
नित नए चेहरों में,
मुस्कानें लाता मेरा देश।।
जय हिंद... जय भारत

Independence Day Short Hindi Poem 2024

देखो बच्चों झंडा प्याय,
तीनों रंगों का मेल है सारा।
सदा रहे यह झंडा ऊंचा
आकाश को रहे यह झंडा छूता।
सदा करो तुम इसका मान,
कभी ना करना इसका अपमान,
झंडा ही है देश की शान,
बना रहे यह सदा महान।

Independence Day Poem for Kids 2024

उठो, धरा के अमर सपूतों।
पुन: नया निर्माण करो।
जन-जन के जीवन में
फिर से नव स्फूर्ति, नव प्राण भरो।
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