Indias Most Expensive Degree: भारत की सबसे महंगी डिग्री, पाने के लिए लगते हैं 1.4 करोड़ रुपये, जानें किस कॉलेज में लेना होता है एडमिशन
Indias Most Expensive Degree: भारत में मेडिकल कोर्सेज में एडमिशन के लिए होड़ मची रहती है, लेकिन एक ऐसा भी कोर्स है, जिसकी फीस सुनने के बाद आप इन कोर्स में एडमिशन का इरादा बदल सकते हैं।
भारत की सबसे महंगी डिग्री (image - canva)
Indias Most Expensive Degree: भारत में मेडिकल कोर्सेज में एडमिशन पाना आसान नहीं है, पहले एकेडमिक लेवल पर अच्छे नंबर लाओ, इसके बाद एंट्रेस में टॉप करो और फिर भारी फीस का भुगतान, यह सब करने के बाद ही आप मेडिकल ग्रेजुएट या पोस्ट ग्रेजुएट की पढ़ाई जारी रख सकते हैं। देश में कई कालॅजों में फीस आपने लाखों तक में सुनी होगी, लेकिन क्या आपको मेडिकल क्षेत्र में भारत की सबसे महंगी डिग्री के बारे में पता है? इस पूरा करने के लिए आपको 1.4 करोड़ रुपये भरने होंगे, आइए जानें कोर्स का नाम व इसे करने के लिए कहां लेना होता है एडमिशन।
कॉलेज का नाम
देश का सबसे महंगा मेडिकल कोर्स डी वाई पाटिल मेडिकल कॉलेज में होता है, जो कि नवी मुंबई में है। यहां से चुनिंदा लोग ही एमबीबीएस पूरा कर पाते हैं, हालांकि इस फीस में छात्रावास शुल्क भी शामिल है, डी वाई पाटिल 2.84 लाख रुपये का अतिरिक्त व एकमुश्त विश्वविद्यालय शुल्क भी लेता है, जिसका भुगतान प्रवेश के समय किया जाना चाहिए।
कितनी है फीस
इस डिग्री की कुल लागत की बात करें, तो 1.35-1.40 करोड़ रुपये है। हालांकि यह रकम एक साथ नहीं भरनी होती है, इस वार्षिक रूप से जमा करना होता है। एक साल में करीबन 30.5 लाख रुपये भरने की जरूरत होती है। यहा एमबीबीएस पूरा करने के लिए आपको साढ़े चाल साल देने होंगे।
अन्य कॉलेज भी वसूलते हैं महंगी फीस
अत्यधिक फीस वसूलने वाला डी वाई पाटिल मेडिकल कॉलेज देश का एकमात्र डीम्ड कॉलेज नहीं है। तमिलनाडु व अन्य राज्यों में ऐसे कई मेडिकल कॉलेज हैं, जहां 25 लाख रुपये से अधिक वार्षिक शुल्क लिया जाता है जैसे
- चेन्नई के श्री रामचन्द्र मेडिकल कॉलेज की फीस 28.13 लाख रुपये है।
- चेन्नई का एसआरएम मेडिकल कॉलेज 27.2 लाख रुपये वार्षिक फीस के साथ तमिलनाडु में दूसरे स्थान पर है।
सरकारी कॉलेज में सवा से डेढ़ लाख का खर्चा
देश में जहां करोड़ो रुपये की फीस देनी होती है, वहीं महाराष्ट्र के एक सरकारी कॉलेज में मेडिकल डिग्री के लिए छात्रों को प्रति वर्ष 1.3 लाख रुपये का खर्च आता है। निजी कॉलेजों में, जहां फीस को शुल्क नियामक प्राधिकरण द्वारा नियंत्रित किया जाता है, वे आवास और जमा जैसे अन्य शुल्कों को छोड़कर, प्रति वर्ष 7 लाख रुपये से 16 लाख रुपये तक चार्ज कर सकते हैं।
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उत्तर प्रदेश की राजधानी, नवाबों के शहर लखनऊ का रहने वाला हूं। स्कूली शिक्षा, ग्रेजुएशन, पोस्ट ग्र...और देखें
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