International Labour Day 2024: अंतरराष्ट्रीय मजदूर दिवस कब और क्यों मनाया जाता है, जानें भारत में कब हुई इसकी शुरुआत

International Labour Day 2024 (अंतरराष्ट्रीय मजदूर दिवस 2024): अमेरिका में मजदूर दिवस मनाने का प्रस्ताव 1 मई 1889 को लागू हुआ लेकिन भारत में इस दिन को मनाने की शुरुआत लगभग 34 साल बाद हुई। यह खास दिन मजदूरों के अमूल्य योगदान को सम्मान देने के लिए मनाया जाता है।

International Labour Day 2024

International Labour Day 2024 (अंतरराष्ट्रीय मजदूर दिवस 2024 कब और क्यों मनाया जाता है ): हर साल की तरह इस साल भी 1 मई को अंतरराष्ट्रीय मजदूर दिवस (International Labour Day) मनाया जाएगा। भारत में मजदूर दिवस को लेबर डे, मई दिवस, कामगार दिन, इंटरनेशनल वर्कर डे और वर्कर डे के नाम से भी जाना जाता है। हर बार मजदूर दिवस की एक थीम भी होती है, जिसके आधार पर इस दिन को मनाया जाता है। इस साल मजदूर दिवस की थीम (International Labour Day 2024 Theme) बदलते माहौल में काम पर सुरक्षा और स्वास्थ्य सुनिश्चित (Safety and health at work in a changing climate) करना है। इस खास अवसर पर आज हम आपको मजदूर दिवस का इतिहास (International Labour Day History), महत्व और उससे जुड़े कुछ रोचक तथ्यों के बारे में बताएंगे।

मजदूर दिवस मनाने का इतिहास

अमेरिका समेत विभिन्न पश्चिमी देशों में औद्योगीकरण के दौर में मजदूरों से लगभग 15 घंटे काम लिया जाता था। उन्हें लगातार काम करने के लिए मजबूर किया जाता था और सप्ताह में छुट्टी भी नहीं दी जाती थी। ऐसे में मजदूरों के बदतर हालात को सुधारने के लिए अमेरिका और कनाडा की ट्रेड यूनियनों के संगठन फेडरेशन ऑफ ऑर्गेनाइज्ड ट्रेड्स एंड लेबर यूनियन ने तय किया कि 1 मई 1886 के बाद मजदूर रोजाना 8 घंटे से ज्यादा काम नहीं करेंगे। इसी के बाद बड़े श्रमिक आंदोलन की शुरुआत हुई। इस आंदोलन में अमेरिका के मजदूर सड़कों पर आ गए थे। इस दौरान पुलिस ने मजदूरों पर गोली चला दी थी, जिस वजह से कई मजदूरों की मौत हो गई और 100 से अधिक लोग घायल हो गए थे।

मजदूरों के हित में लिया गया फैसला

इस घटना के तीन साल बाद 1889 में पेरिस में इंटरनेशनल सोशलिस्ट कॉन्फ्रेंस में एक प्रस्ताव पास किया गया। इस प्रस्ताव में अंतरराष्ट्रीय मजदूर दिवस मनाए जाने की बात स्वीकार की गई। हर साल इस दिन मजदूरों को छुट्टी देने का भी ऐलान किया गया। साथ ही यह भी तय किया गया कि मजदूरों से प्रतिदिन 8 घंटे ही काम लिया जाएगा। इस तरह धीरे-धीरे पूरी दुनिया में 1 मई को मजदूर दिवस मनाने की शुरुआत हुई।

End Of Feed