JEE Advanced Success Story: चित्रकार पिता ने अपने बच्चों का करियर किया डिजाइन, बेटों ने JEE एडवांस्ड क्रैक कर उसमें भरा रंग, पढ़ें सफलता की प्रेरणादायक व खूबसूरत कहानी

JEE Advanced Motivational Story: एक चित्रकार के बच्चों ने JEE एडवांस्ड क्रैक कर सफलता की एक अनोखी कहानी लिख डाली। इनके नाम शिवम और अभिषेक है, दोनो को क्रमश: 2,989 और 2,372 रैंक मिली है, जानें दोनों भाइयों ने JEE एडवांस्ड क्रैक करने का श्रेय किसे दिया, कहा से मिली प्रेरणा

JEE Advanced Success Story

जेईई एडवांस्ड की सफलता की कहानी

JEE Advanced Success Story: जब कुछ कर गुजरने की इच्छा शक्ति प्रबल हो तो लक्ष्य तक पहुंचने के रास्ते भी अपने आप बनने लगते हैं, ठीक ऐसा ही हुआ शिवम और अभिषेक नाम के दो भाइयों के साथ, जिन्होंने अपने परिवार को आर्थिक रूप से जूझते हुए देखा, और अपनी व परिवार की किस्मत बलदने के लिए देश की सबसे कठिन परीक्षा पास करने की ठान ली। दोनों भाइयों ने ऐसी लगन दिखाई कि साथ में JEE एडवांस्ड क्रैक कर दिखाया और पिता का मान सम्मान बढ़ाने के साथ उन सभी उम्मीदवारों के लिए आदर्श बन गए, जिनके पास संसाधन तो हैं, लेकिन कोशिशों में कुछ कमी है।

600 रुपये कमाने वाले चित्रकार के बेटों ने जेईई रिजल्ट में गाड़ा झंडा

शिवम और अभिषेक दोनों चचेरे भाई हैं। दोनों ने जेईई एडवांस्ड परीक्षा में क्रमशः 2,989 और 2,372 रैंक हासिल की। TOI रिपोर्ट के अनुसार, उन दोनों के पिता चित्रकार हैं और सारा दिन मेहनत करने के बाद लगभग 600 रुपये के आसपास बना लेते हैं। कहानी तब शुरू हुई जब एक दिन स्कूल में वे चित्रकारी के लिए गए और वहां उन्हें जेईई परीक्षा के बारे में पता चला। यहां से उन्होंने एक सपना पिरोया और अपने बच्चों को बताया।
बच्चों ने पिता के सजाए ख्वाबों में रंग भरने की सफल कोशिश की और दोनों ने JEE एडवांस्ड क्रैक कर दिखाया। सच में यह एक असली पिता और चित्रकार हैं, जिसने चित्रकारी करते करते अपने बच्चों का करियर डिजाइन किया, और बच्चों ने पिता की मेहनत पर पानी नहीं, बल्कि सुंदर रंग भरा।

कभी खाने की थी मंदी

दोनों पिता का नाम राजेंद्र कुमार और विजेंद्र कुमार हैं, दोनों मूल रूप से झांसी जिले के रहने वाले हैं। दोनों 15 साल पहले काम की तलाश में बाहर चले गए थे। वे लगभग खाली हाथ आगरा पहुंचे और ऐसे दिन भी देखे जब उनके पास अगले खाने के लिए कुछ नहीं था।
शुरुआती संघर्षों के बावजूद, अपनी कड़ी मेहनत और समर्पण के माध्यम से, उन्होंने खुद को चित्रकार के रूप में स्थापित किया - कार्यालयों, घरों और दुकानों में काम किया।

कंप्यूटर साइंस में करना चाहते हैं बीटेक

अभिषेक और शिवम दोनों आईआईटी से कंप्यूटर साइंस में बीटेक करना चाहते हैं। अभिषेक और शिवम ने कहा कि यह उनके पिता थे जिन्होंने दो साल पहले उन्हें जेईई परीक्षा के बारे में बताया था। उनके पिता को एक निजी स्कूल में पेंटिंग का काम करते समय इस परीक्षा के बारे में पता चला था। अपने बेटों को सफल होते देखने की अपने पिता की इच्छा से प्रेरित होकर, चचेरे भाई आईआईटी प्रवेश परीक्षा की तैयारी करने के लिए सहमत हुए।

जेईई एडवांस्ड पास करने के लिए कितने घंटे की पढ़ाई

दोनों चचेरे भाइयों ने कहा कि उनका आदर्श वाक्य 'अनुशासन, समर्पण और दृढ़ संकल्प' है। वे एक साथ पढ़ते हैं, अपने आठ घंटे के कोचिंग सत्र के बाद घर पर अतिरिक्त 6-7 घंटे पढ़ाई के लिए समर्पित करते हैं।

जेईई एडवांस्ड पास करने के लिए प्लानिंग

वे कठिन समस्याओं को एक साथ हल करते हैं। शिवम ने आगरा से कक्षा 12 में 86% और कक्षा 10 की बोर्ड परीक्षा में 84% अंक प्राप्त किए। अभिषेक ने कक्षा 10 तक की शिक्षा झांसी में पूरी की, जहां उन्होंने कक्षा 10 में 87% अंक प्राप्त किए। उन्होंने कक्षा 12 की बोर्ड परीक्षा में 89% अंक प्राप्त किए।

जेईई एडवांस्ड पास करने के लिए परिवार का मिला भरपूर साथ

अभिषेक और शिवम दोनों साथ पढ़ते थे और एक-दूसरे को प्रेरित करते थे। आर्थिक तंगी के बावजूद, उनके माता-पिता उनका भरपूर साथ दिया। वे हमेशा इस बात पर नजर रखते थे कि हम कैसे आगे बढ़े और आत्मविश्वास केसे बनाए रखें।
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नीलाक्ष सिंह author

उत्तर प्रदेश की राजधानी, नवाबों के शहर लखनऊ का रहने वाला हूं। स्कूली शिक्षा, ग्रेजुएशन, पोस्ट ग्रेजुएशन डिग्री सब इसी शहर से प्राप्त की। मीडिया क्ष...और देखें

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