Kargil Vijay Diwas Essay, Nibandh, Speech 2023: कारगिल विजय दिवस पर सबसे आसान निबंध और भाषण, जाग जाएगा देशभक्ति का जज्बा
Kargil Vijay Diwas Essay, Speech in Hindi 2023 (कारगिल विजय दिवस पर निबंध और भाषण हिंदी में): यदि आप भी कारगिल विजय दिवस पर निबंध व भाषण प्रतियोगिता की तैयारी कर रहे हैं, तो हमारे इस आर्टिकल पर एक नजर जरूर डालें। इस तरह आप निबंध लिखकर शत प्रतिशत मार्क्स व प्रथम स्थान प्राप्त कर सकते हैं - यहां देखें कारगिल विजय दिवस पर सबसे सरल व आसान निबंध, भाषण, स्पीच स्लोगन।
Kargil Vijay Diwas Essay, Speech in Hindi 2023: कारगिल विजय दिवस पर सबसे सरल व दमदार निबंध और भाषण
Kargil Vijay Diwas Essay, Speech in Hindi 2023 (कारगिल विजय दिवस पर निबंध और भाषण हिंदी में): वक्त के साथ जिंदगी आगे बढ़ चुकी है, लेकिन हवा में लहराता तिरंगा आज भी कारगिल युद्ध में भारतीय सेना के वीरगाथाओं को समेटे हुए है, जो भारत के जांबाजों ने अपने लहू से (Kargil Vijay Diwas Essay) लिखा था। बर्फ से ढ़की ये पहाड़ी कभी दुश्मनों के कब्जे में थी, लेकिन भारतीय सेना के जांबाजों ने भारत माता के आंचल पर आंच नहीं (Kargil Vijay Diwas Essay In Hindi) आने दी।
भारतीय इतिहास में 26 जुलाई का दिन बड़े गर्व के साथ मनाया (Kargil Vijay Diwas Nibandh) जाता है। 26 जुलाई 1999 को भारतीय सैनिकों ने पाकिस्तानी सेना व सरकार को घुटने टेकने के लिए मजबूर कर (Kargil Vijay Diwas Speech In Hindi) दिया था। ये दिन आज भी भारतीय इतिहास के पन्नों में दर्ज है। इस बार भारत देश कारगिल विजय दिवस की 24वीं वर्षगांठ मनाने जा रहा है।
इस खास मौके पर सभी स्कूल कॉलेज व अन्य सरकारी संस्थानों में देशभक्ति कार्यक्रम आयोजित किए (Kargil Vijay Diwas Speech) जाते हैं। तथा इस दिन के महत्व व इतिहास का जिक्र करने के लिए भाषण व निबंध प्रतियोगिता आयोजित की जाती है। ऐसे में यहां हम आपके लिए कारगिल विजय दिवस पर शानदार व दमदार भाषणा व निबंध लेकर आए हैं। कुछ इस तरह निबंध लिखकर आप लोगों के दिलों में अपनी छाप छोड़ सकते हैं।
Kargil Vijay Diwas Essay In Hindi: ऐसे बनाएं निबंध को दमदारयदि आप चाहते हैं कि आपका निबंध पढ़ने वाले की आंखें पन्न से हटने का नाम ना लें और वह आपके लेखन कला का दीवाना हो जाए तो निबंध की शुरुआत देशभक्ति शायरी या पंक्ति से करें। साथ ही ध्यान रहे निबंध कम से कम 700 से 1000 शब्दों का होना चाहिए। यदि आपको सीमित शब्दों में निबंध लिखने के निर्देश दिया गया है, तो यहां केवल महत्वपूर्ण बातों का जिक्र करें।
- दिल से निकलेगी न मर कर भी वतन की उल्फ़त
मेरी मिट्टी से भी ख़ुशबू-ए-वफ़ा आएगी
- ऐ मातृभूमि तेरी जय हो, सदा विजय हो
प्रत्येक भक्त तेरा, सुख-शांति-कान्तिमय हो
- न इंतिज़ार करो इन का ऐ अज़ा-दारो
शहीद जाते हैं जन्नत को घर नहीं आते
- तीर खाने की हवस है तो जिगर पैदा कर
सरफ़रोशी की तमन्ना है तो सर पैदा कर
Kargil Vijay Diwas Nibandh: ऐसे बनाएं निबंध को सरल व दिलचस्पनिबंध को सरल और दिलचस्प बनाने के लिए सबसे पहले इसकी एक रूपरेखा तैयार करें। इस चार से पांच भागों में विभाजित करें। इससे आपको निबंध लिखने में आसानी होगी और पढ़ने वाले को आपका निबंध दूसरों से अलग और दिलचस्प लगेगा। साथ ही भाषा व शब्दों का विशेष ध्यान रखें। इसमें किसी प्रकार की कोई श्रुटि नहीं होनी चाहिए।
- प्रस्तावना
- कब और क्यों मनाया जाता है कारगिल विजय दिवस
- कारगिल विजय दिवस का इतिहास
- कारगिल विजय दिवस का महत्व
- वीर शहीदों को श्रद्धांजलि
- सारांश
ऊपर दिए ये महत्वपूर्ण बिंदू आपके निबंध को दूसरे छात्रों से अलग और दिलचस्प बना देंगे। यदि आप इस तरह निबंध की शुरुआत करते हैं, तो आपको शत प्रतिशत मार्क्स मिलेंगे।
Kargil Vijay Diwas Essay: कारगिल विजय दिवस पर सबसे सरल निबंधकारगिल विजय दिवस भारतीय इतिहास के पन्नों में दर्ज है। इस दिन को हर भारतीय बड़े गर्व के साथ मनाता है। यही वह दिन है जब भारतीय सेना ने पाकिस्तानी सेना के छक्के छुड़ा दिए थे और घुटने टेकने के लिए मजबूर कर दिया था। भारत- पाकिस्तान का यह युद्ध ऐतिहासिक माना जाता है। द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद इस युद्ध को सबसे भयानक माना जाता है।
इस युद्ध में भारत के करीब 500 जवान शहीद हुए थे और 13000 से ज्यादा जवान घायल हुए थे, लेकिन इसके बावजूद सैनिकों ने भारत माता के मस्तक को नहीं झुकने दिया और पाकिस्तानी सैनिकों को रौंदते हुए कारगिल की चोटी पर तिरंगा फहरा दिया था। इस दिन को याद कर आज भी हर भारतीय का सीना गर्व से फूल जाता है। यही कारण है कि प्रत्येक वर्ष कारगिल विजय दिवस मनाया जाता है। इस दिन प्रधानमंत्री इंडिया गेट पर अमर शहीदों को श्रद्धांजलि देते हैं व पुष्प अर्पित करते हैं।
Kargil Vijay Diwas Slogan In Hindi
- अगर मेरे खून को साबित करने से पहले मौत आ जाए, तो मैं कसम खाता हूं कि मैं मौत को मार डालूंगा।
- या तो मैं तिरंगा फहराकर वापस आऊंगा, या फिर तिरंगे में लिपटकर वापस आऊंगा, लेकिन मैं वापस जरूर आऊंगा।
- सैनिक सिर्फ एक इंसान नहीं, हमारी शान है, सेना हमारी शान है, हमारा कमाया हुआ सम्मान है।
- बहादुर कभी नहीं मरते, भले ही वे धूल में सोते हों: उनका साहस हजारों जीवित व्यक्तियों को परेशान कर देता है।
निबंध के अंत में आप ऊपर दिए ये स्लोगन लिख सकते हैं।
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मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम की नगरी अयोध्या का रहने वाला हूं। लिखने-पढ़ने का शौकीन, राजनीति और श...और देखें
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