MBBS in Hindi: हिंदी में एमबीबीएस की शिक्षा देने वाला पहला राज्य बना मध्य प्रदेश

MBBS Study in Hindi: सरकार ने एमबीबीएस जैसे व विज्ञान आधारित आधुनिक पाठ्यक्रम की किताबें हिंदी में लॉन्च की है। केंद्र सरकार के मुताबिक मध्य प्रदेश हिन्दी भाषा में चिकित्सा शिक्षा प्रदान करने वाला पहला राज्य बन गया है।

MBBS in Hindi

हिंदी में एमबीबीएस की शिक्षा (image - canva)

तस्वीर साभार : IANS

MBBS in Hindi: सरकार ने एमबीबीएस जैसे व विज्ञान आधारित आधुनिक पाठ्यक्रम की किताबें हिंदी में लॉन्च की है। केंद्र सरकार के मुताबिक मध्य प्रदेश हिन्दी भाषा में चिकित्सा शिक्षा प्रदान करने वाला पहला राज्य (MBBS in Hindi) बन गया है। सरकार का मानना है कि यह भारत में शिक्षा क्षेत्र के लिए एक पथप्रदर्शक पहल है और एक प्रकार का "पुनर्जागरण" है। सरकार का मानना है कि जब भाषा को नौकरियों या व्यवसायों से जोड़ा जाता है, तो वह अपनी वृद्धि और विकास का रास्ता खुद खोज लेती हैं।

केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने हिंदी में एमबीबीएस पाठ्यक्रम (MBBS Study in Hindi) की जानकारी देते हुए कहा कि भाषाएं लोगों को जोड़ती हैं और उन्हें तब तक नहीं तोड़ती, जब तक उन्हें जबरन लागू न किया जाए। गैर-हिंदी भाषी क्षेत्रों के युवा बड़ी संख्या में पर्यटन और विमानन क्षेत्रों में काम कर रहे हैं और हिंदी के ज्ञान ने उन्हें नौकरियां सुरक्षित करने में मदद की है। केंद्र सरकार का कहना है कि देश भर के वैज्ञानिक विभागों और संस्थानों सहित सभी सरकारी विभागों में हिंदी के प्रयोग में वृद्धि हुई है।

संयुक्त हिंदी सलाहकार समिति की 34वीं बैठक

शुक्रवार को दिल्ली में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय और पृथ्वी विज्ञान विभाग, की संयुक्त हिंदी सलाहकार समिति की 34वीं बैठक हुई। इस बैठक की अध्यक्षता करते हुए केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने यह बातें कही।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी को हर घर और जमीनी स्तर तक पहुंचाने के लिए वैज्ञानिक विषयों का हिंदी और अन्य क्षेत्रीय भाषाओं में उचित अनुवाद महत्वपूर्ण है। (MBBS Books in Hindi) ऐसे अनुवाद करने के लिए उन विषयों के विशेषज्ञों से परामर्श लेने की आवश्यकता है, जो संबंधित भाषाओं के भी विशेषज्ञ हैं और शिक्षा विभाग को भी इसमें शामिल करने की आवश्यकता है।

अनुवाद होगा प्रासंगिक

सरकार का मानना है कि विज्ञान में व्यापक स्वीकृति के लिए किसी भाषा के अनुकूलन में लचीलापन होना चाहिए और शाब्दिक अनुवाद के स्थान अनुवाद को प्रासंगिक बनाना चाहिए। (MBBS in MP) प्रत्येक भाषा के अपने शब्द होते हैं, जो उस क्षेत्र पर निर्भर करता है, जहां वह प्रचलित है, इसलिए हमें ऐसे शब्दों के लिए किसी भाषा के समकक्ष शब्द खोजने पर कड़ा रुख अपनाने के स्थान पर उन शब्दों को अनुकूलित करने की आवश्यकता है।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने विभाग के अधिकारियों को आधिकारिक उपयोग में हिंदी को और अधिक बढ़ावा देने के लिए हिंदी सलाहकार समिति के सदस्यों के साथ नियमित रूप से संपर्क में रहने का निर्देश दिया। (MBBS Course in Hindi) समिति के सदस्यों ने हिन्दी के प्रयोग पर अपने बहुमूल्य सुझाव दिए।

इस बैठक में समिति के गैर-सरकारी सदस्यों में सांसदों और देश भर के प्रतिष्ठित हिंदी विद्वानों के साथ-साथ विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग, वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान विभाग, जैव प्रौद्योगिकी विभाग और पृथ्वी मंत्रालय के प्रतिनिधि और विज्ञान एवं अधीनस्थ संगठनों ने भी भाग लिया। समिति के सदस्यों ने इन विभागों में हिंदी के कामकाज की स्थिति की समीक्षा की और सरकारी कार्यालयों में हिंदी के प्रयोग को बढ़ाने के लिए अपने महत्वपूर्ण सुझाव भी दिए।

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