Ayush University UP: यूपी के पहले आयुष विश्वविद्यालय में लेना है दाखिला, तो जान लें कोर्स की पूरी डिटेल
Mahayogi Gorakhnath Ayush University UP Admission Process: गोरखपुर में प्रदेश के पहले आयुष विश्वविद्यालय का निर्माण कार्य इस माह के अंत तक पूरा हो जाने की उम्मीद है। महायोगी गुरु गोरखनाथ के नाम पर बने इस विश्वविद्यालय में आयुष से जुड़े सभी चिकित्सा पद्धतियों पर पारंपरिक पाठ्यक्रमों के साथ आज के दौर की आवश्यकताओं के अनुरूप यूनिक कोर्स भी चलाए जाएंगे।
Mahayogi Gorakhnath Ayush University
Mahayogi Gorakhnath Ayush University UP Admission Process: गोरखपुर में प्रदेश के पहले आयुष विश्वविद्यालय का निर्माण कार्य इस माह के अंत तक पूरा हो जाने की उम्मीद है। महायोगी गुरु गोरखनाथ के नाम पर बने इस विश्वविद्यालय में आयुष से जुड़े सभी चिकित्सा पद्धतियों पर पारंपरिक पाठ्यक्रमों के साथ आज के दौर की आवश्यकताओं के अनुरूप यूनिक कोर्स भी चलाए जाएंगे। इसे लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर आयुष विभाग के अफसर देश के अन्य राज्यों में चलाए जा रहे आयुष पाठ्यक्रमों के तुलनात्मक अध्ययन में जुटे हैं ताकि यहां चलाए जाने वाले और नए कोर्स की ड्राफ्टिंग की जा सके। फिलहाल पीएचडी समेत दर्जनभर पाठ्यक्रमों को चलाने की रूपरेखा तैयार कर ली गई है।
28 अगस्त 2021 को हुआ था शिलान्यास
भटहट के पिपरी में 52 एकड़ क्षेत्रफल में बन रहे महायोगी गुरु गोरखनाथ आयुष विश्वविद्यालय का शिलान्यास 28 अगस्त 2021 को तत्कालीन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने किया था। आयुष विश्वविद्यालय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ड्रीम प्रोजेक्ट में से एक है। शिलान्यास के बाद वह यहां आकर कई बार निर्माण कार्य का जायजा ले चुके हैं। अब इसका निर्माण लगभग पूरा हो चुका है। फिनिशिंग से संबंधित जो कुछ कार्य शेष हैं, उसके भी 30 नवंबर 2024 तक पूर्ण हो जाने की उम्मीद है।
उल्लेखनीय है कि आयुष विश्वविद्यालय के अस्तित्व में आने से पहले आयुर्वेद, यूनानी, होम्योपैथी, प्राकृतिक चिकित्सा, योग, सिद्धा की चिकित्सा पद्धति, जिन्हें समन्वित रूप में आयुष कहा जाता है, के लिए अलग-अलग संस्थाएं रही हैं। पर, सत्र 2021-22 से प्रदेश के सभी राजकीय और निजी आयुष कॉलेजों का नियमन अब आयुष विश्वविद्यालय से ही होता है। वर्तमान सत्र 2024-25 में प्रदेश के 97 आयुष शिक्षण (आयुर्वेद, होम्योपैथी और यूनानी) के कॉलेज/संस्थान इस विश्वविद्यालय से संबद्ध हैं। इस सत्र में इन सभी कॉलेजों में कुल मिलाकर स्नातक और परास्नातक पाठ्यक्रमों के करीब सात हजार विद्यार्थी अध्ययनरत हैं।
कौन कौन से कोर्स उपलब्ध होंगे
महायोगी गुरु गोरखनाथ आयुष विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. एके सिंह बताते हैं कि स्नातक और परास्नातक के साथ मुख्यमंत्री की मंशा के अनुरूप समयानुकूल कई और रोजगारपरक पाठ्यक्रम शुरू किए जाएंगे। पाठ्यक्रमों को लेकर आयुष विश्वविद्यालय ने जो आगामी कार्ययोजना बनाई है उसमें पीएचडी, बीएससी नर्सिंग आयुर्वेद, बी फार्मा आयुर्वेद, बी फार्मा होम्योपैथ, बी फार्मा यूनानी, पंचकर्म असिस्टेंट डिप्लोमा, पंचकर्म थेरेपिस्ट डिप्लोमा, विदेशी छात्रों के लिए डिप्लोमा, क्षारसूत्र डिप्लोमा, अग्निकर्म डिप्लोमा, उत्तरवस्ति डिप्लोमा और योग नेचुरोपैथी डिप्लोमा शामिल है। इसके अलावा कुछ सर्टिफिकेट कोर्स भी शुरू किए जाएंगे।
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कुलदीप सिंह राघव 2017 से Timesnowhindi.com ऑनलाइन से जुड़े हैं।पॉटरी नगरी के नाम से मशहूर यूपी के बु...और देखें
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