Manmohan Singh Education Qualification: कितने पढ़े लिखे थे मनमोहन सिंह, कैम्ब्रिज से PhD, ऑक्सफोर्ड से DPhil की ली डिग्री

Manmohan Singh Death Know his Education Qualification: भारत के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का 92 वर्ष की उम्र में निधन हो गया है। उन्होंने दिल्ली स्थित एम्स में आखिरी सांस ली। वह आयु संबंधी समस्याओं से ग्रस्त हो गए थे। उनकी गिनती देश के महान अर्थशास्त्रियों में होती है। आइए जानते हैं उन्होंने कहां से पढ़ाई-लिखाई की।

Manmohan Singh Education Qualification

Manmohan Singh Education Qualification: भारत के पूर्व प्रधानमंत्री, विख्यात अर्थशास्त्री डॉ. मनमोहन सिंह का 92 वर्ष की उम्र में निधन हो गया है। उन्होंने 26 दिसंबर रात्रि 9 बजकर 51 मिनट पर दिल्ली स्थित एम्स में आखिरी सांस ली। वह आयु संबंधी समस्याओं से ग्रस्त हो गए थे। उनकी गिनती देश के महान अर्थशास्त्रियों में होती है।वह अपनी नम्रता, कर्मठता और कार्य के प्रति प्रतिबद्धता के लिए जाने जाते थे। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का जन्म 26 सितम्बर 1932 को अविभाजित भारत के पंजाब प्रान्त के एक गांव में हुआ था। उन्हें 1987 और 1990 में जिनेवा में दक्षिण आयोग के महासचिव के रूप में नियुक्ति किया गया। 1971 में मनमोहन सिंह वाणिज्य मंत्रालय में आर्थिक सलाहकार के रूप में शामिल हुए और 1972 में उनकी नियुक्ति वित्त मंत्रालय में मुख्य आर्थिक सलाहकार के रूप में हुई। डॉ. मनमोहन सिंह ने वित्त मंत्रालय के सचिव, योजना आयोग के उपाध्यक्ष, भारतीय रिजर्व बैंक के अध्यक्ष, प्रधानमंत्री के सलाहकार, विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के अध्यक्ष के रूप में कार्य किया।

Manmohan Singh Education Qualification: मनमोहन सिंह एजुकेशन

डॉ. मनमोहन सिंह ने वर्ष 1948 में पंजाब विश्वविद्यालय से मेट्रिक की शिक्षा पूरी की। उसके बाद उन्होंने अपनी आगे की शिक्षा ब्रिटेन के कैंब्रिज विश्वविद्यालय से प्राप्त की। 1957 में उन्होंने अर्थशास्त्र में प्रथम श्रेणी से ऑनर्स की डिग्री हासिल की। इसके बाद 1962 में उन्होंने ऑक्सफ़ोर्ड विश्वविद्यालय के नूफिल्ड कॉलेज से अर्थशास्त्र में डी.फिल किया। डॉ. मनमोहन सिंह को कैंब्रिज एवं ऑक्सफ़ोर्ड तथा अन्य कई विश्वविद्यालयों द्वारा मानद उपाधियाँ प्रदान की गई हैं।

Manmohan Singh Career Journey: टीचर से भारत के पीएम तक

डॉ. मनमोहन सिंह ने पंजाब विश्वविद्यालय और दिल्ली स्कूल ऑफ़ इकोनॉमिक्स में शिक्षक के रूप में कार्य किया। मनमोहन सिंह ने 1991 से 1996 तक भारत के वित्त मंत्री के रूप में काम किया। डॉ. मनमोहन सिंह 1991 से भारतीय संसद के उच्च सदन (राज्य सभा) के सदस्य रहे। वह 1998 से 2004 तक विपक्ष के नेता थे। डॉ. मनमोहन सिंह ने 2004 के आम चुनाव के बाद 22 मई 2004 को प्रधानमंत्री के रूप के शपथ ली और 22 मई 2009 को दूसरी बार प्रधानमंत्री बने। उन्होंने कई अंतरराष्ट्रीय संगठनों और सम्मेलनों में भारत का प्रतिनिधित्व किया है। 1993 में साइप्रस में राष्ट्रमंडल प्रमुखों की बैठक और वियना में मानवाधिकार पर हुए विश्व सम्मेलन में भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व मनमोहन सिंह ने किया।

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