MBBS Students Internship: विदेश से एमबीबीएस करने वाले छात्रों को राहत, घट गया इंटर्नशिप पीरियड, देखें नए नियम

MBBS Internship Period New Rules: शनल मेडिकल काउंसिल (NMC) ने विदेश से पढ़कर आए छात्रों को राहत देने का काम किया है। एनएमसी की ओर से विदेशी छात्रों को लेकर अहम नोटिफिकेशन जारी हुआ है। नोटिस के अनुसार, जिन विदेशी छात्रों ने फिजिकल मोड में क्लासेस ली हैं और भारत में एमबीबीएस की जैसी परीक्षाएं पास की है वे सभी अब एक साल के इंटर्नशिप के लिए पात्र होंगे।

Medical Students India

MBBS छात्रों को राहत

MBBS Internship Period New Rules: नीट यूजी रिजल्ट पर विवाद के बीच नेशनल मेडिकल काउंसिल (NMC) ने विदेश से पढ़कर आए छात्रों को राहत देने का काम किया है। एनएमसी की ओर से विदेशी छात्रों को लेकर अहम नोटिफिकेशन जारी हुआ है। दरअसल, National Medical Council ने विदेश से MBBS करने वाले छात्रों का मेडिकल इंटर्नशिप पीरियड को कम कर दिया है। नए नियम के लागू होने से हजारों छात्रों को राहत मिलने वाली है।

एनएमसी की तरफ से जारी नोटिस में कहा गया है कि विदेश से एमबीबीएस करके आने वाले छात्रों को अब एक साल का इंटर्नशिप करना होगा। नोटिस के अनुसार, जिन विदेशी छात्रों ने फिजिकल मोड में क्लासेस ली हैं और भारत में एमबीबीएस की जैसी परीक्षाएं पास की है वे सभी अब एक साल के इंटर्नशिप के लिए पात्र होंगे।

विदेशी छात्रों के लिए पहले क्या था नियम?

फॉरेन मेडिकल ग्रेजुएट्स (FMGs) के लिए पहले के नियम के अनुसार छात्र तीन साल तक इंटर्नशिप कर सकते थे। हाल ही में NMC ने ऑनलाइन क्लासेस के लिए कंपसेटरी सर्टिफिकेट लेने से इनकार कर दिया है। फॉरेन मेडिकल ग्रेजुएट्स के लिए दो से तीन साल की इंटर्नशिप अवधि अनिवार्य कर दी गई थी।

नेशनल मेडिकल काउंसिल की तरफ से 7 जून 2024 को जारी नोटिस के अनुसार, वो सभी छात्र जिन्होंने ऑनलाइन क्लासेस के बदले फिजिकल रूप से ऑनसाइट क्लासेस ली हैं। बाद में भारत में एमबीबीएस के समकक्ष परीक्षा पास की है, वे सीआरएमआई विनियम 2021 में निर्दिष्ट 1 साल की अनिवार्य इंटर्नशिप के लिए पात्र होंगे।

जो छात्र विदेश से मेडिकल एजुकेशन करते हैं और देश में मेडिकल की प्रैक्टिस करना चाहते हैं, उन्हें फॉरेन मेडिकल ग्रेजुएट एग्जामिनेशन (FMGE) पास करना होगा। साथ ही कंपलसरी रोटेटिंग मेडिकल इंटर्नशिप (CRMI) पूरी करना आवश्यक है। एनएमसी ने कहा था कि 3 साल की इंटर्नशिप नियम शुरू करने के पीछे का कारण यह था कि कुछ छात्र अपने मूल यूनिवर्सिटी से गलत तरीके से कंपसेंटरी सर्टिफिकेट ले रहे हैं।

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Ravi Mallick author

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