शिक्षा मंत्रालय ने उच्च शिक्षा पर अखिल भारतीय सर्वेक्षण (एआईएसएचई) 2021-2022 जारी किया, जानें पूरी रिपोर्ट
Ministry of Education releases All India Survey on Higher Education (AISHE) 2021-2022: शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार ने उच्च शिक्षा पर अखिल भारतीय सर्वेक्षण (एआईएसएचई) 2021-2022 जारी किया। मंत्रालय 2011 से एआईएसएचई का संचालन कर रहा है।
All India Survey On Higher Education
Ministry of Education releases
संबंधित खबरें
सर्वेक्षण की मुख्य बातें इस प्रकार हैं:
छात्र नामांकन
- उच्च शिक्षा में कुल नामांकन 2020-21 में 4.14 करोड़ से बढ़कर 2021-22 में लगभग 4.33 करोड़ हो गया है। 2014-15 में नामांकन में 3.42 करोड़ था। इसमें लगभग 91 लाख (26.5%) की वृद्धि हुई है।
- महिला नामांकन 2020-21 में 2.01 करोड़ से बढ़कर 2021-22 में 2.07 करोड़ हो गया है। 2014-15 में महिला नामांकन में 1.57 करोड़ से लगभग 50 लाख (32%) की वृद्धि हुई है।
- 2014-15 में 46.07 लाख की तुलना में 2021-22 में एससी छात्रों का नामांकन 66.23 लाख है (44% की वृद्धि)।
- एससी महिला छात्रों का नामांकन 2014-15 में 21.02 लाख था। यह 2020-21 में 29.01 लाख हुआ जो 2021-22 में बढ़कर 31.71 लाख हो गया है। 2014-15 से इसमें 51% की बढ़ोतरी हुई है।
- एसटी छात्रों का नामांकन 2014-15 में 16.41 लाख से बढ़कर 2021-22 में 27.1 लाख हो गया है (65.2% की वृद्धि)
- एसटी महिला छात्रों के मामले में 2014-15 में नामांकन 7.47 लाख था जो 2020-21 में 12.21 लाख हो गया। 2021-22 में बढ़कर यह 13.46 लाख हो गया है। 2014-15 से इसमें 80% की उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।
- ओबीसी छात्रों का नामांकन भी 2014-15 में 1.13 करोड़ से बढ़कर 2021-22 में 1.63 करोड़ हो गया है। 2014-15 के बाद से ओबीसी छात्र नामांकन में लगभग 50.8 लाख (45%) की उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।
- ओबीसी महिला छात्रों के मामले में 2014-15 में नामांकन 52.36 लाख से बढ़कर 2021-22 में 78.19 लाख हो गया है। 2014-15 से ओबीसी महिला छात्र नामांकन में 49.3% की कुल वृद्धि हुई है।
- अल्पसंख्यक छात्र नामांकन 2014-15 में 21.8 लाख से बढ़कर 2021-22 में 30.1 लाख (38% की वृद्धि) हो गया है। महिला अल्पसंख्यक छात्र नामांकन 2014-15 में 10.7 लाख से बढ़कर 2021-22 में 15.2 लाख (42.3% वृद्धि) हो गया है।
- पूर्वोत्तर राज्यों में कुल छात्र नामांकन 2014-15 में 9.36 लाख की तुलना में 2021-22 में 12.02 लाख है। पूर्वोत्तर राज्यों में 2021-22 में महिला नामांकन 6.07 लाख है, जो पुरुष नामांकन 5.95 लाख से अधिक है।
- जीईआर 2014-15 में 23.7 से बढ़कर 2021-22 में 28.4 हो गया [18-23 वर्ष आयु वर्ग के लिए 2011 जनसंख्या अनुमान के अनुसार]। महिला जीईआर 2014-15 में 22.9 से बढ़कर 2021-22 में 28.5 हो गया है।
- एससी छात्रों का जीईआर 2014-15 में 18.9 से बढ़कर 2021-22 में 25.9 हो गया है जबकि महिला एससी छात्रों का जीईआर 2014-15 में 18.1 से बढ़कर 2021-22 में 26 हो गया है।
- एसटी छात्रों का जीईआर 2014-15 में 13.5 से बढ़कर 2021-22 में 21.2 हो गया है। महिला एसटी छात्रों का जीईआर 2014-15 के 12.2 से बढ़कर 2021-22 में 20.9 हो गया है।
- महिला एसटी छात्रों का रिजल्ट 2014-15 में 12.2 से बढ़कर 2021-22 में 20.9 हो गया है। 2017-18 से जीपीआई लगातार 1 से ऊपर बनी हुई है यानी लगातार पांचवें साल महिला जीईआर पुरुष जीईआर से अधिक बनी हुई है।
- एआईएसएचई 2021-22 के अनुसार कुल छात्रों में से लगभग 78.9% स्नातक स्तर के पाठ्यक्रमों में नामांकित हैं और 12.1% स्नातकोत्तर स्तर के पाठ्यक्रमों में नामांकित हैं।
- एआईएसएचई 2021-22 में स्नातक स्तर पर विषयों में कला में नामांकन (34.2%) सबसे अधिक है। इसके बाद विज्ञान (14.8%), वाणिज्य (13.3%) और इंजीनियरिंग एवं प्रौद्योगिकी (11.8%) का स्थान आता है।
- एआईएसएचई 2021-22 में स्नातकोत्तर स्तर में अधिकतम छात्र सामाजिक विज्ञान (21.1%) में नामांकित हैं। इसके बाद विज्ञान (14.7%) का स्थान आता है।
- पीएचडी नामांकन 2014-15 में 1.17 लाख की तुलना में 2021-22 में बढ़कर 2.12 लाख (81.2%) हो गया है।
- महिला पीएचडी नामांकन 2014-15 में 0.48 लाख से दोगुना होकर 2021-22 में 0.99 लाख हो गया है। महिला पीएचडी नामांकन में 2014-15 से 2021-22 की अवधि के लिए वार्षिक वृद्धि 10.4% है।
- 2021-22 में यूजी, पीजी, पीएचडी और एम.फिल स्तरों पर कुल नामांकन में से 57.2 लाख छात्र साइंस स्ट्रीम में नामांकित हैं, जिसमें महिला छात्रों (29.8 लाख) की संख्या पुरुष छात्रों (27.4 लाख) से अधिक है।
- सरकारी विश्वविद्यालय कुल विश्वविद्यालयों का 58.6% हैं, जो कुल नामांकन में 73.7% योगदान करते हैं, निजी विश्वविद्यालय कुल नामांकन में 26.3% योगदान देते हैं।
- 2021-22 में यूजी, पीजी, एम.फिल और पीएचडी स्तर पर एसटीईएम में नामांकित छात्रों की कुल संख्या 98.5 लाख है, जबकि 2020-21 में यह 94.7 लाख थी।
- 2020-21 में 95.4 लाख के मुकाबले 2021-22 में पास-आउट की कुल संख्या बढ़कर 1.07 करोड़ हो गई है।
- 2021-22 में विश्वविद्यालय में विभिन्न बुनियादी सुविधाओं की उपलब्धता :
प्रयोगशालाएं (88%)
कंप्यूटर केंद्र (93%)
कौशल विकास केंद्र (71%)
खेल मैदान (91%)
संस्थानों की संख्या
- पंजीकृत विश्वविद्यालयों/विश्वविद्यालय स्तर के संस्थानों की कुल संख्या 1,168 हैं, कॉलेजों की संख्या 45,473 और स्वायत्त (स्टैंडअलोन) संस्थानों की संख्या 12,002 है।
- 2014-15 से कुल मिलाकर 341 विश्वविद्यालय/विश्वविद्यालय स्तर के संस्थान स्थापित किए गए हैं।
- 17 विश्वविद्यालय (जिनमें से 14 राज्य सार्वजनिक विश्वविद्यालय हैं) और 4,470 कॉलेज विशेष रूप से महिलाओं के लिए हैं।
फैकल्टी (संकाय)
- 2021-22 में फैकल्टी/शिक्षकों की कुल संख्या 15.98 लाख है। इनमें से लगभग 56.6% पुरुष और 43.4% महिलाएं हैं।
- महिला फैकल्टी/शिक्षकों की संख्या 2014-15 में 5.69 लाख से बढ़कर 2021-22 में 6.94 लाख हो गई है। (2014-15 से 22% की वृद्धि)
- प्रति 100 पुरुष संकाय में महिलाओं की संख्या में मामूली सुधार हुआ है, जो 2020-21 में 75 से बढ़कर 2021-22 में 77 हो गया है।
देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) अब हिंदी में पढ़ें | एजुकेशन (education News) की खबरों के लिए जुड़े रहे Timesnowhindi.com से | आज की ताजा खबरों (Latest Hindi News) के लिए Subscribe करें टाइम्स नाउ नवभारत YouTube चैनल
SSC MTS Havaldar Result 2024: अब नहीं होगी देरी! इस दिन जारी हो सकता है एसएससी एमटीएस और हवलदार का रिजल्ट
Bihar Gram Kachahari Sachiv Vacancy 2025: बिहार में ग्राम सचिव के 1583 पदों पर निकली वैकेंसी, 12वीं पास तुरंत करें अप्लाई
JEE Main Admit Card 2025 OUT: जेईई मेन का एडमिट कार्ड जारी, यहां डायरेक्ट लिंक से करें डाउनलोड
BPSC 70th Result 2025: यहां चेक करें बिहार 70वीं परीक्षा का रिजल्ट, फाइनल आंसर की जारी
DU PHD Admission: खुशखबरी! दिल्ली यूनिवर्सिटी में बढ़ेंगी PHD की 25 फीसदी सीटें, ऐसे मिलेगा एडमिशन
© 2025 Bennett, Coleman & Company Limited