Monsoon Facts: मानसून कैसे आता है, क्या है इसके पीछे का कारण, आसान भाषा में समझें हर बात
GK Question, Monsoon Entry in India: मानसून ने अपने आने का बिगुल बजा दिया है। मानसून महासागरों की ओर से चलने वाली तेज हवाओं की दिशा में बदलाव को कहा जाता है। राजधानी दिल्ली समेत कई राज्यों में भीषण गर्मी से राहत मिली है। मानसून के आने के पीछे का कारण क्या है और यह कैसे आता है इसकी डिटेल्स जानते हैं।

मानसून कैसे आता है?
GK Question, Monsoon Entry in India: भारत के कई हिस्सों में बारिश हो रही है। राजधानी दिल्ली समेत कई राज्यों में भीषण गर्मी से राहत मिली है। जून, जुलाई के महीने में बारिश होते ही एक बात सबकी जुबान पर होती है वो है- मानसून की एंट्री हो गई। ऐसे में कई सवाल निकलकर सामने आते हैं जैसे, ये मानसून क्या है? मानसून की एंट्री कैसे होती है? भारत में कैसे आता है मानसून? मानसून के आने के पीछे का कारण क्या है? कई प्रतियोगिता परीक्षाओं में भी इससे जुड़े सवाल पूछे जाते हैं। आइए ऐसे ही कुछ सवालों का जवाब जानते हैं।
What is Monsoon: मानसून क्या है?
सबसे पहले समझते हैं कि मानसून क्या होता है। दक्षिणी एशिया में हिन्द महासागर और अरब सागर की ओर से भारत के दक्षिण-पश्चिम तट पर आनी वाली हवाओं को मानसून कहते हैं। मानसून के चलते ही भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश आदि में भारी वर्षा होती है। ऐसी स्थिति में हवाएं समुद्र से जमीनी हिस्सों की ओर बहने लगती हैं। ये हवाएं समुद्र के पानी को वाष्पन से सोख लेती हैं और बारिश का रूप लेकर अलग-अलग हिस्सों में बरसात कराती हैं।
कैसे होती है मानसून की एंट्री?
अरब सागर की तरफ से तेज हवाएं भारत के दक्षिणी हिस्से तक पहुंचती हैं। इसे ही मानसून की एंट्री कहते हैं। दक्षिण में भारत के केरल राज्य से मानसून की एंट्री होती है। इसके बाद मानसूनी हवाएं मध्य भारत और फिर उत्तर भारत की ओर बढ़ जाती हैं। वहीं, हिंद महासागर की ओर से बहने वाली हवाएं बंगाल की खाड़ी होते हुए भारत में एंट्री लेती हैं और पूरे देश में इससे ठंडी हवाओं के साथ बारिश होती है।
भारत में कितने प्रकार के मानसून होते हैं?
भारत में मानसून की एंट्री दो प्रकार से होती है। पहला मानसून जून और जुलाई के महीने में एंट्री ले लेता है, इसे समर मानसून कहते हैं। यह मानसून भारत के दक्षिण-पश्चिम इलाकों को ज्यादा प्रभावित करता है। वहीं, भारत में दूसरा मानसून सितंबर-अक्टूबर महीने में होता है, जिसे विंटर मानसून का नाम दिया गया है। इसमें ओडिशा, आंध्रप्रदेश और तमिलनाडु जैसे राज्य प्रभावित होते हैं।
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मानसून के बनने के पीछे का कारण क्या है?
ठंड का मौसम खत्म होने के बाद गर्मी के मौसम में तापमान अत्यधिक बढ़ जाता है। इस दौरान हिंद महासागर में सूर्य विषुवत रेखा यानी Equator के ठीक ऊपर होता है। तभी समुद्र का तापमान 30 डिग्री तक पहुंच जाता है और वहीं धरती का तापमान 45-46 डिग्री तक पहुंच जाता है। जैसे ही समुद्रतल का तापमान तेज होता है हिंद महासागर के दक्षिणी हिस्से में मानसूनी हवाएं एक्टिव हो जाती हैं।
समुद्री इलाके से उठने वाले हवाएं तब आपस में होती हैं, तब बारिश होता है। तेज हवाएं और बारिश वाले बादल बंगाल की खाड़ी और अरब सागर में पहुंचते वो मानसून कहलाते हैं। इस तरह से मानसून भारत के दो हिस्सों को कवर करता है।
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