Mother's Day 2024 Special: मातृत्व और देशसेवा एक साथ, वो IAS मां जिसने 22 दिन के बच्चे को गोद में लेकर ज्वाइन की ड्यूटी
Mother's Day 2024 Special Story: इस 12 मई 2024 को Mother's Day 2024 के तौर पर मनाया जा रहा है। मांओं को समर्पित इस अवसर पर IAS सृजना गुम्माला के बारे में सबको जानना चाहिए। मातृत्व और देशसेवा का एक शानदार उदाहरण देने वाली इस महिला IAS अधिकारी की चर्चा हर तरफ होती है। आइए IAS Srijana Gummalla के संघर्ष पर एक नजर डालते हैं।
IAS सृजना गुम्माला की कहानी
Mother's Day 2024 Special Story: साल 2020 और 2021 को दशकों तक कोई भूल नहीं सकता है। एक ओर कोरोना वायरस के चलते घरों में बंद लोग, तो दूसरी ओर अपनी जिंदगी दांव पर लगाकर ड्यूटी करने वाले डॉक्टर, पुलिसकर्मी और प्रशासनिक अधिकारी। इन्हीं में एक नाम है IAS ऑफिसर सृजना गुम्माला का। इस 12 मई 2024 को Mother's Day 2024 के तौर पर मनाया जा रहा है। मांओं को समर्पित इस अवसर पर IAS सृजना गुम्माला के बारे में सबको जानना चाहिए। इस महिला अधिकारी ने कोरोना काल में मातृत्व और देशसेवा का एक शानदार उदाहरण दिया था। कोरोना काल में हर तरफ चर्चा में रहने वाली IAS Srijana Gummalla के संघर्ष पर एक नजर डालते हैं।
कौन हैं IAS Srijana Gummalla?
IAS सृजना गुम्माला साल 2013 बैच की आईएएस ऑफिसर हैं। सृजना मूलरूप से हैदराबाद की रहने वाली हैं। शुरू से पढ़ाई में तेज सृजना की स्कूलिंग उनके होमटाउन से हुई है। स्कूलिंग के बाद उन्होंने उस्मानिया यूनिवर्सिटी में एडमिशन लिया। उन्होंने यहां से बीए की डिग्री हासिल की। इसके बाद हैदराबाद यूनिवर्सिटी में एडमिशन लिया और राजनीति विज्ञान में उन्होंने मास्टर्स की डिग्री ली।
सृजना गुम्माला ने स्वीडन की Uppsala University से गोल्ड मेडल हासिल की है। साल 2007 में उन्होंने एसवी यूविवर्सिटी तिरुपति में पीएचडी रिसर्चर के तौर पर दाखिला लिया। इस दौरान ही उनका मन सिविल सर्विस में जाने का हुआ। सृजना PhD के पढ़ाई के साथ यूपीएससी की तैयारी में लग गईं। बता दें कि सृजना के पिता भी एस आईएएस अधिकारी रहे हैं।
UPSC 2013 में शानदार रैंक
यूपीएससी सिविल सर्विस 2013 की परीक्षा में सृजना को सफलता हासिल हुई। इस परीक्षा में उन्होंने शानदार प्रदर्शन करते हुए ऑल इंडिया रैंक 44 हासिल की। उनका चयन IAS कैडर के लिए हुआ। सृजना गुम्माला को विशाखापट्टनम में नगर आयुक्त का पोस्ट मिला।
कोराना काल में ड्यूटीसृजना के काम की हर तारीफ उस वक्त सबसे ज्यादा हुई जब वो कोरोना काल में ड्यूटी करने आईं। कोरोना काल की शुरुआत में ही उन्होंने बच्चे को जन्म दिया था। देश भर में हर तरफ लॉकडाउन और जनता कर्फ्यू में प्रशासनिक अधिकारियों पर बड़ी जिम्मेदारी आ गई। ऐसे में नवजात शिशु को छोड़कर सृजना काम पर नहीं लौट सकती थीं।
सृजना गुम्माला के पति रवितेजा पादिरी पेशे से एक वकील हैं। नवजात बच्चे को कहीं छोड़कर ड्यूटी करना सृजना के लिए मुश्किल था। ऐसे में महज 22 दिन के छोटे बच्चे को लेकर सृजना ऑफिस आ गईं और ड्यूटी ज्वाइन किया। ऑफिस में गोद में बच्चे को लेकर सृजना ने ड्यूटी पूरी की। उनकी तस्वीर सोशल मीडिया पर काफी वायरल हुई। हर तरफ उनकी बहादूरी और मातृत्व की चर्चाएं होती हैं।
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