Motivation Story: प्रेरणा की अनोखी कहानी, डॉक्टर पिता ने बेटी के साथ पास की नीट परीक्षा, जानें​ किसके आए ज्यादा अंक

Motivation Story in Hindi: बच्चों को आगे बढ़ाने, उन्हें आत्मबल देने व उनके सपने को साकार करने के लिए कर पिता हर संभव कोशिश करना चाहता है, इसी का उदाहरण है एक ऐसे डॉक्टर पिता, जिन्होंने अपनी बेटी को प्रेरित करने के लिए नीट परीक्षा पास की।

father and daughter passed together neet exam

पिता-पुत्री ने एक साथ पास की नीट परीक्षा

Motivation Story in Hindi: प्रेरणा की अनोखी कहानी शायद ही आपने इससे पहले सुनी या पढ़ी होगी। बच्चों को आगे बढ़ाने, उन्हें आत्मबल देने व उनके सपने को साकार करने के लिए हर पिता हर संभव कोशिश करना चाहता है, इसी का उदाहरण है एक ऐसा डॉक्टर पिता, जिसने अपनी बेटी को प्रेरित करने के लिए मेडिकल एंट्रेंस एगजाम के लिए नीट परीक्षा पास की।

बच्चों को डराकर, उन पर नंबर का प्रेशर बनाकर सभी अपने बच्चों को पढ़ने के लिए मजबूर कर सकते हैं। (Motivation Story in Hindi) लेकिन उनके साथ कदम से कदम मिलाकर चलने वाले माता पिता लाखों में एक हो सकता है। कहानी है एक 49 वर्षीय न्यूरो सर्जन डॉ. प्रकाश खेतान व उनकी बेटी की, जिन्होंने एक साथ नीट परीक्षा पास की।

पिता व बेटी ने साथ पास की नीट परीक्षा

हिन्दुस्तान में छपी रिपोर्ट के मुताबिक, डॉ. प्रकाश खेतान ने अपनी 18 वर्षीय बेटी मिताली को मेडिकल प्रवेश परीक्षा पास कराने के लिए गजब का तरीका अपनाया। (Motivation Story for Students) बेटी को प्रेरित करने के लिए डॉ. खेतान ने जिम्मेदारियों से भरी अपनी व्यस्त दिनचर्या से समय निकाला और NEET की तैयारी की।

बेटी व पिता दोनों ने एक साथ नीट परीक्षा दी और उसे पास करके दिखाया। पिता तो पहले से ही डॉक्टर हैं, लेकिन बेटी ने इस उपलब्धि से देश के एक शीर्ष मेडिकल कॉलेज में प्रवेश ले लिया।

बेटी ने अर्जित किए ज्यादा अंक

बेटी व पिता दोनों में बेटी ने बाजी मारी और पिता से ज्यादा अंक अर्जित किए। (Motivation Story)हिन्दुस्तान में छपी रिपोर्ट के मुताबिक, डॉक्टर ने कहा मेरी बेटी मिताली कोविड-19 के बाद से पढ़ाई में रुचि बनाए रखने के लिए लगातार संघर्ष कर रही थी। उसने राजस्थान के कोटा शहर के एक नामी कोचिंग में एडमिशन लिया, लेकिन वहां के मौहौल में ज्यादा सहज न होने की वजह से वह घर लौट आई। इसलिए मैंने अपनी बेटी के साथ मिलकर नीट यूजी 2023 परीक्षा दी, ताकि उसे घर से ही प्रेरणा मिल सके।

डॉक्टर ने आगे बताया कि उन्होंने वर्ष 1992 में सीपीएमटी परीक्षा पास की थी और लगभग 30 वर्षों के अंतराल के बाद बेटी के साथ मेडिकल प्रवेश परीक्षा की तैयारी की व परीक्षा भी पास की। दोनों लोगों को परीक्षा के लिए अलग अलग केंद्र मिले थे। इस परीक्षा के रिजल्ट्स जून में आए थे, जिसमें मिताली ने 90 से अधिक अंक, जबकि डॉ. खेतान ने 89 अंक हासिल किए।

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नीलाक्ष सिंह author

उत्तर प्रदेश की राजधानी, नवाबों के शहर लखनऊ का रहने वाला हूं। स्कूली शिक्षा, ग्रेजुएशन, पोस्ट ग्रेजुएशन डिग्री सब इसी शहर से प्राप्त की। मीडिया क्ष...और देखें

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