UP: गांधी जयंती तक प्रदेश में चलेगा 'मेरा विद्यालय- स्वच्छ विद्यालय' अभियान, स्वच्छता शपथ का होगा आयोजन

महात्मा गांधी की पुण्य जयंती 2 अक्टूबर पर स्वच्छ भारत दिवस के अवसर पर योगी सरकार ने प्रदेश के सभी विद्यालयों एवं शिक्षण संस्थानों में 2 अक्टूबर तक एक गहन स्वच्छता कार्यक्रम आयोजित करने का महत्वपूर्ण निर्णय लिया है।

My School Clean School Campaign

Gandhi Jayanti 2023: महात्मा गांधी की पुण्य जयंती 2 अक्टूबर पर स्वच्छ भारत दिवस के अवसर पर योगी सरकार ने प्रदेश के सभी विद्यालयों एवं शिक्षण संस्थानों में 2 अक्टूबर तक एक गहन स्वच्छता कार्यक्रम आयोजित करने का महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। इसके तहत विद्यालयों में स्वच्छता के महत्व को प्रचारित करते हुए विद्यालय और समुदाय आधारित गतिविधियों के माध्यम से बच्चों को स्वच्छता के बारे में जागरूक किया जाएगा। इस कार्यक्रम की मुख्य थीम मेरा विद्यालय - स्वच्छ विद्यालय होगी। इससे पहले योगी सरकार ने प्रदेश के समस्त शिक्षण संस्थानों में 01 सितंबर 2023 से 15 सितंबर 2023 तक स्वच्छता पखवाड़ा भी आयोजित किया था जो अब 2 अक्टूबर तक निरंतर जारी रहेगा।

उल्लेखनीय है कि स्वच्छता के प्रति संवेदनशीलता को एक जन आंदोलन का रूप प्रदान करने के उददेश्य से प्रत्येक वर्ष महात्मा गांधी की पुण्य जयंती, 02 अक्टूबर को स्वच्छ भारत दिवस के रूप में आयोजित किया जाता रहा है। इसी क्रम में आवासन व शहरी कार्य मंत्रालय एवं पेयजल एवं स्वच्छता विभाग, भारत सरकार एवं स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण एवं शहरी) द्वारा संयुक्त रूप से स्वच्छता ही सेवा कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है। इसके अंतर्गत सार्वजनिक स्थलों पर स्वच्छता की संकल्पना को ओर अधिक बल प्रदान करने के उद्देश्य से प्रस्तावित कार्यक्रम 'स्वच्छता ही सेवा' की मुख्य थीम कचरा मुक्त भारत' (गार्बेज फ्री इंडिया) निर्धारित किया गया है।

स्वच्छता शपथ का होगा आयोजन

सभी विद्यालयों और शिक्षण संस्थानों में प्रार्थना सभा के बाद स्वच्छता शपथ' का आयोजन किया जाएगा, जिसमें सभी छात्र और शिक्षक व स्टाफ प्रतिभाग करेंगे। स्कूलों, छात्रावासों और शैक्षणिक संस्थानों में शिक्षकों की मदद से बेकार एवं अपशिष्ट कचरे का निपटान अभियान के रूप में सुनिश्चित किया जाएगा एवं बच्चों को रंग आधारित गीले कचड़े के लिए हरा कूड़ादान एवं सूखे कचरे के लिए नीला कूड़ादान ठोस एवं अपशिष्ट प्रबन्धन के विषय में बताया जाएगा। इसके अतिरिक्त सभी विद्यालयों, छात्रावासों और शैक्षणिक संस्थानों में वृक्षारोपण किया जाएगा एवं बच्चों को प्राकृतिक संरक्षण के संबंध में अवगत कराया जाएगा।

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