Nag Panchami 2024 Essay: नाग पंचमी पर ऐसे लिखें स्कूल में छोटा व शानदार निबंध
Nag Panchami 2024 Essay in Hindi: नाग पंचमी क्या है? नाग पंचमी कब है? नाग पंचमी कब की है? क्या है नाग पंचमी की कहानी? बतौर छात्र हमें हर विशेष दिन के बारे में पता होना चाहिए। आप इस मौके पर घर बैठै यह शानदार व छोटा निबंध लिखकर स्कूल में टीचर को प्रभावित कर सकते हैं।
नाग पंचमी पर स्कूल में लिखें यह छोटा व शानदार निबंध
Nag Panchami 2024 Short Essay in Hindi for School Kids Student: अगर आप एक स्कूली छात्र हैं तो आपको हर विशेष दिन के बारे में पता होना चाहिए तभी आप बाकी छात्रों से आगे निकलेंगे और अपनी अलग पहचान बना सकेंगें। कल 9 अगस्त 2024 को नाग पंचमी पड़ रही है। यह एक अवसर है जब आप साधारण छात्र से उन छात्रों की लिस्ट में आ सकते हैं जो अपने आपको टास्क देते हैं, और उन्हें पूरा करते हैं।
इसी कड़ी में जानेंगे नाग पंचमी क्या है? नाग पंचमी कब है? नाग पंचमी कब की है? क्या है नाग पंचमी की कहानी? बतौर छात्र आप एक छोटा व शानदार निबंध लेखन कर सकते हैं, और अपने स्कूल में टीचर को प्रभावित कर सकते हैं।
नाग पंचमी क्या है?, Nag Panchami Kya Hai
हिंदू धर्म के लिए नाग पंचमी एक त्योहार है, जिसके नाग मूर्ति की पूजा की जाती है, हालांकि अपनी अपनी मान्यता के कारण लोग नाग पंचमी पर असली नाग की भी पूजा करते हैं।
नाग पंचमी कब है?, Nag Panchami Kab Hai
नाग पंचमी इस बार 9 अगस्त 2024 को मनाई जा रही है। हिंदू पंचांग के अनुसार, सावन मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को नागपंचमी पड़ती है। इस दिन नाग के साथ साथ भगवान शंकर की भी पूजा की जाती है।
Nag Panchami 2024 Date and Time, नाग पंचमी कब की है?
Nag Panchami 2024 Kab Hai - इस दिन नाग की पूजा के बाद उन्हें दूध पिलाया जाता है। अब चूंकि यह एक पूजा है और हिंदू धर्म में पूजा के लिए हमेशा दिन व समय तय होता है, ऐसे में इस बार Nag Panchami पूजा का समय 9 अगस्त की सुबह 5 बजकर 47 मिनट से लेकर सुबह 8 बजकर 47 मिनट तक रहेगा।
नाग पंचमी की कहानी, Nag Panchami Story in Hindi, Nag Panchami Story for Kids
पांच पांडव में से एक अर्जुन के पुत्र थे अभिमन्यु, अभिमन्यु और उनकी पत्नी 'उत्तरा' के पुत्र का नाम था परीक्षित, परीक्षित के पुत्र का नाम था जन्मजेय, जिसने नागों से बदला लेने और उनके वंश के विनाश के लिए एक बड़ा यज्ञ किया। बता दें, जन्मजेय अपने पिता राजा परीक्षित की मृत्यु का बदला चाहता था, क्योंकि तक्षक नामक सांप के काटने की वजह से ही उसके पिता राजा की मौत हुई थी। इस यज्ञ से दुनिया के सारे सांप खत्म हो जाते कि ऋषि जरत्कारु के पुत्र आस्तिक मुनि ने इस यज्ञ को रोका, इस तरह से नागों की रक्षा हुई।
सांपों को शीतलता देने के लिए आस्तिक मुनि ने उनके शरीर पर दूध की धार डाली, इसके बाद नागों ने आस्तिक मुनि से कहा कि सावन माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी को जो भी उनकी पूजा करेगा, उसे कभी नाग द्वारा डसे जाने का भय नहीं रहेगा।
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नीलाक्ष सिंह author
उत्तर प्रदेश की राजधानी, नवाबों के शहर लखनऊ का रहने वाला हूं। स्कूली शिक्षा, ग्रेजुएशन, पोस्ट ग्र...और देखें
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