NEET Scam 2024: नीट यूजी रिजल्ट को लेकर पूरा विवाद क्या है? जानें कहां हुई गड़बड़ी

NEET Scam 2024, NEET UG Constroversy Explained: नीट परीक्षा लाखों-लाख बच्चों के सपनों को पूरा करता है। हर साल 25 लाख बच्चे इसमें शामिल होते हैं ताकि वह देश के टॉप मेडिकल कॉलेजों में दाखिला ले सकें और डॉक्टर बन सकें।

NEET 2024 Controversy

NEET 2024 Controversy

तस्वीर साभार : IANS

NEET UG 2024, NEET Controversy: मेडिकल कॉलेजों में दाखिले के लिए आयोजित नीट यूजी परीक्षा 2024 का पेपर लीक होने और परीक्षा परिणाम में गड़बड़ी के आरोपों पर विशेषज्ञों का कहना है कि इस बार बहुत कुछ ऐसा हुआ जो असामान्य है और परीक्षा आयोजित करने वाली नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) को अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ने की बजाय आगे बढ़कर इसकी जांच करनी चाहिए। अनअकेडमी (Unacademy) के नीट एजुकेटर प्रतीक जैन से आईएएनएस ने इस संबंध में विशेष बातचीत की। पेश है साक्षात्कार के कुछ अंश।

प्रश्न- नीट परीक्षा क्या है?

जैन - नीट परीक्षा लाखों-लाख बच्चों के सपनों को पूरा करता है। हर साल 25 लाख बच्चे इसमें शामिल होते हैं ताकि वह देश के टॉप मेडिकल कॉलेजों में दाखिला ले सकें और डॉक्टर बन सकें।

प्रश्न - क्या किसी उम्मीदवार के 720 में से पूरे 720 अंक आ सकते हैं?

जैन - हर साल कुछ बच्चे 720 में से 720 अंक लाते हैं क्योंकि नीट परीक्षा उतनी ज्यादा मुश्किल नहीं है लेकिन इस साल कुछ अजीब हुआ है। पिछले साल दो छात्र 720 में से 720 लाये थे और उनकी रैंक-1 थी। हालांकि, इस बार 67 छात्रों के 720 में से 720 अंक हैं। सबसे मजेदार बात यह है कि एक ही सेंटर से ऐसे चार बच्चे हैं जिनके 720 में से 720 अंक हैं। उससे भी खतरनाक बात यह है कि उसी सेंटर पर दो छात्रों के 718-718 अंक हैं। नीट में 718 अंक लाना मुश्किल है। सही जवाब देने पर चार अंक मिलते हैं और गलत जवाब पर एक अंक कट जाता है। तो अगर आप सारे प्रश्नों के सही जवाब देंगे तो आपको 720 में से 720 अंक मिलेंगे। अगर एक प्रश्न छोड़ देंगे और बाकी सबके सही जवाब देंगे तो 716 अंक होंगे। सिर्फ एक प्रश्न गलत करेंगे तो 715 अंक होंगे। पर कभी भी आपके नंबर 718 या 719 नहीं होंगे।

जब बहुत सारे टीचर और अभिभावकों ने इस बात को पकड़ा तो एनटीए ने ट्वीट कर कर कहा कि इस साल उसने ग्रेस मार्किंग दी है। उसने यह नहीं बताया कि उसने कितने बच्चों को ग्रेस मार्क दिये हैं - हजार, दो हजार, 10 हजार, लाख? या कितने ग्रेस मार्क दिये हैं - दो अंक, तीन अंक, 100 अंक, 200 अंक या 500 अंक?

प्रश्न - इस बार ऐसा क्या हुआ कि नीट के परिणाम पर इतना बवाल हो गया?

जैन - अगर आंकड़ों पर ध्यान दें तो इस साल पेपर पिछले साल जितना ही मुश्किल था या फिर हल्का सा ज्यादा मुश्किल कह सकते हैं। लेकिन फिर भी इस साल देखेंगे तो 655 से ज्यादा नंबर लाने वाले 25 हजार विद्यार्थी हैं जबकि पिछले साल पांच हजार विद्यार्थी थे। ठीक है कि विद्यार्थियों की संख्या भी बढ़ रही है। इस साल 24 लाख विद्यार्थी थे जो पिछले साल की तुलना में 15 से 20 प्रतिशत अधिक है। इसके बावजूद 655 से ज्यादा स्कोर करने वाले छात्रों की संख्या पांच गुना हो गई है जो किसी भी तरह विश्वास करने लायक नहीं है क्योंकि इससे ज्यादा आसान पेपर नीट का पहले भी आ चुका है और तब भी छात्रों ने इतना स्कोर नहीं किया था।

यदि हम यह मान भी लें कि इस बार पेपर हल्का आसान था, तब भी इतनी ज्यादा संख्या नहीं बढ़ सकती। दुःख की बात है कि इस साल जो बच्चा 650 से ज्यादा नंबर लेकर आया है, उसे भी सरकारी मेडिकल कॉलेज में दाखिला नहीं मिल पाएगा। पिछली बार 610-620 से अधिक नंबर लाने वालों को सरकारी मेडिकल कॉलेज मिल रहा था।

प्रश्न - नीट का पेपर लीक होने के आरोपों पर क्या कहना है?

जैन - बिहार पुलिस के पास एक एफआईआर दर्ज हुई थी जिसमें शिकायत की गई थी कि 4 मई को कई विद्यार्थियों को पेपर मिल गया था और यह वही पेपर है जो 5 मई को नीट परीक्षा में पूछा गया था। उन्होंने इस पेपर को आधिकारिक रिकॉर्ड के लिए एनटीए को भेजा था, ताकि वह वेरीफाई कर दे कि यह परीक्षा में पूछे गये प्रश्नपत्र से मेल खाता है। एनटीए ने अब तक इसका कोई उत्तर नहीं दिया है। वैसे तो हम सभी जानते हैं कि यह वही पेपर है, परीक्षा देने वाला हर छात्र उस पेपर को देखकर आया था।

NEET UG 2024 -Frequently Asked Questions (FAQs)

इसके अलावा अलग-अलग जगहों पर कई ऐसी घटनाएं हुई हैं जिससे लगता है की नीट का पेपर बड़े पैमाने पर लीक हुआ था। हरियाणा के एक केंद्र पर चार बच्चों के फुल नंबर हैं। दो बच्चे ऐसे हैं जिनके 718-718 नंबर हैं। इन सब बातों को ध्यान से देखें तो बहुत ज्यादा संभावना है कि नीट का पेपर लीक हुआ है और ऊंचे स्तर पर बहुत कुछ गड़बड़ चल रही है, जो हमारे सामने अभी नहीं आया है।

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साथ ही एक टेलीग्राम ग्रुप में 4 मई को पेपर लीक हो गया था। वैसे तो वह पोस्ट एडिटेड है, मेरा मानना है कि यह एनटीए की ड्यूटी बनती है कि वह खुद से तहकीकात करे। यह छात्रों की ड्यूटी नहीं है कि आपको सबूत लाकर दे कि पेपर लीक हुआ है या नहीं। अगर आप जिम्मेदार एजेंसी हैं, जिसका आप हमेशा दावा करते हैं, तो आपको कहीं से भी इस तरह की खबरें मिलने पर खुद पुलिस के पास जाना चाहिए था, आपको खुद जांच करनी चाहिए थी, आपको पता लगाना चाहिए था कहां सही और कहां गलत है। लेकिन एनटीए ने उल्टा किया - हर बार अपना पल्ला झाड़ा और यह कहने की कोशिश की कि ऐसा कुछ भी नहीं है। हर बार एक झूठ छिपाने के लिए कई नए झूठ बोले जो हम सबके सामने हैं।

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अंकिता पाण्डेय author

मैं अंकिता पान्डे Timesnowhindi.com जुड़ी हूं । मैं उत्तर प्रदेश के छोटे से शहर प्रतापगढ़ में पली बढ़ी हूं। शुरुआती पढ़ाई लिखाई भी वहीं रहकर हुई। ज...और देखें

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