Sarkari Naukri : यूपी में एक करोड़ से अधिक युवाओं को मिलेगी सरकारी नौकरी: योगी आदित्यनाथ
Sarkari Naukri: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 10 अक्टूबर यानी आज कहा कि उनकी सरकार विगत छह वर्ष में छह लाख से अधिक युवाओं को सरकारी नौकरी देने में सफल रही है, और आगे यूपी में एक करोड़ से अधिक युवाओं को सरकारी नौकरी दी जाएगी।
यूपी में एक करोड़ से अधिक युवाओं को सरकारी नौकरी
Sarkari Naukri (भाषा): उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सरकारी नौकरी से जुड़ा एक बड़ा डाटा जारी किया है। उन्होंने 10 अक्टूबर यानी आज कहा कहा कि उनकी सरकार विगत छह वर्ष में छह लाख से अधिक युवाओं को सरकारी नौकरी देने में सफल रही है। मुख्यमंत्री योगी ने लोकभवन में आयोजित एक समारोह में उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग द्वारा चयनित 393 होम्योपैथिक फार्मासिस्टों को नियुक्ति पत्र वितरित करने के बाद अपने संबोधन में यह बात कही।
लोक सेवा आयोग के रिजल्ट 6 से 9 माह में
उन्होंने कहा कि पहले उत्तर प्रदेश में लोक सेवा आयोग के परिणाम आने में डेढ़ से दो साल लग जाते थे, लेकिन अब अधीनस्थ सेवा चयन आयोग निष्पक्ष एवं पारदर्शी तरीके से छह महीने से नौ महीने के अंदर परिणाम दे रहा है।
अपनी सरकार के छह वर्ष के कार्यकाल में छह लाख से अधिक युवाओं को नौकरी देने का दावा करते हुए उन्होंने कहा, ''ये युवा पूरी निष्ठा और ऊर्जा के साथ मिलकर कार्य करेंगे तो उत्तर प्रदेश को कोई ‘बीमारू’ नहीं रख सकता है।''
मुख्यमंत्री ने कहा, ''हम सब मिलकर उत्तर प्रदेश को एक समर्थ और समृद्ध राज्य बनाएंगे।''
एक करोड़ से अधिक युवाओं को मिलेगी नौकरी
उन्होंने कहा कि ''फरवरी 2023 में उत्तर प्रदेश में वैश्विक निवेशक सम्मेलन आयोजित हुआ। इससे प्रदेश को 38 लाख करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए। इससे एक करोड़ से अधिक युवाओं को नौकरी मिलेगी।''
योगी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व की सराहना करते हुए कहा कि ''विगत साढ़े नौ वर्ष से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत की यात्रा शानदार तरीके से आगे बढ़ रही है। इसी का नतीजा है कि पारंपरिक चिकित्सा के क्षेत्र में भारत ने एक लंबी छलांग लगाई है।''
उन्होंने कहा कि ''आयुर्वेद हमेशा से हमारे जीवन का हिस्सा रहा है। योग प्राचीन काल से भारत की परंपरा के साथ जुड़ा रहा है। होम्योपैथ का उपयोग गांवों में लोग किसी न किसी रूप में करते रहे हैं, लेकिन पहली बार आयुर्वेद, योग, प्रकृतिक चिकित्सा, सिद्धा और होम्योपैथ को मिलाकर जब आयुष मंत्रालय का गठन हुआ तो इससे भारत की पारंपरिक चिकित्सा को एक नई पहचान मिली।
योगी ने कहा, ''कोविड-19 महामारी के दौरान आयुष काढ़ा लोगों का सहारा बना। वर्ष 2014 के बाद जिस तरह से इस दिशा में कार्य शुरू हुआ, आज उसी का परिणाम है कि देश की आबादी का सबसे बड़ा राज्य मजबूती के साथ आगे बढ़ रहा है।''
उन्होंने कहा कि ''आयुष की अलग-अलग विधाओं में डिग्री और डिप्लोमा पाठ्यक्रम प्रारंभ हो सके, इसके लिए प्रदेश में आयुष विश्वविद्यालय की स्थापना की जा रही है।''
योगी ने कहा कि ''पहले आयुर्वेद के लिए चयनित फार्मासिस्ट को सरकारी नौकरी नहीं दी जाती थी, लेकिन आज यह सरकारी व्यवस्था का हिस्सा बन गया है।''
उन्होंने कहा कि ''हमारी सरकार आयुष की सभी विधाओं को प्रोत्साहित कर रही है। हम पांच हजार की आबादी पर योग और आरोग्य केंद्र स्थापित करने के लिए कार्यवाही युद्ध स्तर पर कर रहे हैं।''
उन्होंने चयनित फार्मासिस्टों को सलाह देते हुए कहा, "मरीज के प्रति आपका व्यवहार उसकी कई समस्याओं का समाधान कर सकता है। आपके परोपकारी व्यवहार से मरीज की आधी बीमारी ठीक हो जाती है।"
मुख्यमंत्री ने कहा, ''भारत के अंदर स्वास्थ्य पर्यटन की सबसे ज्यादा संभावना आयुष में है। आज दुनिया इस तरफ देख रही है। इस वजह से हमारी जिम्मेदारी बनती है कि हम स्वास्थ्य पर्यटन के तहत आने वाले लोगों को वैश्विक स्तर का परिवेश उपलब्ध कराएं।''
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