Republic Day 2024 Poem In Hindi: गणतंत्र दिवस पर वीर रस की कविताएं, जाग उठेगा देशभक्ति का जज्बा

Republic Day Poem In Hindi 2024 (गणतंत्र दिवस पर कविता): इस बार भारत 75वां गणतंत्र दिवस मनाने जा रहा है। 26 जनवरी 1950 को भारत में संविधान लागू किया गया था। यहां हम आपके लिए रिपब्लिक डे पर देशभक्ति व वीररस की कविताएं लेकर आए हैं।

Republic Day Poem In Hindi 2024

Republic Day Poem In Hindi 2024: गणतंत्र दिवस पर देशभक्ति कविताएं

Republic Day Poem In Hindi 2024 (गणतंत्र दिवस पर कविता): आज पूरे देश में गणतंत्र दिवस की धूम देखने को मिल (Republic Day Poem In Hindi) रही है। हर तरफ भारत माता की जय के नारे गूंज (Gantantra Diwas Poem In Hindi) रहे हैं। यही वह दिन है जब साल 1950 में भारत देश में संविधान लागू किया (Republic Day Short Poem In Hindi) गया था। इस दिन से प्रत्येक वर्ष गणतंत्र दिवस मनाया जाता है। इस दिन का भारत के इतिहास में विशेष महत्व है। गणतंत्र दिवस के अवसर पर देशभर में राष्ट्रीय अवकाश होता है। भारत में 26 जनवरी को राष्ट्रीय पर्व की तरह मनाया जाता है। इस दिन स्कूल, कॉलेज व अन्य शैक्षणिक संस्थानों में विशेष तरह के कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। यहां हम आपके लिए गणतंत्र दिवस पर कविता लेकर आए हैं।

Republic Day Poem In Hindi 20241. ये जो देश है मेरा, स्वदेस है मेरा,

रोशन करना नाम इसका,

बस यही है एक सपना मेरा।

कितना भी घूम आऊं जग सारा,

लेकिन मुझे लगे भारत ही सबसे न्यारा।

यह है वह धरती,

जहां गंगा-जमुना आ मिलती,

यह है वह धरती,

जो हमें विविधता में एकता सिखाती।

दुश्मन ने जितनी बार किया वार,

मेरा यह देश उतनी ही दृढ़ता के साथ लड़ता रहा।

भले ही कई हैं विभिन्न प्रांत यहां,

कई है भाषा, बोली, व्यंजन यहां,

परंतु वसुधैव कुटुंबकम् का नारा भी जन्मा यहां।

स्त्रियों के सम्मान का पाठ, यह सभी को बताता है,

क्योंकि हम बच्चे जिसके वह हमारी भारत माता है।

चले जाएं दुनिया के किसी कोने में,

पुकारे सदा हमें,

यह जो देश है मेरा,

स्वदेस है मेरा।

- अनुभूति निगम

Gantantra Diwas Poem In Hindi2. आओ तिरंगा फहराये

आओ तिरंगा लहराये, आओ तिरंगा फहराये,

अपना गणतंत्र दिवस है आया, झूमे, नाचे, खुशी मनाये।

अपना 73वां गणतंत्र दिवस खुशी से मनायेंगे,

देश पर कुर्बान हुए शहीदों पर श्रद्धा सुमन चढ़ायेंगे।

26 जनवरी 1950 को अपना गणतंत्र लागू हुआ था,

भारत के पहले राष्ट्रपति, डॉ. राजेन्द्र प्रसाद ने झंडा फहराया था,

मुख्य अतिथि के रुप में सुकारनो को बुलाया था,

थे जो इंडोनेशियन राष्ट्रपति, भारत के भी थे हितैषी,

था वो ऐतिहासिक पल हमारा, जिससे गौरवान्वित था भारत सारा।

विश्व के सबसे बड़े संविधान का खिताब हमने पाया है,

पूरे विश्व में लोकतंत्र का डंका हमने बजाया है।

इसमें बताये नियमों को अपने जीवन में अपनाये,

थाम एक दूसरे का हाथ आगे-आगे कदम बढ़ाये,

आओ तिरंगा लहराये, आओ तिरंगा फहराये,

अपना गणतंत्र दिवस है आया, झूमे, नाचे, खुशी मनाएं।

Republic Day Poem In Hindi3. एक और जंजीर तड़कती है, भारत मां की जय बोलो।

इन जंजीरों की चर्चा में कितनों ने निज हाथ बँधाए,

कितनों ने इनको छूने के कारण कारागार बसाए,

इन्हें पकड़ने में कितनों ने लाठी खाई, कोड़े ओड़े,

और इन्हें झटके देने में कितनों ने निज प्राण गँवाए!

किंतु शहीदों की आहों से शापित लोहा, कच्चा धागा।

एक और जंजीर तड़कती है, भारत मां की जय बोलो।

जय बोलो उस धीर व्रती की जिसने सोता देश जगाया,

जिसने मिट्टी के पुतलों को वीरों का बाना पहनाया,

जिसने आज़ादी लेने की एक निराली राह निकाली,

और स्वयं उसपर चलने में जिसने अपना शीश चढ़ाया।

एक और जंजीर तड़कती है, भारत मां की जय बोलो।

- हरिवंशराय बच्चन

4. रंगों में बहती गंगा ,

हिमालय पर्वत का अभिमान है

यहां कश्मीर, कन्याकुमारी, ताजमहल

हिंद महासागर से पहचान है

स्वामीजी का देश है यह,

यहां आर्यभट्ट ने जन्म लिया,

न पैर टीका सके मुगल यहां,

जब वीर शिवाजी ने दमन किया

गौतम बुद्ध और महावीर का काल यहां पर आया था,

कर्म और मोक्ष का द्वार उन्होंने हमें दिखलाया था।

कितनी मेहनत के बाद हमने ये आजादी पाई है,

धर्म, जात-पात की क्यों होती अब लड़ाई है?

आओ मिल कर हाथ बढ़ाएं, टूट जाएगी ये बेड़ियां,

देश होगा वही विशाल जब पूजी जाएंगी बेटियां।

है सभ्यता यहां सबसे विशाल,

अनेकता ने एकता इसकी पहचान,

ऐसा न दूजा देश कही

भारत जैसा देश ना कोई।

- स्वर्णिका भाटी

गणतंत्र दिवस पर देशभक्ति व वीररस की कविताएं

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    TNN एजुकेशन डेस्क author

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