Republic Day Poems: गणतंत्र दिवस पर 10 हिंदी कविताएं, जो 26 जनवरी भाषण में लगा देंगी चार चांद!
Republic Day Hindi Poem for Speech in School: 26 जनवरी का दिन हमारे लिए गर्व का दिन है, क्योंकि इसी दिन हमारा संविधान लागू हुआ और भारत को एक गणराज्य की पहचान मिली। इस साल हम अपना 76वां गणतंत्र दिवस समारोह मना रहे हैं। इस खास दिन पर विभिन्न सरकारी, प्राइवेट स्कूल-कॉलेजों में विशेष आयोजन होते है। यदि आप गणतंत्र दिवस के अवसर पर भाषण देने की तैयारी कर रहे हैं तो भाषण को रोचक बनाने के लिए आपको इसमें कुछ कविताएं भी शामिल करनी चाहिए।
गणतंत्र दिवस पर भाषण
Republic Day Hindi Poem for Speech in School: 26 जनवरी का ऐतिहासिक दिन जिसे हम गणतंत्र दिवस के रूप में मनाते हैं। यह दिन भारतीय संविधान के लागू होने का दिन है। 26 जनवरी 1950 को हमारे देश को एक गणराज्य घोषित किया गया और संविधान को लागू किया गया। इस मौके पर अगर आप भी स्कूल या कॉलेज में किसी कार्यक्रम का हिस्सा बनने जा रहे हैं तो आपको भाषण तैयार कर लेना चाहिए। भाषण को रोचक बनाने के लिए आपको इसमें कुछ कविताएं भी शामिल करनी चाहिए।
Republic Day Speech in Hindi: गणतंत्र दिवस के लिए भाषण
26 जनवरी... भारत के इतिहास के सबसे महत्वपूर्ण तारीखों में से एक है। यह वही दिन है जब 1950 में हमारा संविधान लागू हुआ। संविधान के लागू होते ही भारत एक संप्रभु, समाजवादी, धर्मनिरपेक्ष और लोकतांत्रिक गणराज्य बना। भारत का संविधान हमारे लोकतंत्र की रीढ़ है।
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इस दिन हम अपने संविधान की ताकत को महसूस करते हैं और यह हम सभी को याद दिलाता है कि हमारे देश में हर व्यक्ति को समान अधिकार मिलते हैं। गणतंत्र दिवस का यह अवसर हमें अपने कर्तव्यों को निभाने, राष्ट्र निर्माण में योगदान देने और अपने देश के प्रति निष्ठा और प्रेम को बढ़ाने का प्रेरणा देता है।
Republic Day Poem Tips: गणतंत्र दिवस के लिए कविता
देखो फिर से गणतंत्र दिवस आ गया,
जो आते ही हमारे दिलो-दिमाग पर छा गया।
यह है हमारे देश का राष्ट्रीय त्यौहार,
इसलिए तो सब करते हैं इससे प्यार।
इस अवसर का हमें रहता विशेष इंतजार,
क्योंकि इस दिन मिला हमें गणतंत्र का उपहार।
जगदंबा प्रसाद मिश्र ‘हितैषी' की कविता
उरूजे कामयाबी पर कभी हिंदोस्तां होगा।
रिहा सैयाद के हाथों से अपना आशियाँ होगा॥
चखाएंगे मज़ा बर्बादी-ए-गुलशन का गुलचीं को।
बहार आ जाएगी उस दम जब अपना बाग़बां होगा।
ये आए दिन की छेड़ अच्छी नहीं ऐ ख़ंजर-ए-क़ातिल।
पता कब फ़ैसला उनके हमारे दरमियाँ होगा॥
एक और कविता
शान से तिरंगा लहराएं, हम देश के साथ खड़े हैं,
हम भारत के सच्चे सपूत हैं और हर दुआ में यही दुआ है।
गणतंत्र दिवस की हर खुशी में, हम सब एक साथ हैं,
भारत के हर कोने में, यही आवाज है, यही बात है!
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Ravi Mallick author
सर्वविद्या की राजधानी कहे जाने वाले वाराणसी का रहने वाला हूं। यहीं से पढ़ाई की शुरुआत हुई। महात्म...और देखें
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