Republic Day Bhashan 2023: देशभक्ति शायरी से करें भाषण की शुरुआत, लोग आपकी तारीफ में पढ़ेंगे कसीदे
Republic Day Speech 2023 In Hindi: यदि आप भी गणतंत्र दिवस पर भाषण देने जा रहे हैं, तो अपने स्पीच की शुरुआत नीचे दिए गए देशभक्ति कविता, शायरी व डायलॉग से करें। यकीन मानिए लोग आपकी तारीफ में कसीदे पढ़ने के लिए मजबूर हो जाएंगे और तालियों की गड़गड़ाहट आपके आवाज को बुलद कर देगी।
गणतंत्र दिवस पर सबसे छोटा व आसान भाषण
Republic Day Speech 2023 In Hindi: होठों पर गंगा, हांथो में तिरंगा हो.....पूरा देश 74वें गणतंत्र दिवस की तैयारी में (Republic Day 2023) जुटा है। हर तरफ जश्न का माहौल है। पूरी दुनिया में मां भारती की शान को बढ़ाने के लिए इस दिन तरह तरह के कार्यक्रम का आयोजन (Republic Day Speech 2023) किया जाता है। 26 जनवरी 1950 को पूरे देश में संविधान लागू किया गया था। लगातार 3 साल के संघर्षों, कानूनी व सामाजिक और भावुक मंथन के बाद इस संविधान को तैयार किया गया। भारतीय संविधान को बनने में कुल 2 साल 11 महीने 18 दिन का समय लगा था।संबंधित खबरें
भारतीय संविधान 135 करोड़ लोगों का अभिमान है। 74 साल के इस आजाद मुल्क ने ना जाने कितने उतार चढ़ाव देखे, ना जाने कितने झंझावतों को (Republic Day Speech for Kids) झेला है। लेकिन जब भी कभी घना अंधेरा हुआ मंजिल की रोशनी संविधान ने दिखाई और मां भारती की शान को विश्व के मानचित्र पर रखा। भारतीय संविधान का स्वरूप पांच विचारों में, संपूर्ण प्रभुत्व संपन्न समाजवादी धर्मनिर्पेक्ष लोकतंत्रात्मक पेश किया (Republic Day Poem) गया हैं।संबंधित खबरें
गणतंत्र दिवस के अवसर पर स्कूल, कॉलेज व अन्य शैक्षणिक संस्थानों में तरह तरह के कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। ऐसे में इस लेख के माध्यम से हम आपके लिए गणतंत्र दिवस के अवसर पर शानदार व दमदार भाषण लेकर आए हैं। इस तरह आप अपने भाषण की शुरुआत कर लोगों को अपना मुरीद बना सकते हैं।संबंधित खबरें
इन कविताओं व डायलॉग से करें भाषण की शुरुआत
यदि आप चाहते हैं कि आपका भाषण शुरू होते ही तालियों की गड़गड़ाहट से पूरा सभागार गूंज उठे, तो अपने भाषण की शुरुआत देशभक्ति शायरी, कविता या डॉयलॉग से करें। यहां हम गणतंत्र दिवस के मौके पर आपके लिए देशभक्ति कविता व डायलॉग लेकर आए हैं। संबंधित खबरें
- अब भी जिसका खून ना खौला, खून नहीं वो पानी है, जो देश के काम ना आए, वोबेकार जवानी है।संबंधित खबरें
भारत माता की जयसंबंधित खबरें
- मौत की मंडियों में जा जाकर अपने बेटों की बोलियां दी हैं। देश ने जब भी एक सिर मांगा, हमने भर-भर के झोलियां दी हैं।संबंधित खबरें
भारत माता की जयसंबंधित खबरें
- ना पूछो ज़माने से
कि क्या हमारी कहानी है,
हमारी पहचान तो बस इतनी है
कि हम सब हिंदुस्तानी हैं।
गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएं।
- मुझे ना तन चाहिए, ना धन चाहिएसंबंधित खबरें
बस अमन से भरा यह वतन चाहिए
जब तक जिन्दा रहूं, इस मातृ-भूमि के लिए संबंधित खबरें
और जब मंरू तो तिरंगा कफन चाहिए।संबंधित खबरें
- कुछ नशा तिरंगे की आन का है
कुछ नशा मातृभूमि की शान का है,
हम लहराएंगे हर जगह ये तिरंगा
नशा ये हिंदुस्तान की शान का है।संबंधित खबरें
- आओ झुक कर सलाम करें जिनके हिस्से में ये मुकाम आता है,संबंधित खबरें
किस कदर खुशनसीब हैं वो लोग, खून जिनका वतन के काम आता है।संबंधित खबरें
- ये नए जमाने का हिंदुस्तान है, ये घर में घुसेगा भी और मारेगा भी।संबंधित खबरें
गणतंत्र दिवस पर सबसे छोटा व दमदार भाषणआदरणीय मुख्य अतिथि, प्राधानाचार्य, उप प्राधानाचार्य, शिक्षकगण व मेरे देशवासियों आप सभी को गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं। आज हम सभी 74वें गणतंत्र दिवस के उपलक्ष्य में सभागार में एकत्रित हुए हैं। गणतंत्र दिवस हम भारतीयों के लिए किसी पर्व से कम नहीं है। यह एक राष्ट्रीय पर्व है। यह हर भारतवासी के लिए सम्मान और गौरव का पर्व है। वैसे तो पूरे देश में गणतंत्र दिवस की धूम देखने को मिलती है, लेकिन राजपथ पर इसका एक अलग ही नजारा देखने को मिलता है। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के राजपथ पर देश की सांस्कृतिक विविधता में एकता, अखंडता और सैन्य ताकत भारत माता की शान को प्रकट करता है। लाखो की संख्या में भारतीय गणतंत्र दिवस के समारोहो को देखने के लिए एकत्रित होते हैं। साथ ही इसका टीवी पर भी लाइव प्रसारण किया जाता है।
26 जनवरी 1950 को 10 बजकर 18 मिनट पर देश के पहले राष्ट्रपति डा. राजेंद्र प्रसाद ने 21 तोपों की सलामी के साथ संविधान को लाहगू किया था। भारत का संविधान दुनिया का सबसे बड़ा लिखित संविधान है, इसे बनने में कुल 2 साल 11 महीनें 18 दिन का समय लगा था। आपको शायद ही पता होगा कि भारत का संविधान कुल 251 पन्नों का है, जिसे प्रेम बिहारी नारायण रायजादा ने लिखा था। संविधान की मूलप्रति हिंदी और अग्रेजी दोनों में उपलब्ध है।संबंधित खबरें
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आदित्य सिंह author
मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम की नगरी अयोध्या का रहने वाला हूं। लिखने-पढ़ने का शौकीन, राजनीति और श...और देखें
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