Savitribai Phule से जुड़ी वो बातें जो स्टूडेंट्स को जरूर पता होनी चाहिए
सावित्रीबाई फुले का जन्म 3 जनवरी 1831 को नायगांव, महाराष्ट्र में हुआ था, इस दिन का इतिहास बेहद खास है, न सिर्फ महिलाओं को बल्कि पुरुषों को भी इस महत्वपूर्ण दिन के बारे में पता होना चाहिए, क्योंकि उनके पति ज्योतिराव फुले ने भी महिलाओं के शैक्षिक अधिकारों के लिए संघर्ष किया था।
Savitribai Phule से जुड़ी वो बातें जो स्टूडेंट्स को जरूर पता होनी चाहिए
आज 3 जनवरी है, आज के दिन वर्ष 1831 में सावित्रीबाई फुले का जन्म हुआ था, प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करने वाले सभी स्टूडेंट्स को इस दिन के बारे में जरूर से पता होना चाहिए। हालांकि इस दिन कुछ अन्य घटनाएं भी हुई, जैसे 3 जनवरी 1993 को अमेरिका और रूस में इस बात की संधि हुई कि वे अपने-अपने परमाणु हथियारों के भंडार को आधा कर देंगे। खैर, हम Savitribai Phule से जुड़ी वो बातें जानेंगे जो स्टूडेंट्स को जरूर पता होनी चाहिए।संबंधित खबरें
Savitribai Phule का योगदानसंबंधित खबरें
सावित्रीबाई फुले ने अपने पति ज्योतिराव फुले के साथ मिलकर महिलाओं के शैक्षिक अधिकारों के लिए संघर्ष किया। उन्होंने 1848 में भिडे वाडा में पुणे में एक स्कूल की स्थापना की। उन्होंने जाति और लिंग के आधार पर लोगों के साथ होने वाले भेदभाव और अनुचित व्यवहार को खत्म करने की दिशा में काम किया। लेकिन यह इतना आसान नहीं था, पति और पत्नी दोनों के लिए यह सफर कठिन रहा क्योंकि उन्हें समाज के विरोध का सामना करना पड़ा। संबंधित खबरें
सावित्रीबाई ने सुधार समाज सत्यशोधक समाज का गठन किया, जिसने बिना दहेज विवाह की प्रथा शुरू की। ज्योतिराव और सावित्रीबाई दोनों ने दो शैक्षिक ट्रस्ट शुरू किए।संबंधित खबरें
सावित्रीबाई ने महिलाओं के अधिकारों के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए महिला सेवा मंडल की भी शुरुआत की और बाल विवाह के खिलाफ अभियानों का नेतृत्व भी किया। यही कारण हैं कि उन्हें भारतीय नारीवाद की जननी के रूप में उन्हें पहचान मिलने लगी। उनके सम्मान में, पुणे विश्वविद्यालय का नाम बदलकर सावित्रीबाई फुले पुणे विश्वविद्यालय किया गया था।संबंधित खबरें
Savitribai Phule की शादीसंबंधित खबरें
सावित्रीबाई की शादी महज 9 साल की उम्र में कर दिया गया था, उनके पति ज्योतिराव फुले थे, शादी के समय सावित्रीबाई के पति की उम्र 13 साल थी। जिस समय सावित्रीबाई फुले का विवाह हुआ थी वह उस समय अनपढ़ थीं, जबकि उनके पति भी प्राइमरी क्लास में थे। लेकिन इसके बावजूद उन्होंने ऐसे काम किए जो उस समय लोग सोचते तक नहीं थे। वे उन गिनी चुनी महिलाओं में से थीं, जिन्होंने मुश्किल से पढ़ाई की, और खुद को शिक्षित किया। यहीं नहीं, उन्होंने गरीब तबके की महिलाओं को पढ़ाकर सशक्त बनाने के मकसद से ये स्कूल शुरू किया।संबंधित खबरें
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नीलाक्ष सिंह author
उत्तर प्रदेश की राजधानी, नवाबों के शहर लखनऊ का रहने वाला हूं। स्कूली शिक्षा, ग्रेजुएशन, पोस्ट ग्र...और देखें
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