UP: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का गोरखपुर हुआ जलमग्न, पंचायत भवन व घरो में चल रहे स्कूल

गोरखपुर में बाढ़ के चपेट से करीब 139 स्कूल जलमग्न हो गए हैं। हालांकि बेसिक शिक्षा अधिकारी (BSA) के निर्देश के बाद गांव के ऊंचे व सूखे इलाकों में पंचायत भवन व घरों में पढ़ाई का इंतजाम किया जा रहा है। छात्रों को एक वैकल्पिक स्थान पर स्थानांतरित कर दिया गया है, जहां कक्षाएं संचालित की जा रही हैं।

Gorakhpur

जलमग्न हुए जिले के 139 स्कूल

मुख्य बातें
  • गोरखपुर में बाढ़ से करीब 139 स्कूल जलमग्न हो गए हैं।
  • प्राइमरी व प्री प्राइमरी स्कूल का संचालन पंचायत भवन व घरों में किया जा रहा है।
  • पंचायत भवन व घरों में स्कूल के लिए की गई है पुख्ता व्यवस्था।

Gorakhpur: उत्तर प्रदेश में अक्टूबर में भारी बारिश के चलते नदियां उफान पर आ गई और नाले व जलाशय ओवर फ्लो करने लगे हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का गोरखपुर भी बाढ़ की चपेट में आ गया है। यहां आम जनमानस को समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। पिछले दिनों यहां दोगुनी रफ्तार से बाढ़ का प्रकोप बढ़ा है। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो गोरखपुर के करीब 140 गांव और 40 हजार से ज्यादा लोग बाढ़ से प्रभावित हुए हैं। हालांकि बाढ़ के हालात को देखते हुए प्रशासन सख्त हो गया है, जिले के 80 से अधिक बाढ़ चौकियों को अलर्ट कर दिया गया है और बाढ़ प्रभावित इलाकों में एनडीएरएफ की टीम तैनात कर दी गई है।

जिले के गोला तहसील की स्थिति अधिक दयनीय है। बाढ़ के चपेट में जिले के करीब 139 स्कूल आए हैं। हालांकि बेसिक शिक्षा अधिकारी के निर्देश के बाद गांव के ऊंचे व सूखे इलाकों में पंचायत भवन व घरों में पढ़ाई का इंतजाम किया जा रहा है। छात्रों को एक वैकल्पिक स्थान पर स्थानांतरित कर दिया गया है, जहां कक्षाएं संचालित की जा रही हैं। इस बात की जानकारी एएनआई ने ट्वीट कर दी। एएनआई ने ट्वीट कर बताया कि, बाढ़ के प्रकोप से जिले के प्राइमरी व अपर प्राइमरी स्कूल जलमग्न हो गए हैं। प्रशासन ने वैकल्पिक स्थानों पर कक्षाओं का संचालन किया है।

पंचायत भवन व घरों में स्कूल का संचालन

जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी आरके सिंह ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि, यदि कोई ग्रामीण अपने घर, जमीन या दुकान में ऊंचे स्थानों पर जगह उपलब्ध करवाता है, तो यहां कक्षाएं संचालित की जाएंगी। उन्होंने बताया कि बीएसए ने 20 प्राइमरी व अपर प्राइमरी स्कूलों को संचालित करने की व्यवस्था की है, बाकी स्कूलों के लिए भी जल्द ही व्यवस्था की जाएगी।

सभी शिक्षकों का आना अनिवार्य

तस्वीर में आप देख सकते हैं कि, किस प्रकार पंचायत भवन व गांव के घरों में कक्षाएं संचालित की जा रही हैं। यहां बच्चों के बैठने के लिए दरी का इंतजाम किया गया है। स्कूल के सभी नियम यहां लागू किए गए हैं, सभी शिक्षकों का आना अनिवार्य है। साथ ही छात्रों को यहां मिड-डे-मील भी उपलब्ध करवाया जा रहा है। स्थानीय लोगों का कहना है कि स्कूल से पानी निकालने के लिए पंपिंग सेट लगाए गए हैं, उम्मीद है कि जल्द ही इस समस्या का समाधान निकाला जाएगा।

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