Shaheed Diwas 2025: शहीद दिवस कब और क्यों मनाया जाता है, जानें इस दिन का इतिहास

Shaheed Diwas 2025, Mahatma Gandhi Punyatithi: भारतवर्ष में 30 जनवरी को शहीद दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस दिन राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की पुण्यतिथि मनाई (Shaheed Diwas 2025) जाती है। ऐसे में यहां आप जान सकते हैं कि शहीद दिवस कब और क्यों मनाया जाता है? क्या है शहीद दिवस (Shaheed Diwas 2025 Date) का इतिहास

Shaheed Diwas 2025: कब और क्यों मनाया जाता है शहीद दिवस

Shaheed Diwas 2025, Mahatma Gandhi Punyatithi: भारत में शहीद दिवस सालभर में दो बार 23 मार्च और 30 जनवरी को मनाया जाता है। 30 जनवरी को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की पुण्यतिथि मनाई (Shaheed Diwas 2025 Date) जाती है। साल 1948 में इस दिन नाथूराम गोडसे ने नई दिल्ली के बिड़ला भवन में राष्ट्रपिता महात्मी गांधी की गोली मारकर हत्या कर दी थी। इस दिन को भारतीय इतिहास में काले दिन के रूप में जाना जाता है। गांधी जी इतिहास के एक ऐसे पुरोधा हैं, जिसने अहिंसा के मार्ग पर चलते हुए ना केवल भारत को गुलामी की बेड़ियों से मुक्त करवाया बल्कि अंग्रेजी हुकूमत को जड़ से उखाड़ कर फेंक दिया। आज पूरे भारतवर्ष में महात्मा गांधी की पुण्यतिथि मनाई जा रही है। ऐसे में यहां हम आप जान सकते हैं कि शहीद दिवस कब और क्यों मनाया जाता है।

Shaheed Diwas 2025 Date: शहीद दिवस कब मनाया जाता है

भारत में शहीद दिवस सालभर में दो बार 30 जनवरी और 23 मार्च को मनाया जाता है। 30 जनवरी का दिन भारतीय इतिहास में काले अक्षर के रूप में दर्ज है। इस दिन हर साल महात्मा गांधी की पुण्यतिथि मनाई जाती है। 15 अगस्त 1947 को देश को आजादी मिलने के कुछ वर्ष बाद 30 जनवरी 1948 को नाथूराम गोडसे ने दिल्ली के बिड़ला भवन में महात्मा गांधी की गोली मारकर हत्या कर दी थी। गोडसे ने गांधी जी को तीन गोलियां मारी थी। महात्मा गांधी की हत्या के बाद पूरे देश में सनसनी फैल गई थी। इस दिन को ब्लैक डे के रूप में जाना जाता है।

वहीं 23 मार्च को देश के वीर क्रांतिकारियों भगत सिंह, सुखदेव, और राजगुरु को अंग्रेजी हुकूमत ने फांसी दी थी। इन्होंने देश को आजादी दिलाने के लिए अपने प्रांण न्योछावर दर दिए। यही कारण है कि प्रत्येक वर्ष 23 मार्च को शहीद दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस दिन स्कूल, कॉलेज और अन्य शैक्षणिक संस्थानों में विशेष कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। युवाओं को भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव की देशभक्ति से प्रेरणा लेने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है।

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