Solar Eclipse Reason in Hindi: सूर्य ग्रहण कैसे होता है और क्यों होता है, वजह जानकर रह जाएंगे दंग

Solar Eclipse 2024 Date and Time, Know Surya grahan kaise lagata hai: 08 अप्रैल को साल 2024 का पहला सूर्य ग्रहण लगने जा रहा है। सूर्य ग्रहण 08 अप्रैल को रात 9 बजकर 12 मिनट से शुरू होगा और इसका समापन रात 01 बजकर 20 मिनट पर होगा। जानें सूर्य ग्रहण कैसे होता है और क्यों होता है।

Solar Eclipse 2024

How Solar Eclipse Occur, Solar Eclipse Reason, Surya Grahan Kaise Lagta hai: 08 अप्रैल को साल 2024 का पहला सूर्य ग्रहण लगने जा रहा है। ये खग्रास सूर्य ग्रहण होगा। खग्रास ग्रहण तब होता है जब चंद्रमा सूर्य और पृथ्वी के बीच में आ जाता है। भारतीय समय के अनुसार, सूर्य ग्रहण 08 अप्रैल को रात 9 बजकर 12 मिनट से शुरू होगा और इसका समापन रात 01 बजकर 20 मिनट पर होगा। इस सूर्य ग्रहण अवधि 4 घंटे 25 मिनट की होगी। इस स्थिति में सूर्य का प्रकाश कुछ समय के लिए पृथ्वी पर जाने से रुक जाता है जिससे अंधेरा सा छा जाता है। इसे ही खग्रास सूर्य ग्रहण कहते हैं। अगर आप प्रतियोगी परीक्षा (Solar Eclipse Facts) की तैयारी में जुटे हैं या साइंस के छात्र हैं तो आपके लिए यह जानना बेहद जरूरी है कि सूर्य ग्रहण कैसे लगता है। आइये आज आपको हम बताएंगे कि सूर्य ग्रहण लगने का कारण क्या है।

Solar Eclipse Reason, Surya Grahan Kaise Lagta Hai

विज्ञान के मुताबिक सूर्य ग्रहण (Surya Grahan), सूर्य और पृथ्वी के बीच चंद्रमा के आने के कारण होता है। जब चंद्रमा सूर्य और पृथ्वी के बीच में आता है तो पृथ्वी से सूर्य का प्रकाश वाला भाग दिखाई नहीं देता है। पृथ्वी पर सूर्य का प्रकाश न पड़कर चंद्रमा की परछाई नजर आने लगती है, इस स्थिति को सूर्य ग्रहण कहा जाता है। चंद्रमा पृथ्वी के चारों ओर एक कक्षा में परिक्रमा करता है और उसी समय पृथ्वी भी सूर्य की परिक्रमा करती है। परिक्रमा के दौरान कभी-कभी चंद्रमा, सूर्य और पृथ्वी के बीच आ जाता है, साइंस में इसे ही सूर्य ग्रहण कहा जाता है।

Solar Eclipse Effects

पृथ्वी के कुछ हिस्सों दिन में भी शाम या रात की तरह अंधेरा सा छा जाता है। जब चंद्रमा, सूर्य और पृथ्वी के बीच आ जाता है तो इस दौरान सूर्य का प्रकाश पृथ्वी तक नहीं पहुंच पाता है। सूर्य ग्रहण हमेशा अमावस्या के दिन ही लगता है। क्योंकि अमावस्या में चंद्रमा पृथ्वी के कक्षीय समतल के निकट होता है। सूर्य ग्रहण तीन प्रकार के होते हैं। आंशिक सूर्य ग्रहण, वलयाकार सूर्य ग्रहण और पूर्ण सूर्य ग्रहण। सूर्य ग्रहण पृथ्वी के बहुत बड़े हिस्से में 100 मील से कम चौड़े या 2 या 3 हजार मील लंबे भूभाग से दिखाई पड़ता है।
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