नहीं कर पाए NEET क्वॉलिफाई, तो इन देशों में है डॉक्टर बनने का मौका
नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट -अंडर ग्रेजुएट यानी नीट यूजी 17 जुलाई को आयोजित की गई थी। परीक्षा में सफल छात्रों के लिए काउंसलिंग प्रक्रिया जारी है। हालांकि, नीट यूजी में असफल रहे छात्र विदेश के इन संस्थानों में सस्ती कीमत पर मेडिकल की पढ़ाई का सपना पूरा कर सकते हैं।
नीट यूजी का रिजल्ट 7 सितंबर को घोषित किया गया था।
एनटीए द्वारा नीट यूजी परीक्षा 17 जुलाई 2022 को भारत के 543 शहरों और विदेश के 14 शहरों में आयोजित की गई थी। वहीं, नीट रिजल्ट और फाइनल आंसर की 7 सितंबर 2022 को जारी किया गया। अब नीट यूजी काउंसलिंग प्रक्रिया 11 अक्टूबर से शुरू होगी और यह दिसंबर तक जारी रहने की संभावना है। नीट यूजी परीक्षा क्वालीफाई करने वाले छात्र इस प्रक्रिया में भाग लेंगे। हालांकि, नीट यूजी क्वालीफाई न कर पाने वाले छात्रों को निराश होने की जरूरत नहीं है। उनके लिए विदेश में सस्ती कीमत पर मेडिकल की पढ़ाई करने के कई अवसर उपलब्ध हैं।
भारत में मेडिकल की पढ़ाई के लिए छात्रों को नीट यूजी परीक्षा देनी होती है। यह परीक्षा साल में एक बार आयोजित की जाती है। इस साल नीट यूजी के लिए 18 लाख से अधिक अभ्यर्थियों ने आवेदन किया था। आंकड़ों के अनुसार आप समझ सकते हैं कि छात्रों के बीच कितना कंपटीशन है। वहीं, प्राइवेट संस्थानों में मेडिकल की पढ़ाई में करोड़ों रुपए खर्च हो जाते हैं। ऐसे में विदेश में मेडिकल की पढ़ाई करना एकमात्र विकल्प नजर आता है।
चीन, रूस और किर्गिस्तान समेत यहां से कर सकते हैं मेडिकल की पढ़ाई
छात्र रूस, यूक्रेन, फिलीपींस, किर्गिस्तान, कजाकिस्तान, चीन, नेपाल, बांग्लादेश और श्रीलंका सहित अन्य देशों में कम कीमत और अच्छे संसाधन में मेडिकल की पढ़ाई कर सकते हैं। हालांकि, भारत में प्रैक्टिस करने के लिए उन्हें लाइसेंस की आवश्यकता होगी। जिसके लिए फॉरेन मेडिकल ग्रैजुएट एग्जामिनेशन (FMGE) क्वालीफाई करना अनिवार्य है।
अमेरिका और ब्रिटेन को छोड़कर भारत के सबसे अधिक छात्र मेडिकल एजुकेशन के लिए चीन को महत्व देते हैं। यहां एमबीबीएस करने के लिए कुनमिंग मेडिकल यूनिवर्सिटी, नानजिंग मेडिकल कॉलेज और चाइना मेडिकल यूनिवर्सिटी सहित अन्य प्रतिष्ठित संस्थान हैं। वहीं, रूस में मेडिकल की पढ़ाई के लिए कज़ान फेडरल यूनिवर्सिटी, बशखिर स्टेट मेडिकल यूनिवर्सिटी और अल्ताई स्टेट मेडिकल यूनिवर्सिटी सहित अन्य संस्थान हैं।
सीमावर्ती देश नेपाल की बात करें तो यहां नेशनल मेडिकल कॉलेज, नोबेल मेडिकल कॉलेज और चितवन मेडिकल कॉलेज है। जबकि, बांग्लादेश का एशियन मेडिकल कॉलेज और बीजीसी ट्रस्ट मेडिकल कॉलेज काफी प्रसिद्ध है। वहीं, कज़ाख़िस्तान का साउथ कज़ाख़िस्तान मेडिकल एकेडमी, अस्ताना मेडिकल यूनिवर्सिटी, अल फराबी कज़ाख़ नेशनल यूनिवर्सिटी छात्रों के बीच लोकप्रिय है।
अन्य विदेशी संस्थानों की तुलना में किर्गिस्तान में मेडिकल एजुकेशन की लागत काफी कम है। किर्गिस्तान में मेडिकल यूनिवर्सिटी अंतरराष्ट्रीय छात्रों के लिए कुल सीटों का लगभग 5% आरक्षित करते हैं। यहां से मिली डिग्री दुनिया भर में मान्यता प्राप्त है। छात्र यहां किर्गिस्तान स्टेट मेडिकल एकेडमी, एशियन मेडिकल इंस्टीट्यूट और खार्किव नेशनल मेडिकल यूनिवर्सिटी से पढ़ाई कर सकते हैं।
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